अलीगढ़ में 11 BSA, 34 BEO समेत 55 पर FIR: बन्नादेवी थाने में दर्ज कराया गया मुकदमा, 4.9 करोड़ के पीएफ घोटाले में पाए गए हैं दोषी – Aligarh News h3>
पीएफ घोटाले में अलीगढ़ में तैनात अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा विभाग में कर्मचारियों को प्रॉविडेंट फंड (PF) के घोटाले के मामले में 55 अधिकारी और एक दर्जन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। वर्तमान बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने बन्नादेवी थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करा
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विभाग में कर्मचारियों का पीएफ जमा करने में 4 करोड़ 92 लाख रुपए का घोटाला हुआ था। जिसकी शिकायत एक रिटायर्ड कर्मचारी ने की थी। मामले की शिकायत मिलने के बाद एडी बेसिक स्तर के अधिकारियों ने जांच की थी और पाया था कि कर्मचारियों का पीएफ जमा करने में घोटाला हुआ था। इसकी रिपोर्ट शासन को भी भेजी गई थी।
टप्पल के कर्मचारी ने की थी शिकायत
अलीगढ़ के टप्पल ब्लाक से रिटायर हुए शिक्षक जगदीश प्रसाद ने कर्मचारियों के पीएफ में गड़बड़ी की शिकायत की थी। जिसके बाद तात्कालीन डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट विनीत कुमार और वरिष्ठ कोषाधिकारी से मामले की जांच कराई थी। इसमें कई अभिलेख गायब मिले और दस्तावेजों में भी गड़बड़ियां थी। जिसके बाद शासन से जांच टीम बनी थी।
जांच में सामने आया बड़ा घोटाला
शासन के आदेश होने के बाद तात्कालीन एडी बेसिक डॉ इंद्र प्रकाश सिंह सोलंकी और वित्त एवं लेखाधिकारी प्रशांत कुमार ने मामले की जांच की। जिसमें सामने आया कि 2003 से 2013 तक अलीगढ़ में तैनात रहे अधिकारियों ने बड़ी गड़बड़ियां और घोटाले किए हैं। कर्मचारियों की पीएफ राशि उनके खातों में भेजी ही नहीं गई। इसकी रिपोर्ट 7 जनवरी 2022 को शासन को भेजी गई थी। जिसमें 4.92 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की बात थी।
2003 से 2013 तक के अधिकारी बने आरोपी
बीएसए डॉ राकेश सिंह ने तहरीर देकर 2003 से 2013 तक अलीगढ़ जिले में कार्यरत रहे 11 बेसिक शिक्षा अधिकारी, 34 ब्लाक शिक्षा अधिकारी, 10 वित्त एवं लेखा अधिकारी समेत एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारी को पीएफ व लेखा पटल में कार्यरत रहे हैं, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
यह अधिकारी रहे हैं तैनात
अलीगढ़ में 2003 से 2013 तक में दिनेश सिंह, पुष्पा सिंह, अलताफ अंसारी, मनोज कुमार, डा. मुकेश कुमार सिंह, एमपी सिंह, डा. महेंद्र प्रताप सिंह, एसपी यादव, संजय शुक्ला, धीरेंद्र कुमार यादव बतौर बीएसए तैनात रहे। वहीं 10 वित्त एवं लेखाधिकारी में चंद्रभूषण पांडेय, लल्लन प्रसाद, लेखराज, जितेंद्र सिंह, अखलाक खां, कैलाश चंद्र सक्सेना, प्रदीप कुमार, मुरारी लाल, मनोज कुमार सिंह, डा. अनिल कुमार यादव की तैनाती रही।
इन 10 सालों में 34 ब्लाक शिक्षा अधिकारी भी कार्यरत रहे। इसमें हरिकिशोर सिंह, मो. अजहरे आलम, बुद्धसेन सिंह, कैलाश चंद्र पांडेय, अमित सक्सेना, उदित कुमार, सर्वेश कुमार, छोटेलाल, ओम प्रकाश यादव, अमित कुमार गुप्ता, चंद्रभूषण प्रसाद, सुनील कुमार, वंदना सैनी, मजुद्दीन अंसारी, जयपाल सिंह, अनिल कुमार, अखिलेश यादव, विनोद कुमार, गिरिराज सिंह, हेमलता, आलोक प्रताप श्रीवास्तव, वीरेंद्र सिंह, अखिलेश प्रताप सिंह, दीप्ति, गोपाल त्यागी, राज लक्ष्मी पांडेय, सर्वेश सिंह, अरुण कुमार, राकेश यादव, संजय भारती, अनिल कुमार सिंह, श्याम कुमार, तारकेश्वर पांडेय व केएल वर्मा के नाम शामिल हैं।
किस ब्लाक में कितना घोटाला
2003 से 2013 के दौरान जिले के हर ब्लाक में गड़बड़ी की गई है। इसमें सबसे ज्यादा बड़ा घोटाला टप्पल ब्लाक में सामने आया है, जो 190. 29 लाख रुपए का है। इसके बाद गोंडा में 92.17 लाख, अकराबाद में 43.94 लाख, जवां में 42.49 लाख, अतरौली में 7.18 लाख, बिजौली में 3.93 लाख, खैर में 26.41 लाख, लोधा में 38.59 लाख, धनीपुर में 16.02 लाख, गंगीरी में 2.88 लाख, चंडौस में 17.26 लाख और इगलास में 7.96 लाख की गड़बड़ी सामने आई है।
कर्मचारियों को दिलाया जाएगा न्याय
बीएसए डॉ राकेश सिंह ने बताया कि कर्मचारियों के पीएफ में हुई गड़बड़ियों के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है। शासन के निर्देशों के बाद कार्रवाई की गई है। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और कर्मचारियों को न्याय दिलाया जाएगा।