अवमानना मामले में विजय माल्या को सजा होगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित किया फैसला h3>
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 9 हजार करोड़ रुपये की बैंक लोन धोखाधड़ी के आरोपी विजय माल्या (Vijay Mallya) के खिलाफ अवमानना मामले में सजा पर बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले में कोर्ट सलाहकार जयदीप गुप्ता की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के वकील से कहा है कि वह इस मामले में लिखित दलीलें पेश कर सकते हैं।
कोर्ट सलाहकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उम्मीद की जानी चाहिए कि माल्या को कोर्ट का नोटिस मिल चुका होगा। इस दौरान माल्या के वकील अंकुर सैगल ने कहा कि नोटिस के बारे में उन्हें बताया गया था और उनकी ओर से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। कोर्ट सलाहकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कई मौका दे चुका है और फिर भी वह पेश नहीं हुए, ऐसे में कार्रवाई आगे बढ़ाई जाए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच के सामने सजा पर कोर्ट सलाहकार जयदीप गुप्ता ने दलीलें पेश की।
2017 में माना गया अवमानना का दोषी
गौरतलब है कि माल्या पर बैंक का 9 हजार करोड़ रुपये बकाया है। दरअसल 9 जून 2017 को अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए माल्या ने अपने तीनों बच्चों के नाम 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर ट्रांसफर कर दिए थे, जिसके बाद उसे अदालत के आदेश के उल्लंघन के मामले में कंटेप्ट का दोषी ठहराया गया था। 2017 में माल्या को अवमानना का दोषी ठहराया गया था। लेकिन अब उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित किया गया है।
क्यों हो रही भारत लाने में देरी
पिछली सुनवाई में 18 जनवरी को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि बिजनेसमैन विजय माल्या के प्रत्यर्पण में देरी यूके में चल रही गुप्त कार्यवाही की वजह से हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के वकील को कहा था कि वह गुप्त कार्यवाही के बारे में बताए। वहीं केंद्र सरकार ने कहा था कि वह यूके में चल रही गुप्त कार्यवाही में पक्षकार नहीं है, लिहाजा उन्हें इस कार्यवाही के बारे में जानकारी का अभाव है। 31 अगस्त 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने कंटेप्ट ऑफ कोर्ट मामले में दोषी करार दिए गए विजय माल्या की रिव्यू पिटिशन खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि माल्या की अर्जी में कोई मेरिट नहीं है लिहाजा अर्जी खारिज की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पिटिशन खारिज करते हुए होम मिनिस्ट्री से कहा था कि माल्या को पांच अक्टूबर को दोपहर दो बजे कोर्ट के सामने पेश किया जाए। लेकिन पेशी नहीं हो पाई। गौरतलब है कि विजय माल्या को लंदन में अप्रैल 2017 में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
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कोर्ट सलाहकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उम्मीद की जानी चाहिए कि माल्या को कोर्ट का नोटिस मिल चुका होगा। इस दौरान माल्या के वकील अंकुर सैगल ने कहा कि नोटिस के बारे में उन्हें बताया गया था और उनकी ओर से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। कोर्ट सलाहकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कई मौका दे चुका है और फिर भी वह पेश नहीं हुए, ऐसे में कार्रवाई आगे बढ़ाई जाए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच के सामने सजा पर कोर्ट सलाहकार जयदीप गुप्ता ने दलीलें पेश की।
2017 में माना गया अवमानना का दोषी
गौरतलब है कि माल्या पर बैंक का 9 हजार करोड़ रुपये बकाया है। दरअसल 9 जून 2017 को अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए माल्या ने अपने तीनों बच्चों के नाम 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर ट्रांसफर कर दिए थे, जिसके बाद उसे अदालत के आदेश के उल्लंघन के मामले में कंटेप्ट का दोषी ठहराया गया था। 2017 में माल्या को अवमानना का दोषी ठहराया गया था। लेकिन अब उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित किया गया है।
क्यों हो रही भारत लाने में देरी
पिछली सुनवाई में 18 जनवरी को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि बिजनेसमैन विजय माल्या के प्रत्यर्पण में देरी यूके में चल रही गुप्त कार्यवाही की वजह से हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के वकील को कहा था कि वह गुप्त कार्यवाही के बारे में बताए। वहीं केंद्र सरकार ने कहा था कि वह यूके में चल रही गुप्त कार्यवाही में पक्षकार नहीं है, लिहाजा उन्हें इस कार्यवाही के बारे में जानकारी का अभाव है। 31 अगस्त 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने कंटेप्ट ऑफ कोर्ट मामले में दोषी करार दिए गए विजय माल्या की रिव्यू पिटिशन खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि माल्या की अर्जी में कोई मेरिट नहीं है लिहाजा अर्जी खारिज की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पिटिशन खारिज करते हुए होम मिनिस्ट्री से कहा था कि माल्या को पांच अक्टूबर को दोपहर दो बजे कोर्ट के सामने पेश किया जाए। लेकिन पेशी नहीं हो पाई। गौरतलब है कि विजय माल्या को लंदन में अप्रैल 2017 में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
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