अमृतपाल सिंह पर NSA अवधी 22 अप्रैल को खत्म होगी: सरकार के फैसले का इंतजार; पंजाब पुलिस डिब्रूगढ़ में तैनात, 9 साथी पहले ही रिहा – Amritsar News

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अमृतपाल सिंह पर NSA अवधी 22 अप्रैल को खत्म होगी:  सरकार के फैसले का इंतजार; पंजाब पुलिस डिब्रूगढ़ में तैनात, 9 साथी पहले ही रिहा – Amritsar News

अमृतपाल सिंह पर NSA अवधी 22 अप्रैल को खत्म होगी: सरकार के फैसले का इंतजार; पंजाब पुलिस डिब्रूगढ़ में तैनात, 9 साथी पहले ही रिहा – Amritsar News

2023 में एक महीने से अधिक समय तक अमृतपाल सिंह अपने साथी पप्पलप्रीत सिंह पंजाब पुलिस से भागता रहा था।

खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस की एक टीम पहले से ही डिब्रूगढ़ जेल में मौजूद है। लेकिन अमृतपाल

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अमृतपाल सिंह पर लगाए गए NSA की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर डीसी ऑफिस की तरफ से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। अमृतसर ग्रामीण पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तक कोई विशेष टीम डिब्रूगढ़ नहीं भेजी गई है। जैसे ही सरकार की तरफ से कोई आदेश आएगा, अमृतपाल सिंह को लाने के लिए यहां से टीम भेज दी जाएगी।

पंजाब सरकार की तरफ से अमृतपाल सिंह समेत कुल 10 लोगों पर NSA लगाया गया था। जिसमें से 9 की NSA अवधि खत्म हो चुकी है। अमृतपाल सिंह की बात करें तो उन्हें 23 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार किया गया था। ऐसे में उनका NSA 22 अप्रैल को खत्म हो जाएगा।

बीते महीने अमृतपाल सिंह के साथियों को पंजाब लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। डीजीपी ने साफ किया था कि एक टीम वहीं तैनात की गई है, जो समय अवधि के समाप्त होने से पहले कागजी कार्य करेगी।

अमृतपाल सिंह के 9 साथी जो डिब्रूगढ़ जेल में थे

अमृतपाल सिंह से पहले उसके 9 साथी गिरफ्तार हो गए थे। जिन्हें गिरफ्तारी के साथ ही असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद करके रखा गया। बीते माह ही उनका एनएसए खत्म कर उन्हें पंजाब लाया गया था-

  • पपलप्रीत सिंह: अमृतपाल सिंह के प्रमुख सहयोगी।
  • भगवंत सिंह उर्फ ‘प्रधानमंत्री’ बाजेके: ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख सदस्य।
  • दलजीत सिंह कलसी: अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी और संगठन के प्रमुख सदस्य।
  • बसंत सिंह: संगठन के सक्रिय सदस्य।
  • गुरमीत सिंह: संगठन के सक्रिय सदस्य।
  • जीत सिंह: संगठन के सक्रिय सदस्य।
  • हरजीत सिंह: अमृतपाल सिंह के चाचा।
  • विक्रमजीत सिंह: संगठन के सदस्य।
  • लवप्रीत सिंह तूफान: संगठन का सदस्य।

अमृतपाल को जरनैल सिंह भिंडरांवाले के गांव से किया था गिरफ्तार

अमृतपाल सिंह की फरार होने की कहानी-

1. पुलिस ने 18 मार्च 2023 को पीछा शुरू किया

18 मार्च 2023 सुबह तकरीबन 11:15 बजे के करीब पुलिस ने प्लानिंग के अनुसार अमृतपाल की मर्सिडीज कार का पीछा शुरू किया। अमृतपाल को इसकी भनक लग चुकी थी। अमृतपाल ने अपनी मर्सिडीज शाहकोट-मोगा हाईवे पर बाजवा कलां गांव के पास बने फ्लाईओवर के नीचे छोड़ दी। मर्सिडीज को चाचा व ड्राइवर ले गए। इसके बाद वह एक ब्रेजा कार में बैठ भाग गया।

2. मर्सिडीज चाचा ले गया, अमृतपाल ब्रेज में सवार हो गया

ब्रेजा में अमृतपाल के ही एक शागिर्द मनप्रीत ने उसे दादोवाल गांव तक पहुंचाया। वहां उसने नशा मुक्ति केंद्र में युवकों से कपड़े लिए। इसके बाद मनप्रीत उसे नंगल अंबिया गांव में बने गुरुद्वारे में ले गया। यह ब्रेजा कार किसी और की नहीं, अमृतपाल के ही मीडिया एडवाइजर पपलप्रीत सिंह की थी।

3. गुरुद्वारे में ग्रंथी को बनाया बंधक

पुलिस के अनुसार अमृतपाल व उसके साथी गांव नंगल अंबिया के गुरुद्वारा में पहुंचे। यहां ग्रंथी को हथियारों के बल पर बंधक बनाया गया। एक घंटा वे यहां रुके। अमृतपाल ने खाना खाया, कपड़े बदले और अपना हुलिया भी।

4. फोन पर हरियाणा के रेवाड़ी में बातचीत

अमृतपाल सिंह के साथी गुरुद्वारा में उसे भगाने की प्लानिंग कर रहे थे। उसके साथियों ने हरियाणा के रेवाड़ी में किसी से बातचीत की। इसके बाद कार में ही वह गांव के एक स्मारक के पास पहुंचा। जहां दो बाइक पर तीन युवक पहले से ही उसका इंतजार कर रहे थे। यहां मनप्रीत ब्रेजा लेकर अपने घर पहुंच गया और अमृतपाल बाइक पर भाग गया।

5. मोगा के गांव रोडे से गिरफ्तारी

वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने 36 दिन की फरारी के बाद 22 अप्रैल 2023 को मोगा जिले में रोडे गांव के गुरुद्वारे से रविवार सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर अरेस्ट कर लिया गया। ये जरनैल सिंह भिंडरांवाला का गांव है। इसके बाद पंजाब पुलिस उसे बठिंडा के एयरफोर्स स्टेशन ले गई, जहां से वे डिब्रूगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया।

संगत ने चुनाव लड़वाया, ताकि जेल से बाहर आ सके

अमृतपाल को जेल से बाहर लाने के लिए संगत ने फैसला लिया कि उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 लड़वाया जाए। अमृतपाल इसके लिए राजी नहीं थे, तब माता-पिता और वकील ने जेल में जाकर उन्हें मनाया। चुनाव का कैंपेन भी पिता तरसेम सिंह ने ही संभाला। रिजल्ट आया, तो अमृतपाल 1.97 लाख वोट से जीत गया।

2027 विधानसभा चुनावों के लिए सीएम कैंडिडेट है अमृतपाल

पंजाब के खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल की नई पार्टी का ऐलान 14 जनवरी को माघ मेले के दौरान किया गया। इसका नाम ‘अकाली दल वारिस पंजाब दे’ रखा गया।

पार्टी का अध्यक्ष असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद सांसद अमृतपाल को बनाया गया है। अध्यक्ष अमृतपाल के जेल में होने के कारण पार्टी को चलाने के लिए कमेटी बनाई गई है। जिसने पंजाब में मैंबरशिप ड्राइव को शुरू भी कर दिया है। इतना ही नहीं, कुछ दिन पहले ही अमृतपाल सिंह की इस पार्टी ने उसे 2027 विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री कैंडिडेट भी ऐलान दिया है।

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