अफगान उपराष्ट्रपति ने दिलाई 1971 में भारत से करारी हार की याद, तिलमिला उठा पाकिस्तान h3>
हाइलाइट्स
- अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति ने वर्ष 1971 में पाकिस्तानी सेना की करारी हार याद दिलाई
- इससे पाकिस्तान बुरी तरह से तिलमिला उठा है और उनके बयान को मूर्खतापूर्ण बता रहा है
- पाकिस्तान ने कहा कि अफगानिस्तान वरिष्ठ अधिकारियों के बेवकूफाना बयानों से शर्मिंदा हो रहा
इस्लामाबाद
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने वर्ष 1971 में पाकिस्तानी सेना को भारत के हाथों मिली करारी हार क्या याद दिलाई, पाकिस्तान बुरी तरह से तिलमिला उठा है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉक्टर मोईद यूसुफ ने गुरुवार को बिना नाम लिए सालेह के बयानों को ‘मूर्खतापूर्ण’ करार दिया है। यूसुफ ने कहा कि अफगानिस्तान अपने वरिष्ठ अधिकारियों के बेवकूफाना बयानों से शर्मिंदा हो रहा है।
पाकिस्तानी सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि अफगानिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी जानबूझकर पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को बर्बाद करना चाहते हैं। मोईद ने एक के बाद एक कई ट्वीट में कहा कि अफगान अधिकारी अपने कटु और भ्रांतिपूर्ण बयानों’ के जरिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच में द्वीपक्षीय रिश्तों को बिगाड़ना चाहते हैं ताकि वे अपनी असफलता से ध्यान हटा सकें।
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने मोर्चा खोला
डॉक्टर मोईद ने कहा, ‘अफगानिस्तान इन दिनों हर दिन मूर्खतापूर्ण बयानों से शर्मिंदा हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सबको मिलाकर अफगानिस्तान के राजनीतिक समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि पाकिस्तान और तालिबान आतंकियों की नापाक दोस्ती के खिलाफ अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने मोर्चा खोल दिया है। अमरुल्ला सालेह अफगान राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को नमाज के दौरान रॉकेट हमले के बाद कुछ देर के लिए झुक गए थे, इस पर पाकिस्तानी और तालिबान उन्हें ट्विटर पर ट्रोल करने लगे। अफगान उपराष्ट्रपति ने भारत की एक तस्वीर पोस्ट कर पाकिस्तानी ट्रोल आर्मी की बोलती बंद कर दी।
यह तस्वीर साल 1971 के जंग की है जिसमें पाकिस्तानियों को भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा था। अमरुल्ला सालेह ने लिखा, ‘हमारे इतिहास में ऐसी कोई तस्वीर नहीं है और कभी ऐसी तस्वीर होगी भी नहीं। हां कल जब रॉकेट हमारे ऊपर से गुजरा और कुछ ही दूरी पर गिरा तो मैं कुछ सेकंड के लिए घबरा गया था। प्रिय पाकिस्तानी ट्विटर हमलावर तालिबान और आतंकवाद इस तस्वीर में आपको मिले जख्म को नहीं भरेंगे। कोई दूसरा रास्ता तलाश करिए।’
‘तालिबान को नजदीकी हवाई सहायता मुहैया करा रहा पाक’
इससे पहले सालेह ने अफगानिस्तान की जंग में पाकिस्तान और तालिबान की नापाक दोस्ती का दुनिया के सामने खुलासा किया था। साहेल ने ट्वीट कर दावा किया था कि पाकिस्तान वायु सेना ने अफगान सेना और वायु सेना को आधिकारिक चेतावनी जारी की है कि स्पिन बोल्डक क्षेत्र से तालिबान को हटाने के किसी भी कदम के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जाएगी। अफगान उपराष्ट्रपति ने आरोप लगाया था कि पाक वायु सेना अब तालिबान को कुछ इलाकों में नजदीकी हवाई सहायता मुहैया करा रही है। स्पिन बोल्डक को पाकिस्तान में चमन बॉर्डर के नाम से जाना जाता है। इस बॉर्डर पर हाल में ही तालिबान ने अफगान सेना को खदेड़कर अपना कब्जा जमाया है।
हाइलाइट्स
- अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति ने वर्ष 1971 में पाकिस्तानी सेना की करारी हार याद दिलाई
- इससे पाकिस्तान बुरी तरह से तिलमिला उठा है और उनके बयान को मूर्खतापूर्ण बता रहा है
- पाकिस्तान ने कहा कि अफगानिस्तान वरिष्ठ अधिकारियों के बेवकूफाना बयानों से शर्मिंदा हो रहा
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने वर्ष 1971 में पाकिस्तानी सेना को भारत के हाथों मिली करारी हार क्या याद दिलाई, पाकिस्तान बुरी तरह से तिलमिला उठा है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉक्टर मोईद यूसुफ ने गुरुवार को बिना नाम लिए सालेह के बयानों को ‘मूर्खतापूर्ण’ करार दिया है। यूसुफ ने कहा कि अफगानिस्तान अपने वरिष्ठ अधिकारियों के बेवकूफाना बयानों से शर्मिंदा हो रहा है।
पाकिस्तानी सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि अफगानिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी जानबूझकर पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को बर्बाद करना चाहते हैं। मोईद ने एक के बाद एक कई ट्वीट में कहा कि अफगान अधिकारी अपने कटु और भ्रांतिपूर्ण बयानों’ के जरिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच में द्वीपक्षीय रिश्तों को बिगाड़ना चाहते हैं ताकि वे अपनी असफलता से ध्यान हटा सकें।
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने मोर्चा खोला
डॉक्टर मोईद ने कहा, ‘अफगानिस्तान इन दिनों हर दिन मूर्खतापूर्ण बयानों से शर्मिंदा हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सबको मिलाकर अफगानिस्तान के राजनीतिक समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि पाकिस्तान और तालिबान आतंकियों की नापाक दोस्ती के खिलाफ अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने मोर्चा खोल दिया है। अमरुल्ला सालेह अफगान राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को नमाज के दौरान रॉकेट हमले के बाद कुछ देर के लिए झुक गए थे, इस पर पाकिस्तानी और तालिबान उन्हें ट्विटर पर ट्रोल करने लगे। अफगान उपराष्ट्रपति ने भारत की एक तस्वीर पोस्ट कर पाकिस्तानी ट्रोल आर्मी की बोलती बंद कर दी।
यह तस्वीर साल 1971 के जंग की है जिसमें पाकिस्तानियों को भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा था। अमरुल्ला सालेह ने लिखा, ‘हमारे इतिहास में ऐसी कोई तस्वीर नहीं है और कभी ऐसी तस्वीर होगी भी नहीं। हां कल जब रॉकेट हमारे ऊपर से गुजरा और कुछ ही दूरी पर गिरा तो मैं कुछ सेकंड के लिए घबरा गया था। प्रिय पाकिस्तानी ट्विटर हमलावर तालिबान और आतंकवाद इस तस्वीर में आपको मिले जख्म को नहीं भरेंगे। कोई दूसरा रास्ता तलाश करिए।’
‘तालिबान को नजदीकी हवाई सहायता मुहैया करा रहा पाक’
इससे पहले सालेह ने अफगानिस्तान की जंग में पाकिस्तान और तालिबान की नापाक दोस्ती का दुनिया के सामने खुलासा किया था। साहेल ने ट्वीट कर दावा किया था कि पाकिस्तान वायु सेना ने अफगान सेना और वायु सेना को आधिकारिक चेतावनी जारी की है कि स्पिन बोल्डक क्षेत्र से तालिबान को हटाने के किसी भी कदम के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जाएगी। अफगान उपराष्ट्रपति ने आरोप लगाया था कि पाक वायु सेना अब तालिबान को कुछ इलाकों में नजदीकी हवाई सहायता मुहैया करा रही है। स्पिन बोल्डक को पाकिस्तान में चमन बॉर्डर के नाम से जाना जाता है। इस बॉर्डर पर हाल में ही तालिबान ने अफगान सेना को खदेड़कर अपना कब्जा जमाया है।