अब सरकारी स्कूल के बच्चे भी बोलेंगे फर्राटेदार इंग्लिश, 27 पीएम श्री स्कूलों में लैंग्वेज लैब खुलेंगे – Samastipur News

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अब सरकारी स्कूल के बच्चे भी बोलेंगे फर्राटेदार इंग्लिश, 27 पीएम श्री स्कूलों में लैंग्वेज लैब खुलेंगे – Samastipur News

अब सरकारी स्कूल के बच्चे भी बोलेंगे फर्राटेदार इंग्लिश, 27 पीएम श्री स्कूलों में लैंग्वेज लैब खुलेंगे – Samastipur News

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अब सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए भी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना और समझना आसान होगा। इस दिशा में शिक्षा विभाग ने एक नई और खास पहल की है। प्रथम चरण में जिले के पीएम श्री योजना के तहत चयनित 27 स्कूलों में अंग्रेजी भाषा प्रयोगशाला खोली जाएगी, जहां बच्चे खेल-खेल में अंग्रेजी बोलना और सुनना सीखेंगे। जैसे गणित और विज्ञान के लिए लैब होती है, वैसे ही अब अंग्रेजी सीखने के लिए भाषा प्रयोगशाला बनाई जाएगी। यहां कंप्यूटर, हेडफोन और अन्य संसाधनों की मदद से बच्चे अंग्रेजी में संवाद करेंगे, अपनी गलतियों को सुधारेंगे और सही उच्चारण भी सीखेंगे। अंग्रेजी भाषा आज के समय में हर क्षेत्र में जरूरी हो गई है।

इस प्रयोगशाला के जरिए बच्चे धीरे-धीरे संवाद और उच्चारण में माहिर बनेंगे। आने वाले समय में अन्य सरकारी स्कूलों में भी इसे लागू करने की योजना है। निजी स्कूलों में पहले से लैंग्वेज लैब होती है, लेकिन अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी इस सुविधा का लाभ लेकर अंग्रेजी पर पकड़ मजबूत बना सकेंगे। हालांकि विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के आलोक में चार भाषाओं में बच्चों को निपुण बनाने के लिए लैंग्वेज लैब की स्थापना का निर्णय लिया है। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत के अलावा स्थानीय आवश्यकता के अनुसार एक अन्य भाषा तय की जाएगी।

उद्देश्य : निजी स्कूलों के समकक्ष रहें बच्चे निजी स्कूलों के विद्यार्थियों की तरह राजकीय स्कूलों के विद्यार्थी भी इंग्लिश में बेहतर हों, इसलिए सरकार के आदेश पर शिक्षा विभाग ने 25-25 अध्यापकों को ट्रेनिंग कराई जाएगी। अध्यापकों की ट्रेनिंग के बाद वह विद्यार्थियों को इंग्लिश बोलने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

छात्रों को होगा लाभ : छठी से बारहवीं तक के बच्चों को मिलेगी सुविधा सरकारी स्कूलों में छठी से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अंग्रेजी विषयों में दक्ष करने के लिए स्कूलों में अंग्रेजी लैब बनाई जा रही है तो वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों के ज्ञान के साथ टीचरों की नॉलेज भी बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग इसके लिए सबसे पहले प्रोफेशनल डेवलपमेंट इंग्लिश टीचिंग के माध्यम से अंग्रेजी के अध्यापकों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद अध्यापक विद्यार्थियों को इंग्लिश बोलने व पढ़ने व लिखने का प्रशिक्षण देंगे।अंग्रेजी की अहमियत यह है कि सेकंडरी में विज्ञान और गणित का सिलेबस इंग्लिश में, छात्रों की परेशान समझ विभाग 9वीं से कराएगा इसी मीडियम में पढ़ाई विभाग की ओर से नौवीं से अंग्रेजी पढ़ाई करवाई जाएगी।

शिक्षा विभाग ने 11वीं व 12वीं कक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित के अंग्रेजी में होने के चलते विद्यार्थियों को आ रही समस्या को देखते हुए यह फैसला लिया है। नौवीं और 10वीं कक्षा में हिंदी मीडियम होने के कारण विद्यार्थियों को अंग्रेजी में पूरा सिलेबस समझने में मुश्किल होती थी। अब अंग्रेजी में ही पढ़ाई के कारण विद्यार्थियों को 11वीं व 12वीं कक्षा में मेडिकल व नॉन मेडिकल संकाय चुनने पर कोई परेशानी नहीं होगी। योजना के अंतर्गत यह योजना शुरुआत में उन स्कूलों शुरू होगी जहां वर्तमान में दो या इससे अधिक सेक्शन हैं। इनमें से एक या विद्यार्थियों की मांग पर अधिक सेक्शन में अंग्रेजी माध्यम से साइंस व गणित पढ़ाया जाएगा।

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