अब तू मुझे सिखायेगा… विराट और गंभीर के बीच बहस में क्या हुई बात, एक-एक शब्द जान लीजिए h3>
नई दिल्ली: दिल्ली के दो धुरंधरों विराट कोहली (Virat Kohli) और गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के बीच मैदान पर आईपीएल मैच के बाद हुई लड़ाई से एक बार फिर सार्वजनिक हो गया कि एक दूसरे के लिये दोनों के मन में कितनी कड़वाहट है। कैमरे में कैद हुई इस लड़ाई में दोनों ने जमकर मां बहन की गालियां भी दी। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर और लखनऊ सुपर जाइंट्स के बीच सोमवार की रात हुए मैच के दौरान हुई इस झड़प की शुरूआत कहां से हुई, इसे लेकर वहां मौजूद लोगों के अलग अलग मत हैं। कुछ इसे बचपना कह रहे हैं तो कुछ लोगों को इस प्रतिद्वंद्विता में मसाला मिल रहा है जबकि कुछ का मानना है कि ‘भद्रजनों के खेल’ में इस तरह की घटनाओं से बचना चाहिये।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताई पूरी घटना
एक टीम में शामिल प्रत्यक्षदर्शी ने कहा,‘आपने टीवी पर देखा कि काइल मायर्स और कोहली मैच के बाद कुछ देर तक साथ चल रहे हैं। मायर्स ने कोहली से पूछा कि वह उन्हें लगातार गालियां क्यों दे रहे थे तब कोहली ने कहा कि वह (मायर्स) उन्हें घूर क्यों रहा था। इससे पहले अमित मिश्रा ने अंपायर से शिकायत की थी कि विराट दसवें नंबर के बल्लेबाज नवीनुल हक को लगातार गालियां दे रहे हैं।’
Virat vs Gambhir Fight: जब गौतम गंभीर ने विराट कोहली को दिया था यादगार गिफ्ट!
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा,‘गौतम को लगा कि हालात बिगड़ जायेंगे तो उसने मायर्स को वहां से खींच लिया और कहा कि बात मत करो। तब विराट ने कुछ कहा। इसके बाद तीखी बहस हुई जो बचकाना थी। गौतम ने कहा कि क्या बोल रहा है बोल। इस पर विराट ने कहा कि मैंने आपको कुछ बोला ही नहीं, आप क्यों घुस रहे हो। इस पर गौतम ने कहा कि तूने अगर मेरे प्लेयर को बोला है तो मतलब तूने मेरी फैमिली को गाली दिया है और विराट ने इस पर कहा कि तो आप अपनी फैमिली को संभालकर रखिए।’
उन्होंने कहा, ‘गंभीर ने कहा कि तो अब तू मुझे सिखायेगा। इसके बाद दोनों को अलग किया गया।’ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोनों का बर्ताव बचकाना था। इससे पहले 2013 में भी आरसीबी और कोलकाता नाइट राइडर्स के मैच के दौरान दोनों में झड़प हुई थी। कोहली उस समय सुपरस्टार बनने की ओर थे जबकि गंभीर केकेआर के कप्तान थे। गंभीर आज भी उतने ही आक्रामक हैं और टीवी विशेषज्ञ भी हैं। इसके अलावा लखनऊ के मेंटोर या रिमोट कंट्रोल कप्तान हैं। वहीं कोहली आरसीबी की धुरी है हालांकि कागजों पर फाफ डु प्लेसी कप्तान हैं।
भारत के एक पूर्व खिलाड़ी ने कहा,‘दोनों के आपसी संबंध काफी पेचीदा हैं। गौतम बुरा इंसान नहीं है लेकिन उससे निपटना कठिन है। उसे चिन्नास्वामी स्टेडियम पर विराट का नाम ले रहे दर्शकों को मुंह पर ऊंगली रखने का इशारा नहीं करना चाहिये था।’ कोहली के ट्विटर पर अकेले 55 . 4 मिलियन फालोअर हैं जबकि भाजपा सांसद गंभीर के 12.5 मिलियन फालोअर हैं। दोनों के प्रशंसक अब एक दूसरे के खिलाफ झूठी कहानियां गढ रहे हैं। कुल मिलाकर यह ऐसी घटना है जिसे भारतीय क्रिकेटप्रेमी याद नहीं रखना चाहेंगे क्योंकि इसमें किसी का आचरण काबिले तारीफ नहीं रहा।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताई पूरी घटना
एक टीम में शामिल प्रत्यक्षदर्शी ने कहा,‘आपने टीवी पर देखा कि काइल मायर्स और कोहली मैच के बाद कुछ देर तक साथ चल रहे हैं। मायर्स ने कोहली से पूछा कि वह उन्हें लगातार गालियां क्यों दे रहे थे तब कोहली ने कहा कि वह (मायर्स) उन्हें घूर क्यों रहा था। इससे पहले अमित मिश्रा ने अंपायर से शिकायत की थी कि विराट दसवें नंबर के बल्लेबाज नवीनुल हक को लगातार गालियां दे रहे हैं।’
Virat vs Gambhir Fight: जब गौतम गंभीर ने विराट कोहली को दिया था यादगार गिफ्ट!
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा,‘गौतम को लगा कि हालात बिगड़ जायेंगे तो उसने मायर्स को वहां से खींच लिया और कहा कि बात मत करो। तब विराट ने कुछ कहा। इसके बाद तीखी बहस हुई जो बचकाना थी। गौतम ने कहा कि क्या बोल रहा है बोल। इस पर विराट ने कहा कि मैंने आपको कुछ बोला ही नहीं, आप क्यों घुस रहे हो। इस पर गौतम ने कहा कि तूने अगर मेरे प्लेयर को बोला है तो मतलब तूने मेरी फैमिली को गाली दिया है और विराट ने इस पर कहा कि तो आप अपनी फैमिली को संभालकर रखिए।’
उन्होंने कहा, ‘गंभीर ने कहा कि तो अब तू मुझे सिखायेगा। इसके बाद दोनों को अलग किया गया।’ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोनों का बर्ताव बचकाना था। इससे पहले 2013 में भी आरसीबी और कोलकाता नाइट राइडर्स के मैच के दौरान दोनों में झड़प हुई थी। कोहली उस समय सुपरस्टार बनने की ओर थे जबकि गंभीर केकेआर के कप्तान थे। गंभीर आज भी उतने ही आक्रामक हैं और टीवी विशेषज्ञ भी हैं। इसके अलावा लखनऊ के मेंटोर या रिमोट कंट्रोल कप्तान हैं। वहीं कोहली आरसीबी की धुरी है हालांकि कागजों पर फाफ डु प्लेसी कप्तान हैं।
भारत के एक पूर्व खिलाड़ी ने कहा,‘दोनों के आपसी संबंध काफी पेचीदा हैं। गौतम बुरा इंसान नहीं है लेकिन उससे निपटना कठिन है। उसे चिन्नास्वामी स्टेडियम पर विराट का नाम ले रहे दर्शकों को मुंह पर ऊंगली रखने का इशारा नहीं करना चाहिये था।’ कोहली के ट्विटर पर अकेले 55 . 4 मिलियन फालोअर हैं जबकि भाजपा सांसद गंभीर के 12.5 मिलियन फालोअर हैं। दोनों के प्रशंसक अब एक दूसरे के खिलाफ झूठी कहानियां गढ रहे हैं। कुल मिलाकर यह ऐसी घटना है जिसे भारतीय क्रिकेटप्रेमी याद नहीं रखना चाहेंगे क्योंकि इसमें किसी का आचरण काबिले तारीफ नहीं रहा।