अपने फायदे के लिए चाटुकारिता करने से भी पीछे नहीं हटता मानव | Humans do not hold back even from doing sycophancy for their own benef | Patrika News

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अपने फायदे के लिए चाटुकारिता करने से भी पीछे नहीं हटता मानव | Humans do not hold back even from doing sycophancy for their own benef | Patrika News

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रवीन्द्र भवन में राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान समारोह का आयोजन

भोपाल

Published: April 16, 2022 11:32:52 pm

भोपाल। वनमाली सृजन पीठ की ओर से तीन दिवसीय राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान समारोह का आयोजन रवीन्द्र भवन में किया जा रहा है। इस मौके पर नाटक ‘आदमी और कुत्ता’ का मंचन किया गया। इसका निर्देशन मनोज नायर ने किया है। लेखक ने कहानी के माध्यम से आदमी के भीतर आदमी से मिलने की एक कवायद की है। नाटक में दिखाया गया कि रेल का डिब्बा वो स्थान है जहां अपरिचित लोग एक-दूसरे के साथ लंबा समय बिताते हैं। एक समय था जब यात्रा के दौरान सभी एक-दूसरे से अपने दुख-सुख भी बांट लेते थे। लेकिन परिस्थितियां बदल चुकी है। वर्तमान में व्यक्ति अकेले यात्रा करता है अपने आस-पास की घटनाओं से अनभिज्ञ ही बना रहता है। वह अपने मोबाइल और लैपटॉप में व्यस्त रहता है। नाटक की कहानी मनुष्य और पशु के बीच के अंतर को प्रस्तुत करती है। सदियों से मनुष्य सिर्फ स्वयं के ही नफे नुकसान को देखता आ रहा है। नफा पाने के लिए या नुकसान से बचने के लिए एक-दूसरे के सामने गिड़गिड़ाता है। हक हो या सुविधा, अपने कद अनुसार कुछ कीमत देकर उसे पाने की कौशिश करता रहा है। वर्तमान में भी हम अपने आस-पास इस तरह की घटना को अक्सर घटता हुआ पाते है और मूकदर्शक बन देखते हैं।

drama in city

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प्रो. वर्मा को वनमाली कथाशीर्ष सम्मान

समारोह में ‘राष्ट्रीय वनमाली कथाशीर्ष सम्मान’ से समालोचक प्रो. धनंजय वर्मा (उज्जैन) और ‘वनमाली राष्ट्रीय कथा सम्मान’ से वरिष्ठ कथाकार गीतांजलि श्री (दिल्ली) को अलंकृत किया गया। इसके अतिरिक्त ‘वनमाली कथा मध्यप्रदेश सम्मान’ वरिष्ठ कथाकार हरि भटनागर (भोपाल), ‘वनमाली युवा कथा सम्मान’ युवा कथाकार चंदन पांडेय(बेंगलुरु), ‘वनमाली कथा आलोचना सम्मान’ युवा आलोचक वैभव सिंह (दिल्ली) और ‘वनमाली साहित्यिक पत्रिका सम्मान’ ‘कथादेश’ पत्रिका को प्रदान किए गए। वहीं, पहला ‘वनमाली प्रवासी भारतीय कथा सम्मान’ वरिष्ठ कथाकार दिव्या माथुर (लंदन) और पहला ‘वनमाली विज्ञान कथा सम्मान’ वरिष्ठ विज्ञान लेखक देवेंद्र मेवाड़ी (दिल्ली) को प्रदान किया गया। इस अवसर पर वनमाली सृजन पीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष चौबे ने कहा कि आज हिंदी के सामने अंतरराष्ट्रीय भाषा बनने के बड़े अवसर खुले हैं, इस दिशा में वनमाली सृजन पीठ व विश्वरंग टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव निरंतर जमीनी स्तर से लेकर वैश्विक स्तर पर कार्यरत है।

पूर्व रंग में कबीर के पदों की सांगीतिक प्रस्तुति

इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व रंग में कबीर पदों की सांगीतिक प्रस्तुति से हुई। इसमें राजीव सिंह ने चदरिया झीनी रे…, मो को कहां ढूंढे रे बंदे… सहित कबीर की उन रचनाओं को चुना जो सदियों से मनुष्यता का संदेश मुखरित करती रही हैं। इसके अलावा रंगों से रंग मिले, नए नए ढंग मिले… की मनमहोक प्रस्तुति दी।

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