अपने बच्चों के लिए तो सुधर जाइए… कोरोना से आधे बच्चों में सीखने की क्षमता घट गई, वैक्सीन लगवाइए

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अपने बच्चों के लिए तो सुधर जाइए… कोरोना से आधे बच्चों में सीखने की क्षमता घट गई, वैक्सीन लगवाइए

अपने बच्चों के लिए तो सुधर जाइए… कोरोना से आधे बच्चों में सीखने की क्षमता घट गई, वैक्सीन लगवाइए

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले (Corona Cases Rising In Delhi) एक बार फिर बढ़ रहे हैं। संक्रमण की दर (Corona Positivity Rate) पिछले कुछ दिनों से 10 के ऊपर है, बावजूद इसके लोगों की लापरवाही भी बढ़ी है। एक ओर केस बढ़ रहे हैं, इस बीच एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में 63 प्रतिशत लोग लक्षणों के बावजूद चेक नहीं करवा रहे। उधर एक्सपर्ट्स बता रहे हैं कि कोविड के बाद आधे बच्चे उम्र के हिसाब से सीख नहीं रहे। इसका मतलब है कि बड़ों की लापरवाही का नतीजा भी बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।

कैसे कम हुई सीखने की क्षमता

कोविड-19 महामारी के बाद 50 प्रतिशत से भी कम बच्चे अपनी उम्र के मुताबिक सीखने में सक्षम हैं और उनका ध्यान आसानी से भटक जाता है। पठन-पाठन के नुकसान और शिक्षा के संबंध में एक नए सर्वे में यह दावा किया गया है। स्माइल इंडिया फाउंडेशन द्वारा किए गए सर्वेक्षण में 48,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इसमें 22 राज्यों के शहरी, ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल किया गया।

फाउंडेशन ने कहा, शिक्षकों के अनुसार, 50 प्रतिशत से कम बच्चे पिछले दो वर्षों में पठन-पठन के नुकसान की भरपाई कर पाने में सक्षम हैं और वर्तमान में अपनी आयु के अनुरूप शिक्षा के हिसाब से ढलने में सक्षम हैं। ज्यादातर वे छात्र हैं जो महामारी से पहले भी नियमित रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। इसलिए, बाकी छात्रों को उनके सीखने के अपेक्षित स्तर के बराबर लाने के लिए आने वाले महीनों में कुछ समय और प्रयास करने की आवश्यकता होगी।

कोविड के लक्षण फिर भी जांच नहीं करा रहे लोग

सर्वे में भाग लेने वाले 63 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि पिछले 30 दिनों में कोविड-19 जैसे लक्षण होने के बावजूद उन्होंने कोई जांच नहीं कराई। डिजिटल फोरम आधारित मंच ने सोमवार को यह जानकारी दी। सर्वेक्षण के तहत लोगों को एक प्रश्नावली दी गई थी, जिस पर 10,821 प्रतिक्रियाएं मिलीं। एक बयान में कहा गया है कि 67 फीसदी उत्तरदाता पुरुष थे, जबकि 33 फीसदी महिलाएं थीं।

सर्वेक्षण में शामिल कुछ प्रश्नों में शामिल थे – पिछले एक महीने में जब आपको या दिल्ली-एनसीआर में आपके परिवार के सदस्यों में कुछ लक्षण थे और एक कोविड-19 जांच (बिना कहीं गए) की आवश्यकता थी तो आपने किस प्रकार की जांच कराई थी। इस सवाल के जवाब में किसी भी उत्तरदाता ने केवल आरटी-पीसीआर जांच नहीं कहा।

इसमें कहा गया है कि जहां 25 प्रतिशत उत्तर देने वालों ने कहा कि उन्होंने रैपिड एंटीजन टेस्ट का विकल्प चुना, वहीं 12 प्रतिशत का जवाब आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट दोनों था। लोकलसर्किल्स ने बयान में कहा, हालांकि 63 प्रतिशत निवासियों ने कहा कि लक्षण होने के बावजूद उन्होंने इनमें से कोई भी जांच नहीं कराई।अध्ययन के नतीजे ऐसे समय आए हैं जब पिछले एक हफ्ते में दिल्ली में कोविड-19 के मामले काफी बढ़े हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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