अमेरिका की आंख में आंख डालकर भारत ने दिया जवाब, जयशंकर की हो रही जय-जय h3>
S Jaishankar attack on America: भारत के बारे में राय रखने के लिए कोई भी स्वतंत्र है, लेकिन यह ध्यान होना चाहिए कि भारत को भी अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। अमेरिका में मानवाधिकार के मामलों पर हमारी भी नजर है और खासतौर पर भारतीय समुदायों के हितों को लेकर हम चिंतित हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ओर से मानवाधिकार पर ज्ञान दिए जाने के बाद भारत यह तीखी टिप्पणी की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मीडिया से बात करते हुए अमेरिका पर जोरदार पलटवार किया। यह पहला मौका था, जब भारत को अकसर नसीहत देने वाले अमेरिका को इस तरह से जवाब में फजीहत झेलनी पड़ी है।
यूक्रेन और रूस के मसले पर भारत की कूटनीति की दुनिया भर में तारीफ हो रही है और अब इसी बीच अमेरिका को भी इसका अहसास कराया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल ही में भारत के साथ 2+2 डायलॉग के दौरान मानवाधिकार के मुद्दे को उठाया था। उनका कहना था कि हमारी भारत में मानवाधिकार के उल्लंघन के मामलों पर नजर है। इस पर मीडिया में जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, ‘हमारी मीटिंग के दौरान इसे लेकर कोई बात नहीं हुई। हमारे बारे में लोग बात करने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन हम भी उतने ही स्वतंत्र हैं कि हम उनके विचारों, हितों और लॉबी के बारे में बात करें, जिसके आधार पर वे बात करते हैं। मैं आपको बता दूं कि हम इस बारे में बात करने से हिचकेंगे नहीं।’
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि खासतौर पर जब भारतीय समुदाय के अमेरिका में मानवाधिकारों की बात आएगी तो हम चुप नहीं रहेंगे, जैसे कल ही एक घटना हुई है। बता दें कि अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सिख समुदाय के दो लोगों पर अटैक हुआ था। बीते 10 दिनों में यह दूसरी घटना थी। इससे पहले एक बुजुर्ग सिख व्यक्ति पर हमला हुआ था। इस तरह जयशंकर ने उदाहरण के साथ ही अमेरिका को करारा जवाब दिया है। अमेरिका को भारत से यह कड़ा रिएक्शन ऐसे वक्त में मिला है, जब वह लगातार यूक्रेन मसले पर साथ देने की मांग कर रहा था। इससे पहले हथियार और तेल की खरीद पर भी अमेरिका एवं यूरोपीय देशों को एस. जयशंकर खरी-खरी सुना चुके हैं। रूस से तेल की खरीद पर सवाल उठाने पर जयशंकर ने साफ कहा था कि मैं एक तथ्य पर ध्यान दिला दूं कि भारत जितना तेल रूस से एक महीने में लेता है, उतना तो यूरोपीय देश एक दोपहर में खरीद लेते हैं।
संबंधित खबरें
Good that Jaishankar has hit back diplomatically.Was needed to also prevent criticism at home that both he & RM didn’t respond to Blinken’s deliberate provocation. US talks about India as largest democracy & shared values but also disrespects our democracy as in Blinken’s remark. https://t.co/PDL74DTcka
— Kanwal Sibal (@KanwalSibal) April 13, 2022
पूर्व विदेश सचिव ने की जयशंकर की जमकर तारीफ
अमेरिका को आईना दिखाने पर एस. जयशंकर की कूटनीतिक हलकों में जमकर तारीफ हो रही है। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘जयशंकर ने कूटनीतिक रूप से अच्छा जवाब दिया है। भारत में भी ब्लिंकन की ओर से की गई ऐसी टिप्पणी का जवाब देना था, जब उन्होंने उकसाने का काम किया था। अमेरिका हमेशा भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताते हुए साझा मूल्यों की बात करता है और ब्लिंकन ने अपनी टिप्पणी से हमारे लोकतंत्र का अपमान करने की कोशिश की थी।’
‘हर साल अमेरिका में मानवाधिकारों पर रिपोर्ट पेश करे भारत’
उनके अलावा लेखक राजीव मल्होत्रा ने भी एस. जयशंकर की जमकर तारीफ की है। यही नहीं उन्होंने तो अमेरिका में मानवाधिकारों की स्थिति पर सालाना रिपोर्ट भी पेश करने का सुझाव दिया। मल्होत्रा ने ट्वीट किया, ‘शानदार ओपनिंग। अगला कदम यह होना चाहिए कि अमेरिका में मानवाधिकार की स्थिति पर भारत एक कमिशन का गठन करे। मेरी टीम ने 30 सालों तक यह काम किया है और हम इसमें मदद कर सकते हैं।’
S Jaishankar attack on America: भारत के बारे में राय रखने के लिए कोई भी स्वतंत्र है, लेकिन यह ध्यान होना चाहिए कि भारत को भी अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। अमेरिका में मानवाधिकार के मामलों पर हमारी भी नजर है और खासतौर पर भारतीय समुदायों के हितों को लेकर हम चिंतित हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ओर से मानवाधिकार पर ज्ञान दिए जाने के बाद भारत यह तीखी टिप्पणी की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मीडिया से बात करते हुए अमेरिका पर जोरदार पलटवार किया। यह पहला मौका था, जब भारत को अकसर नसीहत देने वाले अमेरिका को इस तरह से जवाब में फजीहत झेलनी पड़ी है।
यूक्रेन और रूस के मसले पर भारत की कूटनीति की दुनिया भर में तारीफ हो रही है और अब इसी बीच अमेरिका को भी इसका अहसास कराया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल ही में भारत के साथ 2+2 डायलॉग के दौरान मानवाधिकार के मुद्दे को उठाया था। उनका कहना था कि हमारी भारत में मानवाधिकार के उल्लंघन के मामलों पर नजर है। इस पर मीडिया में जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, ‘हमारी मीटिंग के दौरान इसे लेकर कोई बात नहीं हुई। हमारे बारे में लोग बात करने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन हम भी उतने ही स्वतंत्र हैं कि हम उनके विचारों, हितों और लॉबी के बारे में बात करें, जिसके आधार पर वे बात करते हैं। मैं आपको बता दूं कि हम इस बारे में बात करने से हिचकेंगे नहीं।’
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि खासतौर पर जब भारतीय समुदाय के अमेरिका में मानवाधिकारों की बात आएगी तो हम चुप नहीं रहेंगे, जैसे कल ही एक घटना हुई है। बता दें कि अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सिख समुदाय के दो लोगों पर अटैक हुआ था। बीते 10 दिनों में यह दूसरी घटना थी। इससे पहले एक बुजुर्ग सिख व्यक्ति पर हमला हुआ था। इस तरह जयशंकर ने उदाहरण के साथ ही अमेरिका को करारा जवाब दिया है। अमेरिका को भारत से यह कड़ा रिएक्शन ऐसे वक्त में मिला है, जब वह लगातार यूक्रेन मसले पर साथ देने की मांग कर रहा था। इससे पहले हथियार और तेल की खरीद पर भी अमेरिका एवं यूरोपीय देशों को एस. जयशंकर खरी-खरी सुना चुके हैं। रूस से तेल की खरीद पर सवाल उठाने पर जयशंकर ने साफ कहा था कि मैं एक तथ्य पर ध्यान दिला दूं कि भारत जितना तेल रूस से एक महीने में लेता है, उतना तो यूरोपीय देश एक दोपहर में खरीद लेते हैं।
संबंधित खबरें
Good that Jaishankar has hit back diplomatically.Was needed to also prevent criticism at home that both he & RM didn’t respond to Blinken’s deliberate provocation. US talks about India as largest democracy & shared values but also disrespects our democracy as in Blinken’s remark. https://t.co/PDL74DTcka
— Kanwal Sibal (@KanwalSibal) April 13, 2022
पूर्व विदेश सचिव ने की जयशंकर की जमकर तारीफ
अमेरिका को आईना दिखाने पर एस. जयशंकर की कूटनीतिक हलकों में जमकर तारीफ हो रही है। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘जयशंकर ने कूटनीतिक रूप से अच्छा जवाब दिया है। भारत में भी ब्लिंकन की ओर से की गई ऐसी टिप्पणी का जवाब देना था, जब उन्होंने उकसाने का काम किया था। अमेरिका हमेशा भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताते हुए साझा मूल्यों की बात करता है और ब्लिंकन ने अपनी टिप्पणी से हमारे लोकतंत्र का अपमान करने की कोशिश की थी।’
‘हर साल अमेरिका में मानवाधिकारों पर रिपोर्ट पेश करे भारत’
उनके अलावा लेखक राजीव मल्होत्रा ने भी एस. जयशंकर की जमकर तारीफ की है। यही नहीं उन्होंने तो अमेरिका में मानवाधिकारों की स्थिति पर सालाना रिपोर्ट भी पेश करने का सुझाव दिया। मल्होत्रा ने ट्वीट किया, ‘शानदार ओपनिंग। अगला कदम यह होना चाहिए कि अमेरिका में मानवाधिकार की स्थिति पर भारत एक कमिशन का गठन करे। मेरी टीम ने 30 सालों तक यह काम किया है और हम इसमें मदद कर सकते हैं।’