आकाशीय बिजली से सुरक्षित रहेगा राम मंदिर: श्रीराम के पुराने टेंट और सिंहासन भी भक्तों को दिलाएंगा ऐहसास, ध्वज की स्थापना मे लगेगा समय – Ayodhya News

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आकाशीय बिजली से सुरक्षित रहेगा राम मंदिर:  श्रीराम के पुराने टेंट और सिंहासन भी भक्तों को दिलाएंगा ऐहसास, ध्वज की स्थापना मे लगेगा समय – Ayodhya News

आकाशीय बिजली से सुरक्षित रहेगा राम मंदिर: श्रीराम के पुराने टेंट और सिंहासन भी भक्तों को दिलाएंगा ऐहसास, ध्वज की स्थापना मे लगेगा समय – Ayodhya News

अयोध्या के सर्किट हाउस में तीसरे दिन की निर्माण समिति की बैठक चल रही है।

श्री राम मंदिर भवन निर्माण समिति की अंतिम दिन की बैठक रविवार को अयोध्या के सर्किट हाउस में हो रही है। मंदिर के निर्माण से जुड़े अंतिम चरणों पर चर्चा की जा रही है। समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने शनिवार को बैठक के मुख्य बिंदुओं की जानकारी देते हुए

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सर्किट हाउस में आज कई मुद्दों पर होगी चर्चा।

परकोटे से मंदिर को जोड़ने के लिए लिफ्ट और ब्रिज का होगा निर्माण

नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि मुख्य चुनौती अब परकोटे से मंदिर को जोड़ना है। इसके लिए मंदिर के पश्चिमी दिशा में एक लिफ्ट और एक ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है, जो श्रद्धालुओं की आवाजाही को सरल बनाएगा। कार्य तेजी से प्रगति पर है। यह मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधा बढ़ाने का कार्य है। यह निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है और इसे जल्द ही पूरा करने की योजना है।

भगवान श्रीराम के पुराने टेंट और सिंहासन को संरक्षित किया जाएगा

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि बैठक में अस्थाई मंदिर को लेकर भी चर्चा हुई। चूंकि यह ऊंचाई पर बना है, इसलिए दर्शनार्थियों की सुविधा को देखते हुए उसकी ऊंचाई कम करने की योजना है। साथ ही मंदिर की लकड़ी की मजबूती को लेकर तकनीकी विचार-विमर्श भी हुआ। भक्तों की भावनाओं को देखते हुए भगवान श्रीराम जिस टेंट में थे, वह टेंट ट्रस्ट के पास सुरक्षित है और उसे मंदिर परिसर में स्मृति चिह्न के तौर पर रखा जाएगा। 1949 में भगवान जिस सिंहासन पर विराजमान थे, वह भी मिल चुका है और उसे भी दर्शन के लिए प्रदर्शित किया जाएगा। यह श्रद्धालुओं को यह सोचने की प्रेरणा देगा कि भविष्य में फिर से ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।

शिखर पर लगेगी दो विशेष लाइटें

राम मंदिर के शिखर पर दो प्रकार की विशेष लाइटें लगाई जा रही हैं। पहली एविएशन सिग्नल लाइट होगी, जो हवाई जहाजों को मंदिर की ऊंचाई का संकेत देगी, वहीं दूसरी ‘अरेस्टर लाइट’ होगी, जो आकाशीय बिजली से मंदिर को सुरक्षा प्रदान करेगी। शिखर पर केवल ध्वज लगाने का कार्य शेष रह गया है, जो अगले तीन से चार महीनों में पूरा किया जाएगा।

शिखर निर्माण 30 जून तक होगा पूर्ण

राम मंदिर के शिखर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और इसे आगामी 30 जून 2025 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है।

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