अयोध्या में शब्दवेधी बाण चलाने की रोचक कला का प्रदर्शन: धनुर्धर आशुतोष कुमार सिंह और उनके धनंजय सिंह ने सूक्ष्म धागे को बेधकर लक्ष्य हासिल किया – Ayodhya News h3>
कारसेवकपुर में हरदोई उत्तर प्रदेश से आये धनुर्धर आशुतोष कुमार सिंह और उनके पुत्र धनंजय सिंह अपनी कला से सबका मन मोह लिया।
श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास दिल्ली का दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन रविवार को कारसेवकपुरम में अयोध्या जी में संपन्न हो गया। रविवार की सुबह कारसेवकपुरम से नयाघाट सरयू नदी तक एक शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में लोग सम्मिलि
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लक्ष्य भेदी बाण ने पहले धागे को काट उससे जुड़ी माला संगठन के नेता के गले में पहना दिया।
कार्यकर्ता सम्मेलन के अंतिम चरण में त्रेतायुगीन शब्द वेधी बाण चलाने की रोचक कला का प्रदर्शन किया गया। हरदोई उत्तर प्रदेश से आये धनुर्धर आशुतोष कुमार सिंह और उनके पुत्र धनंजय सिंह ने विभिन्न प्रकार से सूक्ष्म धागे को बेधकर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
डाक्टर राम अवतार के नेतृत्व में भारत के लगभग सभी प्रांतों से 150 से अधिक क्षेत्रीय समितियों के कार्यकर्ताओं ने अपने पूर्वजों को साक्षी रखकर 290 राम वनगमन तीर्थों की रक्षा , विकास और प्रचार प्रसार का संकल्प लिया।
इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन में दिल्ली से आये भारतीय आयकर विभाग के प्रधान महानिदेशक नासिर अली ने विश्व व्यापी राम विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि राम कण कण में विराजमान हैं यह कहना केवल साहित्यिक बात नहीं है बल्कि दुनिया की भौगोलिक सच्चाई है जिसका संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
उन्होंने अपने शोधपत्र में इराक, ईरान , अफगानिस्तान, तुर्की, मिश्र, दमिश्क सहित अनेक इस्लामिक देशों का चित्र सहित उदाहरण देते हुए कहा कि ये सभी प्रमाण साबित करते हैं कि राम के संबंध वर्तमान काल के दुनिया के अनेक देशो के साथ हैं। श्री नासिर अली ने कहा इस्लामिक देश ही नहीं बल्कि यूरोप के अनेक देश और लैटिन अमरीकी देशों में भी राम लक्ष्मण और सीता सहित हनुमान के चित्र मिले हैं।
उन्होंने कहा कि विश्व गुरू बनने की योग्यता केवल भारत में है और समय आ गया जब भारत पुनः इस स्थान को प्राप्त करे। इस सम्मेलन में दिल्ली से आये रविन्द्र शर्मा ने अपने अपने राम और राम कालीन समाज व्यवस्था पर शोधपत्र प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास अध्यक्ष डाक्टर राम अवतार ने कहा कि यह राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन न्यास द्वारा अयोध्या में बनाये जा रहे भव्य अंतरराष्ट्रीय श्रीराम संग्रहालय के विविध पक्षों पर गहन विचार विमर्श के लिए आयोजित किया गया जिसमें अन्तराष्ट्रीय स्तर के विद्वानों ने भाग लिया।
डाक्टर राम अवतार ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में प्रतिदिन तीन सत्र आयोजित किये गये जिसमें प्रत्येक सत्र में चार विद्वानों ने अपने अपने विषय पर वाल्मीकि रामायण और श्रीराम चरित मानस सहित अन्य रामायण के आधार पर शोध पत्र रखा। डाक्टर राम अवतार ने कहा कि इन शोधपत्र के आधार पर न्यास द्वारा अयोध्या में बनाये जा रहे अंतर्राष्ट्रीय श्रीराम संग्रहालय में संबधित विषय को आडिओ विजुअल माध्यम के अलावा म्यूरल्स और पेंटिंग प्रदर्शित किये जायेंगे।
कल आयोजित सत्रों में संग्रहालय के भवन निर्माण औरवास्तु शिल्प पर प्रख्यात आर्किटेक्ट राकेश वत्स, रामायण कालीन अभियांत्रिकी पर इन्दौर से आये वरिष्ठ अभियंता और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के देश के प्रख्यात विद्वान श्रीनिवास कुटुंबले, रामायण कालीन विमान शास्त्र और पुष्पक विमान विषय पर भारतीय वायुसेना के अवकाश प्राप्त अधिकारी और प्राचीन भारत में विमान की अवधारणा पर शोधकर्ता विजय प्रसाद उपाध्याय, रामायण कालीन उपचार विषय पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नेचुरीपैथी विशेषज्ञ योगाचार्य राजेश कुमार तथा रामायण कालीन हथियार विषय पर पर दिल्ली से आये ब्रिगेडियर राज बहादुर शर्मा ने शोध पत्र प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम के अन्तिम सत्र में मणिराम दास छावनी के महन्त नृत्य गोपाल दास जी के उत्तराधिकारी कमल नयन दास जी ने सभा को आशीर्वचन देते हुए कहा कि स्थिति और परिस्थितयों को ध्यान में रखते हुए हिन्दू समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है।