असिस्टेंट मैनेजर ने 201 फर्जी एंट्री कर निकालें 76 लाख: पाली के मिनी सहकारी बैंक में 2 साल तक की हेराफेरी, एफआईआर दर्ज – Pali (Marwar) News

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असिस्टेंट मैनेजर ने 201 फर्जी एंट्री कर निकालें 76 लाख:  पाली के मिनी सहकारी बैंक में 2 साल तक की हेराफेरी, एफआईआर दर्ज – Pali (Marwar) News

असिस्टेंट मैनेजर ने 201 फर्जी एंट्री कर निकालें 76 लाख: पाली के मिनी सहकारी बैंक में 2 साल तक की हेराफेरी, एफआईआर दर्ज – Pali (Marwar) News

तस्वीर पाली में बिजोवा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड के मिनी सहकारी बैंक ऑफिस की है।

पाली में किसानों को लोन देने के नाम पर सहकारी समिति के मिनी बैंक के असिस्टेंट मैनेजर ने 76 लाख रुपए का गबन कर दिया। 2 साल में असिस्टेंट मैनेजर ने 201 से ज्यादा एंट्री की और सैकड़ों किसानों के खातों में निर्धारित से कम रकम ट्रांसफर की और किसानों की जमा

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बैंक की आंतरिक जांच हुई तो मामले का खुलासा हुआ। प्रारंभिक जांच के बाद असिस्टेंट मैनेजर को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं 13 मार्च को रानी थाने में समिति ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर जांच की मांग की है।

रानी थाने के SHO पन्नालाल ने बताया- बिजोवा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड बिजोवा मिनी सहकारी बैंक के वर्तमान व्यवस्थापक सोनाराम और उपाध्यक्ष लच्छाराम चौधरी ने 13 मार्च को थाने में रिपोर्ट दी। बताया- बिजोवा ग्राम सेवा सहकारी समिति और मिनी सहकारी बैंक के तत्कालीन असिस्टेंट मैनेजर विक्रमसिंह पुत्र भींमसिंह निवासी आकड़ावास (रानी) ने समिति के दस्तावेजों में हेराफेरी करते हुए 76 लाख 65 हजार 394 रुपए और 56 पैसे का गबन किया। मामले में जांच शुरू कर दी है।

यह है पूरा मामला रिपोर्ट में बताया- दी पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक पाली में सहायक अधिशाषी अधिकारी श्रवणसिंह खंगारोत ने आंतरिक जांच की। इसमें सामने आया कि विक्रमसिंह ने वित्तीय वर्ष 2022-23 और वर्ष 2023-24 में 200 से ज्यादा एंट्री की।

आरोपी ने रबी और खरीफ फसलों के लोन देने के नाम पर कूटरचित दस्तावेज बनाकर लोन दिए और मिनी बैंक के बजट में भी गड़बड़ की। बैकिंग कॉरस्पोंडेंट में पैसे जमा किए गए, लेकिन रसीद नहीं दी गई। इसके बाद 31 मई 2024 को विक्रमसिंह को संचालक मंडल ने सस्पेंड कर दिया। 13 मार्च को रानी थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया।

दरअसल, समिति से रबी और खरीफ की फसल खेत में बोने के इच्छुक किसान समिति में लोन लेने आते है। बायोमेट्रिक से उनका फिंगर प्रिंट लेकर लोन स्वीकृत किया जाता है। समिति प्रबंधन के अनुसार- विक्रम सिंह ने किसान का 50 हजार रुपए का लोन पास करवाया, लेकिन उसके खाते में ट्रांसफर 40 हजार रुपए किए। ऐसा कई किसानों के साथ किया। जबकि मिनी बैंक के अकाउंट में भी गड़बड़ी होने की जानकारी सामने आई है।

प्रबंध निदेशक बोले- FIR दर्ज करवाई, वसूली की कार्रवाई होगी दी पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक प्रशांत कल्ला ने बताया- बैंक के सहायक अधिशाषी अधिकारी श्रवणसिंह खंगारोत की जांच में 76 लाख 65 हजार 394 रुपए और 56 पैसे का गबन और अनियमितता का मामला सामने आया था। असिस्टेंट मैनेजर विक्रम सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2011 की धारा 55 के तहत जांच करवाई जा रही है।

प्रबंधन निदेशक ने बताया- गबन बैकिंग कॉरस्पोंडेंट से होने वाले लेन- देन, किसानों को दिए जाने वाले रबी- खरीफ के फसली लोन में किया गया, जो जांच में पकड़ में आ चुका है। मामले में वसूली की कार्रवाई होगी।

समिति एक साल में 8 करोड़ का लोन बांटती है पाली सेंट्रल कॉ-ऑपरेटिव बैंक समितियों के जरिए जिलेभर में किसानों को रबी और खरीफ की फसल के लिए लोन देती है। बिजोवा ग्राम सेवा सहकारी समिति साल में दो बार रबी और खरीफ की फसल के लिए क्षेत्र के 492 किसानों को सोसाइटी के रूप में बिना ब्याज के करीब 8 करोड़ का फसली लोन (रबी- खरीफ) वितरित करती है। यह लोन किसानों को उनकी साख सीमा के आधार पर बिना ब्याज के दिया जाता है, जिसकी सीमा 25 हजार से अधिकतम डेढ़ लाख रुपए तक एक किसान के लिए होती है।

सोसाइटी के मिनी सहकारी बैंक में 7 करोड़ जमा बिजोवा सहकारी समिति में मिनी बैंक भी है। वर्तमान में मिनी बैंक में 1684 ग्रामीणों के सेविंग अकाउंट है। जिनमें करीब सात करोड़ रुपए पड़े है। हालांकि मामला सामने आने के बाद सोसाइटी की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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