अपने ही देश के सामने चुनौती बनेगा भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताने वाला ये खिलाड़ी, क्या कहता है नियम ?

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अपने ही देश के सामने चुनौती बनेगा भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताने वाला ये खिलाड़ी, क्या कहता है नियम ?


अपने ही देश के सामने चुनौती बनेगा भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताने वाला ये खिलाड़ी, क्या कहता है नियम ?

नई दिल्ली: भारत को अंडर-19 वर्ल्डकप जिताने वाले उन्मुक्त चंद ने 28 साल की उम्र में बीसीसीआई से संन्यास ले लिया। उन्मुक्त चंद ने जब संन्यास लिया क्रिकेट फैंस चौंक गए। लेकिन उनको महसूस हो गया था कि भारतीय टीम की जर्सी पहनना का सपना उनका पूरा नहीं होगा। इसलिए उन्होंने संन्यास लेकर अमेरिका का रुख किया। वहां से वो लीग क्रिकेट खेलने लगे। चंद ने अमेरिका में माइनर लीग क्रिकेट (एमएलसी) के 2021 सत्र के लिए सिलिकॉन वैली स्ट्राइकर्स के साथ करार किया था। अब इन सबके बीच खबर ये आ रही है कि वो भारत के ही खिलाफ खेल सकते हैं।

भारतीय क्रिकेट से संन्यास
उन्मुक्त चंद ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की थी। उन्मुक्त टोयोटा माइनर लीग क्रिकेट चैंपियनशिप के दौरान मोर्गन हिल आउटडोर खेल परिसर में स्ट्राइकर्स के लिए सोशल लैशिंग्स के खिलाफ पदार्पण किया। अब इस बार का टी-20 वर्ल्डकप यूएस और वेस्टइंडीज में होने जा रहा है। नियम के मुताबिक जो भी मेजबान देश होता है उसकी टीम ऑटोमेटिक क्वालीफाई कर जाती है। इस लिहाज से यूएस की टीम ऑलरेडी विश्वकप में वीवीआईपी एंट्री पा गई है। अब सवाल ये उठता है कि क्या उन्मुक्त चंद अमेरिका के लिए खेलेंगे।

क्या नागरिकता लेनी पडे़गी?
इस सवाल को लेकर जेहन में कई सवाल दौड़ रहे थे। मतलब ये कि क्या उन्मुक्त चंद को अमेरिका की नागरिकता लेनी पड़ेगी। भारत की नागरिकता छोड़नी पड़ेगी। लीग की वेबसाइट के अनुसार अमेरिका में खेल के विकास में मदद के लिए उन्मुक्त ने मेजर लीग क्रिकेट के साथ कई साल का अनुबंध किया है। वह लीग में खेलने के अलावा अमेरिका के अगली पीढ़ी के क्रिकेटरों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाएंगे। अगर ऐसा हुआ तो आप भारतीय टीम के सामने उन्मुक्त चंद को खेलता हुआ देख सकते हैं। ये उनके लिए बहुत भावुक पल होगा।

क्या कहता है नियम?
नियम के मुताबिक अगर उन्मुक्त चंद अमेरिका की सदस्यता ले सकते हैं या फिर आप एनआरआई बनकर अमेरिका के लिए खेल सकते हैं। एक सवाल और ये था कि क्या बीसीसीआई से इसके लिए परमिशन लेनी पड़ेगी। उन्मुक्त चंद बीसीसीआई के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं, इसलिए बीसीसीआई से उनको कोई दिक्कत नहीं होगी। भारत की ओर से भी उनको किसी भी प्रकार से कोई दिक्कत होने की संभावना नहीं है।

क्यों नहीं बना पाए भारतीय टीम में जगह
उन्मुक्त चंद बतौर ओपनर खेलते थे। 2012 में उन्मुक्त चंद ने भारतीय अंडर-19 को विश्वकप जिताया था। लेकिन उस वक्त नेशनल टीम के पास वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, शिखर धवन जैसे स्टार खिलाड़ी पहले से ही मौजूद थे। दिल्ली की रणजी टीम के लिए भी ये खिलाड़ी हमेशा ओपन करते थे। उन्मुक्त चंद अच्छे खिलाड़ी थे मगर जिस जगह वो फिट बैठते थे वहां पर पहले से ही नेशनल टीम में कई बड़े चेहरे शामिल थे जिसके कारण उनको मौका नहीं मिला। इसी वजह से उन्होंने 28 साल की उम्र में ही क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से इस्तीफा दे दिया और अमेरिका चले गए।

अमेरिका से जुड़कर बनाई जगह
तब उन्मुक्त ने कहा था कि अमेरिकी क्रिकेट की दीर्घकालिक प्रगति का हिस्सा बनकर अपने क्रिकेट करियर में नया कदम उठाने और मेजर लीग क्रिकेट के शुरू होने की मुझे खुशी है। उन्होंने कहा था कि इस स्प्ताहांत से माइनर लीग क्रिकेट में स्ट्राइकर्स की ओर से खेलने का मौका मिलने से मैं रोमांचित हूं। इससे पहले वो विश्व प्रसिद्ध बिग बैश लीग में भी हाथ आजमा चुके हैं। उन्मुक्त ने 2021-22 सत्र के लिये मेलबर्न रेनेगेड्स के साथ करार किया था।

सीनियर टीम का हिस्सा नहीं बन पाए उन्मुक्त चंद
भारत ए के पूर्व कप्तान उन्मुक्त कभी भी भारतीय सीनियर टीम के लिये नहीं खेले, लेकिन आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स, मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के सदस्य रहे। उन्होंने एक दशक से अधिक समय तक घरेलू क्रिकेट खेला। उन्मुक्त ने कहा था , ‘मैं बहुत रोमांचित हूं। मेलबर्न टीम का हिस्सा बनकर अच्छा लग रहा है। मैं हमेशा से बिग बैश देखता आया हूं और मेरे लिये यह अच्छा क्रिकेट खेलने का सुनहरा मौका है। ऑस्ट्रेलिया में खेलने में हमेशा मजा आता है। मैंने सुना है कि मेलबर्न में काफी भारतीय है और दर्शक मैच देखने भी आते हैं तो यहां खेलने में मजा आयेगा।’

बिग बैश लीग में खेलने वाले पहले भारतीय
पूर्व अंडर 19 विश्व कप विजेता कप्तान उन्मुक्त चंद ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश क्रिकेट लीग में खेलने वाले पहले भारतीय हैं। चंद ने 2021-22 सत्र के लिये मेलबर्न रेनेगेड्स के साथ करार किया था। 28 वर्ष के उन्मुक्त ने भारत में क्रिकेट से नाता तोड़ लिया और अब वह अमेरिकी टीम में हैं। भारत ए के पूर्व कप्तान उन्मुक्त कभी भी भारतीय सीनियर टीम के लिये नहीं खेले, लेकिन आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स, मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के सदस्य रहे। उन्होंने एक दशक से अधिक समय तक घरेलू क्रिकेट खेला। उन्मुक्त फिलहाल अमेरिका में बसे हैं। माइनर क्रिकेट लीग में उनकी टीम सिलिकॉन वैली स्ट्राइकर्स विजयी रही। उन्हें प्लेयर आफ द टूर्नामेंट चुना गया।



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