अब MP अक्षय प्रदेश की रा​ह पर- पानी से हवा तक ‘सूरज की रोशनी’ | MP will become Akshay Pradesh – only ‘Sunlight’ from water to air | Patrika News

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अब MP अक्षय प्रदेश की रा​ह पर- पानी से हवा तक ‘सूरज की रोशनी’ | MP will become Akshay Pradesh – only ‘Sunlight’ from water to air | Patrika News

अब MP अक्षय प्रदेश की रा​ह पर- पानी से हवा तक ‘सूरज की रोशनी’ | MP will become Akshay Pradesh – only ‘Sunlight’ from water to air | Patrika News

ये है सरकार का नवाचार-
1- सौर ऊर्जा से महेश्वर में बोटिंग: महेश्वर में नर्मदा नदी में सौर ऊर्जा से नाव चलाने के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इसके लिए आरजीपीवी को काम दिया गया है। आरजीपीवी ने इसका अध्ययन किया है। इसमें दो विकल्प हैं। पहला विकल्प है कि नाव के ऊपर ही सोलर पैनल लगाना और दूसरा बैटरी से नाव चलाना।

2- पवन चक्कियों से सौर ऊर्जा: पवन ऊर्जा के लिए स्थापित मौजूदा पवन ऊर्जा संयंत्रों में सौर ऊर्जा पैनल लगाने की योजना है। इसमें सामान्य बिजली के उपयोग की जगह सौर ऊर्जा का उपयोग करके ही पवन चक्की सहित बाकी का संचालन व मेंटेनेंस किया जाएगा। यह प्रयोग मध्यप्रदेश में पहली बार होगा।

पूरी खेती सौर ऊर्जा पर शिफ्ट-
म ध्य प्रदेश में खेती के सभी फीडर को भी सौर ऊर्जा पर शिफ्ट करने की योजना है। इसके लिए सरकार कुसुम-3 योजना लागू करने जा रही है। इस योजना को मंजूरी मिल चुकी है। इसके तहत खेती के थर्मल बिजली के फीडर को चरणबद्ध तरीके से सौर ऊर्जा में शिफ्ट किया जाएगा। इस पर सरकार अनुदान भी देगी।

3- दिल्ली मेट्रो को सौर ऊर्जा: रीवा सोलर प्लांट से दिल्ली मेट्रो को सौर ऊर्जा दी जाती है। यह देश का पहला प्रयोग रहा है। इसमें 99 मेगावाट सौर ऊर्जा दिल्ली मेट्रो को दी जाती है। पहले साल 27 मेगावाट बिजली देने के साथ प्रयोग शुरू हुआ था। अब रेलवे सहित बाकी जगह भी सौर ऊर्जा आपूर्ति के प्रयास हो रहे हैं।

4- फ्लोटिंग सोलर पार्क: ओंकारेश्वर में विश्व का सबसे बड़ा तैरता सोलर पार्क बनाने का काम हो रहा है। यह सोलर पार्क 600 मेगावाट का रहेगा। शुरू में 278 मेगावाट उत्पादन होगा। यह ओंकारेश्वर में पानी पर सोलर पैनल लगाकर बनाया जाएगा। तैरते हुए सोलर पैनल के कारण ही इसे फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट नाम दिया है।

5- सौर ऊर्जा स्ट्रीट लाइट: प्रदेश में शहरों की स्ट्रीट लाइट को सौर ऊर्जा से संचालित करने पर काम हो रहा है। इसके तहत भोपाल-इंदौर सहित कई शहरों में कई इलाकों की स्ट्रीट लाइट सौर ऊर्जा में शिफ्ट की गई है। आगे चलकर अधिकतर शहरों की प्रमुख इलाकों की सभी स्ट्रीट लाइटों को सौर ऊर्जा में शिफ्ट करने की तैयारी है।

आम आदमी ऐसे कर रहा पहल-
स्वसहायता समूहों के सोलर लैम्प: प्रदेश में कई स्व सहायता समूह ने सोलर लैंप बनाने पर काम शुरू किया है। इसमें महिला स्व सहायता समूह भी है। आष्टा-नीमच सहित कुछ इलाकों के महिला स्व सहायता समूह ने इसके लिए कर्ज लेकर प्लांट शुरू करने आवेदन दिए हैं।

फार्म हाउस सौर ऊर्जा से रोशन: प्रदेश में कई जगह लोगों ने फार्म हाउस पर सौर ऊर्जा की लाइट लगवाई है। ये रात होते ही ऑटोमैटिक जल जाती हैं। यह अभी महंगा है, इस कारण ज्यादा उपयोग नहीं हो रहा। औसतन 20 हजार स्क्वायर फीट के फार्म हाउस पर सोलर स्ट्रीट लगाने का खर्चा 10 लाख तक आता है।

घरों में सौर ऊर्जा का उपयोग: प्रदेश में घरों में भी सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ा है। खासतौर पर बाथरूम में गीजर को लेकर सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा का इस्तेमाल हो रहा है।



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