अयोध्या में सरकारी डॉक्टर मरीजों को करता था मजबूर: भाई की मेडिकल शॉप से ही दवा खरीदने का बनाता था दबाव, खोली थी प्राइवेट क्लीनिक – Ayodhya News

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अयोध्या में सरकारी डॉक्टर मरीजों को करता था मजबूर:  भाई की मेडिकल शॉप से ही दवा खरीदने का बनाता था दबाव, खोली थी प्राइवेट क्लीनिक – Ayodhya News

अयोध्या में सरकारी डॉक्टर मरीजों को करता था मजबूर: भाई की मेडिकल शॉप से ही दवा खरीदने का बनाता था दबाव, खोली थी प्राइवेट क्लीनिक – Ayodhya News

अयोध्या9 मिनट पहले

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अयोध्या के सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय, कुमारगंज के चिकित्सक डॉ. अरविंद मौर्या के खिलाफ बीजेपी नेता डॉ. रजनीश सिंह द्वारा लगाए गए निजी प्रैक्टिस और मरीजों को अपने भाई के मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने के लिए मजबूर करने के आरोपों की जांच पूरी हो चुकी है।

तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में डॉ. मौर्या को दोषी पाया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है।

डॉ. रजनीश सिंह ने फरवरी 2025 में शिकायत दर्ज की थी कि डॉ.मौर्या अस्पताल से कुछ दूरी पर स्थित अपनी निजी क्लीनिक ‘जीवन क्लीनिक’ में प्रैक्टिस कर रहे हैं और मरीजों को अस्पताल के सामने अपने भाई अरुण मौर्या के मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदने के लिए बाध्य करते हैं।

इस शिकायत के आधार पर एक जांच कमेटी का गठन किया गया,जिसकी अध्यक्षता अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव ने की। कमेटी में जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. राम मणि शुक्ला और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.वेद प्रकाश त्रिपाठी भी शामिल थे।

जांच कमेटी ने 7 अप्रैल को अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को सौंप दी। जांच में पाया गया कि डॉ. मौर्या द्वारा निजी प्रैक्टिस और मरीजों को बाहर से दवाएं लिखने के आरोप सही हैं।

कमेटी ने डॉ. मौर्या को अन्य जनपद में स्थानांतरित करने और भविष्य में ऐसी गतिविधियों की पुनरावृत्ति न करने के लिए कठोर चेतावनी जारी करने की सिफारिश की है। साथ ही, उन्हें भविष्य में निजी प्रैक्टिस न करने का शपथ पत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.सुशील कुमार बलियान ने बताया कि जांच आख्या को लखनऊ मुख्यालय भेज दिया गया है, क्योंकि सौ शैय्या अस्पताल उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और इसकी सभी प्रशासनिक कार्यवाहियां लखनऊ से संचालित होती हैं।

उन्होंने कहा,”जांच रिपोर्ट के आधार पर लखनऊ मुख्यालय द्वारा डॉ. मौर्या के स्थानांतरण या विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।

जांच में दोषी पाएंगे डॉक्टर अरविंद मौर्या से जब बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे बात नहीं हो सकी।वहीं अस्पताल सूत्रों की माने तो जिन डॉक्टरों को जांच कमेटी में जांच के लिए रखा गया था वह कभी जांच करने आए ही नहीं।

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