अब क्या होगा… बूंदाबांदी से भी कुछ न हुआ, दिल्ली में गर्मी ने तोड़ दिए सारे रेकॉर्ड
दिन भर बादलों ने डाला डेरा
इससे पूर्व 2017 में मार्च के पहले दिन न्यूनतम तापमान 18 डिग्री रहा था। दूसरी तरफ बुधवार को राजधानी में सुबह थोड़ी भीगी-भीगी रही। बादलों ने डेरा डाल रखा था। ऐसा मौसम इस सीजन में कम ही मिला है। इसलिए इस सुबह के मिजाज को लोगों ने जमकर एंजॉय किया। राजधानी में 1 मार्च की सुबह कुछ जगहों पर बूंदाबांदी हुई, लेकिन तापमान में महज एक डिग्री की गिरावट हुई। राजधानी (सफदरजंग), लोदी रोड, रिज, आया नगर में बूंदाबांदी हुई। जबकि पालम में 0.4 एमएम, गाजियाबाद में 0.5 एमएम, जाफरपुर में 0.5 एमएम, नजफगढ़ में 0.5 एमएम बारिश हुई।
मार्च में रह सकती है गर्मी
स्काईमेट के महेश पलावत के अनुसार, मार्च में काफी गर्मी रह सकती है। लू चलने की संभावना भी है। अधिकतम तापमान 41 से 42 डिग्री रह सकता है। बीते एक दशक में मार्च में ऐसा सिर्फ एक बार ही हुआ है, जब तापमान ने 40 डिग्री के स्तर को पार किया है। इनमें 2021 में अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री तक पहुंच गया था। वहीं मार्च में ऑल टाइम रेकॉर्ड 31 मार्च 1945 को बना था। इस दिन तापमान 40.6 डिग्री पर पहुंच गया था। ऐसे में इस साल तापमान गर्मी के तमाम रेकॉर्ड तोड़ सकता है। बारिश की संभावना अब छह-सात दिनों तक नहीं है। 3 मार्च के बाद बादल भी छंट सकते हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, 2 से 4 मार्च के बीच अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 15 से 16 डिग्री रह सकता है। इसके बाद 5 मार्च को अधिकतम तापमान 33 और न्यूनतम 15 डिग्री रह सकता है। वहीं 6 से 7 मार्च को अधिकतम तापमान 32 और न्यूनतम 14 से 15 डिग्री तक रह सकता है।
प्रदूषण कम होते ही हटा ग्रैप-2
प्रदूषण कम होते ही सीएक्यूएम (कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट) ने ग्रैप-2 को हटा लिया है। जरूरत के अनुसार इसे दोबारा लागू किया जा सकता है। अब राजधानी में ग्रैप-1 की बंदिशें जारी रहेंगी। ग्रैप-1 के तहत एजेंसियों को प्रदूषण कम करने के नियमों का पालन करना होगा है। जबकि ग्रैप-2 के तहत सभी तरह के डीजल जेनरेटरों पर लगी रोक को हटा लिया गया है। सीएक्यूएम की सब-कमिटी ने बुधवार को ग्रैप की रिव्यू मीटिंग की। इसमें मौसम विभाग ने बताया कि राजधानी का औसत एक्यूआई 178 रहा। आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर सामान्य ही बना रहने के आसार हैं। इसी के मद्देनजर सीएक्यूएम ने ग्रैप-2 को हटा लिया है। ग्रैप-2 तब लगाया जाता है, जब प्रदूषण का स्तर बेहद खराब रहे। एक्यूआई 301 से 400 के बीच रहने पर उसे बेहद खराब माना जाता है।
सीएक्यूएम ने एजेंसियों से कहा है कि इस दौरान वह ग्रैप-1 का सख्ती से पालन करें। दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी प्रदूषण कम करने के लिए कुछ सलाह दी गई हैं। इससे पूर्व 1 फरवरी को भी ग्रैप के स्टेज-1 को हटा लिया गया था। लेकिन प्रदूषण बढ़ने के बाद 16 फरवरी को इसे दोबारा लागू किया गया। सीएक्यूएम ने लोगों से अपील की है कि वे ग्रैप के तहत अपने वाहनों की समय-समय पर ट्यूनिंग करवाएं। गाड़ियों के टायर में हवा प्रॉपर रखें। पीयूसी सर्टिफिकेट अपडेट रखें। अधिक देर खड़े रहने पर गाड़ियों के इंजन को बंद कर दें। यदि कहीं प्रदूषण से जुड़ी गतिविधियां देखें तो उसकी शिकायत 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप पर जरूर करें।
4 मार्च तक रहेगी प्रदूषण में राहत
सीएक्यूएम के अनुसार, प्रदूषण की स्थिति पर नजर है। यदि भविष्य में स्थिति बनती है तो ग्रैप-2 दोबारा लगाया जा सकता है। आईआईटीएम पुणे के पुर्वानुमान के अनुसार, 2 से 4 मार्च तक प्रदूषण का स्तर सामान्य रहेगा। इसके बाद अगले छह दिनों तक भी यह सामान्य बना रहेगा। 1 मार्च को शादीपुर के अलावा अन्य जगहों पर प्रदूषण खराब रहा। शादीपुर में यह बेहद खराब बना रहा। यहां का एक्यूआई-317 रहा।