अनियंत्रित ट्रोले ने मचाया उत्पात: मंदिर और बिजली के पोल क्षतिग्रस्त, चवरा गांव में तड़के हुआ हादसा, ग्रामीणों में भारी आक्रोश – Jhunjhunu News h3>
अनियंत्रित ट्रोले ने मचाया उत्पात
जिले के गुढ़ा गौड़जी थाना इलाके के चवरा गांव में शुक्रवार की सुबह एक अनियंत्रित ट्रोले ने जमकर उत्पात मचाया। तेज रफ्तार ट्रोले ने गांव के एक मंदिर को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया, साथ ही कई बिजली के पोल भी टूट गए।
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इस घटना के बाद से गांव में भारी आक्रोश का माहौल है। राहत की बात यह रही कि यह दुर्घटना अल सुबह हुई, अन्यथा जानमाल का भारी नुकसान हो सकता था।
ओवरलोड ट्रोले ने खोया नियंत्रण, मंदिर से टकराया
गांव के निवासी लीलाराम गुर्जर ने बताया कि हादसा सुबह करीब 3 बजे हुआ। एक ओवरलोड ट्रोला गांव के अंदर से बहुत तेज गति से गुजर रहा था। जैसे ही ट्रोला स्पीड ब्रेकर के पास पहुंचा, चालक ने लापरवाही दिखाते हुए ब्रेकर के किनारे से निकालने की कोशिश की, जिससे वह अपना नियंत्रण खो बैठा। अनियंत्रित ट्रोला सीधे सड़क किनारे बने एक मंदिर से जा टकराया, जिससे मंदिर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि सड़क किनारे खड़े कई बिजली के पोल भी टूटकर गिर गए।
धार्मिक स्थल क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों में रोष
मंदिर के इस तरह से टूट जाने से ग्रामीणों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और वे इस घटना पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह दुर्घटना दिन के समय हुई होती, जब मंदिर में श्रद्धालुओं की आवाजाही अधिक होती है, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी।
प्रशासन की लापरवाही पर फूटा गुस्सा
ग्रामीण लीलाराम गुर्जर ने प्रशासन की सुस्ती पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “हमने घटना की सूचना तुरंत प्रशासन को दी, लेकिन अभी तक कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। यदि प्रशासन हमारी मांगों को अनसुना करता है और क्षतिग्रस्त मंदिर का पुनर्निर्माण नहीं कराता है, तो हम आज शाम से गांव में धरने पर बैठने के लिए मजबूर होंगे।
हाईटेंशन लाइन टूटी, बड़ा हादसा टला
इस दुर्घटना में 11 हजार वोल्ट की हाई टेंशन लाइन का तार भी टूट गया। गनीमत यह रही कि उस समय बिजली की आपूर्ति बंद थी, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि लाइन में करंट प्रवाहित हो रहा होता, तो यह दुर्घटना जानलेवा साबित हो सकती थी।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
क्षतिग्रस्त मंदिर का तत्काल पुनर्निर्माण कराया जाए।
बिजली व्यवस्था को तुरंत ठीक किया जाए और टूटे हुए तारों को जल्द से जल्द बदला जाए।
हादसे के लिए जिम्मेदार ट्रोला चालक और वाहन मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।