अर्थव्यवस्था में मत्स्य पालन की महत्वपूर्ण भूमिका: खाद्य सुरक्षा और आजीविका को देता है मजबूती; केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने बताया महत्व – Indore News h3>
खाद्य सुरक्षा, आजीविका और अर्थव्यवस्था में मत्स्यपालन क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारे देश में लगभग 3 करोड़ लोग सीधे तौर पर अपनी आजीविका के लिए मछली पालन पर निर्भर हैं। इसके समग्र विकास के लिए मछुआरों और उद्यमियों का कल्याण और उनकी सहायता आवश्य
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यह बात केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने देपालपुर में कही। वे यहां राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) पर रजिस्ट्रेशन के लिए आयोजित मोबिलाइजेशन शिविर को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मत्स्य कल्याण और मत्स्य पालन विभाग मंत्री नारायण सिंह पंवार, सांसद शंकर लालवानी और निदेशक मत्स्य पालन विभाग रवि कुमार विशेष रूप से मौजूद थे।
मंत्री कुरियन ने संवर्धित झींगा के शीर्ष उत्पादक और जलीय कृषि तथा मछली के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक के रूप में भारत के वैश्विक नेतृत्व पर जोर दिया। उन्होंने 2020 में 20,050 करोड़ के निवेश के साथ शुरू की गई प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और 2023-27 के लिए 6,000 करोड़ की लागत के साथ एक नई उप-योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएमएमकेएसएसवाई) को मिली मंजूरी पर चर्चा की।
उन्होंने मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक बनाने के लिए 11 सितंबर, 2024 को लॉन्च किए गए राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) पर भी प्रकाश डाला, जिसमें पहले ही 18 लाख हितधारक पंजीकृत हो चुके हैं। उन्होंने सभी हितधारकों से एनएफडीपी पर पंजीकरण करने और योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया।
इसके अलावा राज्य मंत्री ने मध्य प्रदेश में 25 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ स्वीकृत एक्वा पार्क और अनुसंधान केंद्र के महत्व पर जोर दिया। इस एक्वा पार्क का उद्देश्य क्षमता निर्माण के माध्यम से राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ाना है। इसके अतिरिक्त मछली की खपत को बढ़ावा देने और मत्स्य उत्पादों के लिए बाजार पहुंच में सुधार करने के लिए एक फिश पार्लर का उद्घाटन किया गया।