अमृतपाल सिंह पर एक साल और बढ़ा NSA: 23 अप्रैल से लागू होगा, हाईकोर्ट में अपील की तैयारी, पिता बोले-परिवार को जानकारी नहीं दी – Amritsar News h3>
खडूर साहिब से सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पर लगाया गया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। एनएसए बढ़ाए जाने को लेकर एक दस्तावेज सामने आया है। जिसके बाद यह साफ हो गया है कि अमृतपाल सिंह अब एक साल और असम की डिब
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अमृतपाल सिंह ने 18 अप्रैल को इस पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। नया एनएसए 23 अप्रैल से लागू होगा। अगर इसकी अवधि तीसरी बार बढ़ाई जाती है तो परिवार पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा कि देश में सिखों के लिए अलग कानून चल रहा है।
उन्होंने एनएसए बढ़ाए जाने को लोकतंत्र और खडूर साहिब के मतदाताओं के साथ विश्वासघात बताया। उनका कहना है कि अमृतपाल के जेल में होने के बावजूद राज्य में अपराध और हिंसा की घटनाएं हो रही हैं, जिससे सरकार का माहौल खराब होने का तर्क गलत साबित होता है।
एनएसए बढ़ाए जाने संबंधी डॉक्यूमेंट।
परिवार को नहीं दी गई जानकारी
परिवार का आरोप है कि उन्हें एनएसए बढ़ाए जाने की जानकारी नहीं दी गई है और न ही उन्हें अभी तक इस बारे में कोई जानकारी है। तरसेम सिंह ने यह भी कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते कि अमृतपाल को रिहा किया जाए क्योंकि उनकी “दुकानदारी” चलती रहेगी। उनकी रिहाई से उनका अवैध कारोबार बंद हो जाएगा।
हाईकोर्ट में अपील होगी दायर
सीनियर एडवोकेट आरएस बैंस ने भी NSA को तीसरी बार बढ़ाए जाने को सरकार की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि अमृतपाल पर दर्ज एफआईआर में ट्रायल चलाए। उन्होंने संकेत दिया कि वे इस निर्णय को एक बार फिर हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। एडवोकेट बैंस वहीं हैं, जो पहले भी अमृतपाल सिंह पर एनएसए लगाए जाने को लेकर कोर्ट में एप्लिकेशन दायर कर चुके हैं।
अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह।
रिपोर्ट्स की समीक्षा के आधार पर लिया गया फैसला
राज्य का गृह एवं न्याय विभाग अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट की सिफारिश और खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर हिरासत बढ़ाने पर विचार किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार सलाहकार बोर्ड की सिफारिशों के बाद अंतिम निर्णय लिया गया।
अप्रैल 2023 से हिरासत में है अमृतपाल
अमृतपाल सिंह को 23 अप्रैल 2023 से हिरासत में है। उसकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद ही उस पर एनएसए लगा दिया गया था और उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया था। सरकार ने उसकी गतिविधियों को राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए एनएसए लगाया था। जिसे समय-समय पर दो साल तक बढ़ाया गया। लेकिन अब उसकी अवधी को बढ़ाने के लिए विचार जारी है।