अब एक में नहीं बल्कि 100 रुपए में बनेगा सरकारी अस्पताल में पर्चा, बड़े बदलाव के बाद बंद हुईं ये सेवाएं | Government Hospital Changed Treatment Fees and Rules | Patrika News h3>
Government Hospital: अब सरकारी चिकित्सा भी महंगी हो गई। सरकारी अस्पतालों में भी इलाज के लिए चाहिए होगा मुट्ठी भर पैसा।
लखनऊ
Updated: April 25, 2022 03:35:44 pm
महंगाई में आम आदमी का जीना पहले से ही मुश्किल है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक और झटका दे दिया गया है। दवाएं तो वैसे ही इतनी महंगी मिलती हैं। लेकिन अब सरकारी अस्पतालों में 100 रुपए का पर्चा बनेगा। सैकड़ों किलो मीटर का जो लोग सफर तय करके सरकारी अस्पतालों में पहुंचते हैं, उनके लिए और आफत हो गई। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों अभी तक निःशुल्क इलाज मिल पा रहा था। ऐसे में पर्चा की कीमत एकदम सो सौ और जांचों की कीमत ने झटका दे दिया।
आम आदमी पर महंगाई की मार दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। अब सरकारी अस्पतालों में भी गरीबों को मुफ्त इलाज नसीब नहीं होगा। सूबे के बड़े अस्पताल डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में कुछ दिनों बाद मुफ्त इलाज की सुविधा बंद हो जाएगी। यही नहीं, ओपीडी में न तो दवाएं मुफ्त मिलेंगी, न ही मुफ्त जांचें हो सकेंगी। इसके अलावा इलाज के लिए बनने वाली 1 रुपए की पर्ची के लिए मरीजों को अब 100 रुपए चुकाने होंगे। हालांकि ये बताया कि एक पर्चा 6 महीने तक मान्य होगा। जो जांचें पहले मुफ्त में होती थीं, उसके लिए भी अब पैसे देने होंगे। अगर मर्जी भर्ती हुआ तो 250 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करना होगा। नए नियम जल्द लागू कर दिए जाएगे। फिलहाल ये निर्देश डॉ राम मनोहर लोहिया में ही लागू हो रहा है।
यह भी पढ़ें
अब कानपुर से 40 मिनट में पहुंचेंगे लखनऊ, एक्सप्रेस-वे का वर्कऑर्डर, जानिए कब से शुरू निर्माण
2019 में जारी हुआ था ये आदेश लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल के विलय का आदेश साल 2019 में ही जारी कर दिया गया था। यह फैसला हुआ था कि दो साल तक हॉस्पिटल के सभी विभागों में मुफ्त इलाज की व्यवस्था लागू रहेगी। अब दो साल बीतने के बाद हॉस्पिटल ब्लॉक में भी संस्थान के नियम लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। बता दें कि हॉस्पिटल ब्लॉक की ओपीडी में प्रतिदिन लगभग डेढ़ से दो हजार मरीज आते हैं। यहां लगभग 400 बेड हैं। अभी तक यहां मुफ्त व्यवस्था थी।
यह भी पढ़ें
मलेरिया को निगल गया कोरोना, जानिए क्या है थीम और वर्तमान स्थिति
मुफ्त जांचों के लिए चुकानी होगी इतनी कीमत सिटी स्कैन – 500 घुटने के एक्सरे – 225 एचबीएवनसी – 250 यूरीन कल्चर – 250 सीबीसी – 165 चेस्ट एक्सरे – 150
लिपिड प्रोफाइल – 145 एलएफटी – 125 केएफटी – 55 सोडियम – 35
यह भी पढ़ें
ज्ञानी की डांट बना सकती बड़ा इंसान, चाणक्य नीति में धनलक्ष्मी और सुख-समृद्धि के ये मूलमंत्र
अगली खबर

Government Hospital: अब सरकारी चिकित्सा भी महंगी हो गई। सरकारी अस्पतालों में भी इलाज के लिए चाहिए होगा मुट्ठी भर पैसा।
लखनऊ
Updated: April 25, 2022 03:35:44 pm
महंगाई में आम आदमी का जीना पहले से ही मुश्किल है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक और झटका दे दिया गया है। दवाएं तो वैसे ही इतनी महंगी मिलती हैं। लेकिन अब सरकारी अस्पतालों में 100 रुपए का पर्चा बनेगा। सैकड़ों किलो मीटर का जो लोग सफर तय करके सरकारी अस्पतालों में पहुंचते हैं, उनके लिए और आफत हो गई। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों अभी तक निःशुल्क इलाज मिल पा रहा था। ऐसे में पर्चा की कीमत एकदम सो सौ और जांचों की कीमत ने झटका दे दिया।
आम आदमी पर महंगाई की मार दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। अब सरकारी अस्पतालों में भी गरीबों को मुफ्त इलाज नसीब नहीं होगा। सूबे के बड़े अस्पताल डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में कुछ दिनों बाद मुफ्त इलाज की सुविधा बंद हो जाएगी। यही नहीं, ओपीडी में न तो दवाएं मुफ्त मिलेंगी, न ही मुफ्त जांचें हो सकेंगी। इसके अलावा इलाज के लिए बनने वाली 1 रुपए की पर्ची के लिए मरीजों को अब 100 रुपए चुकाने होंगे। हालांकि ये बताया कि एक पर्चा 6 महीने तक मान्य होगा। जो जांचें पहले मुफ्त में होती थीं, उसके लिए भी अब पैसे देने होंगे। अगर मर्जी भर्ती हुआ तो 250 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करना होगा। नए नियम जल्द लागू कर दिए जाएगे। फिलहाल ये निर्देश डॉ राम मनोहर लोहिया में ही लागू हो रहा है।
अब कानपुर से 40 मिनट में पहुंचेंगे लखनऊ, एक्सप्रेस-वे का वर्कऑर्डर, जानिए कब से शुरू निर्माण
2019 में जारी हुआ था ये आदेश लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल के विलय का आदेश साल 2019 में ही जारी कर दिया गया था। यह फैसला हुआ था कि दो साल तक हॉस्पिटल के सभी विभागों में मुफ्त इलाज की व्यवस्था लागू रहेगी। अब दो साल बीतने के बाद हॉस्पिटल ब्लॉक में भी संस्थान के नियम लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। बता दें कि हॉस्पिटल ब्लॉक की ओपीडी में प्रतिदिन लगभग डेढ़ से दो हजार मरीज आते हैं। यहां लगभग 400 बेड हैं। अभी तक यहां मुफ्त व्यवस्था थी।
मलेरिया को निगल गया कोरोना, जानिए क्या है थीम और वर्तमान स्थिति
मुफ्त जांचों के लिए चुकानी होगी इतनी कीमत सिटी स्कैन – 500 घुटने के एक्सरे – 225 एचबीएवनसी – 250 यूरीन कल्चर – 250 सीबीसी – 165 चेस्ट एक्सरे – 150
ज्ञानी की डांट बना सकती बड़ा इंसान, चाणक्य नीति में धनलक्ष्मी और सुख-समृद्धि के ये मूलमंत्र
अगली खबर