आग के आगोश में से मासूम को बचाने के लिए दौड़ा जांबाज कांस्टेबल, तस्वीर देख लोग बोले- आपके जज्बे को सलाम ‘खाकी’ h3>
करौली: राजस्थान के करौली शहर (Karauli) में नव संवत्सर पर हिंदू संगठनों की ओर से निकाली गई बाइक रैली (Bilke rally) पर पथराव के बाद लगाया गया कर्फ्यू (Karauli) सोमवार को भी जारी रहा। शनिवार को यहां हुई हिंसा और उपद्रव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। वायरल वीडियो और तस्वीरें इतनी भयावह है कि इसे देखने के बाद लोग सिहर उठ रहे हैं, लेकिन इसी बीच एक ऐसी तस्वीर भी सामने आई है, जो लोगों के मन में खाकी के लिए विश्वास पैदा कर रही है।
karauli
जाबांज पुलिस कांस्टेबल निकले असली हीरो
दरअसल यह तस्वीर राजस्थान पुलिस के एक कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा की है। तस्वीर में कांस्टेबल नेत्रेश आग की लपेटों के बीच से एक मासूम बच्चे को सीने से चिपकाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाता दिखाई दे रहे हैं।
ऐसे कैमरे में कैद हो गई तस्वीर
बताया जा रहा है कि यह नजारा कैमरे में तब कैद हुआ, जब हिंसा के बाद आगजनी के दौरान कई दुकानों- मकानों को बाजार में खरीदारी करनी आई दो महिलाएं बचने के लिए पास के एक मकान में छुप गईं। मकान भी चारों ओर से आग की लपटों में घिर गया तो महिलाएं व उनके साथ मौजूद बच्चा रोने लगा। बच्चे की आवाज सुनकर कॉन्स्टेबल नेत्रेश दौड़े और बच्चे को गोद में लेकर बाहर की तरफ भागे। पीछे-पीछे महिलाएं भी दौड़ पड़ीं। इस तरह तीनों बच गए।
राजस्थान पुलिस ने भी की तारीफ
अपने कांस्टेबल के जज्बे को राजस्थान पुलिस ने भी ट्वीट कर सलाम किया है। तस्वीर शेयर कर राजस्थान पुलिस ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट से लिखा है कि ‘एक मां को साथ लिए, सीने से मासूम को चिपकाए दौड़ते खाकी के कदम।’#RajasthanPolice के कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा के जज्बे को सलाम। करौली उपद्रव के बीच आमजन की सुरक्षा पुख्ता करने में जुटी पुलिस।
कांस्टेबल शर्मा ने बताई पूरी कहानी
मासूम बच्चे सहित तीन लोगों को सुरक्षित बचाने वाले कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा ने बताया कि मैं सिग्मा गाड़ी पर गश्त पर था। बाइक रैली सुबह 3.30 बजे रवाना हुई। 5 बजे हटवाड़ा रोड पहुंची। मैं 200 मीटर आगे गणेश गेट पर था। उपद्रव की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचा , तो देखा आगजनी हो रही है। इसी बीच वहां एक मकान में देखा, तो दिल दहल गया। तीन महिलाओं की चीखने – चिल्लाने की आवाज आ रही थी। एक महिला की गोद में 4 साल एक बच्चा था।
कांस्टेबल शर्मा बोले- चंद सेकेंड में लिया फैसला, क्योंकि फर्ज सबसे ऊपर
कांस्टेबल शर्मा ने बताया कि घटनास्थल पर भयावह स्थिति को देखते हुए मैंने तुरंत फैसला लिया। सिग्मा गाड़ी से उतरा और दौड़कर आग की लपटों के बीच से होते हुए मकान में घुस गया, क्योंकि फर्ज सबसे ऊपर है। शर्मा ने आगे मकान में बच्चे- महिलाओं के चेहरे पर जो दहशत थी वो कभी भुला नहीं सकता।
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जाबांज पुलिस कांस्टेबल निकले असली हीरो
दरअसल यह तस्वीर राजस्थान पुलिस के एक कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा की है। तस्वीर में कांस्टेबल नेत्रेश आग की लपेटों के बीच से एक मासूम बच्चे को सीने से चिपकाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाता दिखाई दे रहे हैं।
ऐसे कैमरे में कैद हो गई तस्वीर
बताया जा रहा है कि यह नजारा कैमरे में तब कैद हुआ, जब हिंसा के बाद आगजनी के दौरान कई दुकानों- मकानों को बाजार में खरीदारी करनी आई दो महिलाएं बचने के लिए पास के एक मकान में छुप गईं। मकान भी चारों ओर से आग की लपटों में घिर गया तो महिलाएं व उनके साथ मौजूद बच्चा रोने लगा। बच्चे की आवाज सुनकर कॉन्स्टेबल नेत्रेश दौड़े और बच्चे को गोद में लेकर बाहर की तरफ भागे। पीछे-पीछे महिलाएं भी दौड़ पड़ीं। इस तरह तीनों बच गए।
राजस्थान पुलिस ने भी की तारीफ
अपने कांस्टेबल के जज्बे को राजस्थान पुलिस ने भी ट्वीट कर सलाम किया है। तस्वीर शेयर कर राजस्थान पुलिस ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट से लिखा है कि ‘एक मां को साथ लिए, सीने से मासूम को चिपकाए दौड़ते खाकी के कदम।’#RajasthanPolice के कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा के जज्बे को सलाम। करौली उपद्रव के बीच आमजन की सुरक्षा पुख्ता करने में जुटी पुलिस।
कांस्टेबल शर्मा ने बताई पूरी कहानी
मासूम बच्चे सहित तीन लोगों को सुरक्षित बचाने वाले कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा ने बताया कि मैं सिग्मा गाड़ी पर गश्त पर था। बाइक रैली सुबह 3.30 बजे रवाना हुई। 5 बजे हटवाड़ा रोड पहुंची। मैं 200 मीटर आगे गणेश गेट पर था। उपद्रव की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचा , तो देखा आगजनी हो रही है। इसी बीच वहां एक मकान में देखा, तो दिल दहल गया। तीन महिलाओं की चीखने – चिल्लाने की आवाज आ रही थी। एक महिला की गोद में 4 साल एक बच्चा था।
कांस्टेबल शर्मा बोले- चंद सेकेंड में लिया फैसला, क्योंकि फर्ज सबसे ऊपर
कांस्टेबल शर्मा ने बताया कि घटनास्थल पर भयावह स्थिति को देखते हुए मैंने तुरंत फैसला लिया। सिग्मा गाड़ी से उतरा और दौड़कर आग की लपटों के बीच से होते हुए मकान में घुस गया, क्योंकि फर्ज सबसे ऊपर है। शर्मा ने आगे मकान में बच्चे- महिलाओं के चेहरे पर जो दहशत थी वो कभी भुला नहीं सकता।