अजमेर अग्निकांड- होटल संचालक-स्टाफ की लापरवाही आई सामने: सो रहे मेहमानों को अलर्ट तक नहीं किया; कई ने दूसरी बिल्डिंग की छत पर कूदकर बचाई जान – Rajasthan News h3>
अजमेर के नाज होटल में हुए अग्निकांड मामले में सबसे बड़ी लापरवाही होटल संचालक और स्टाफ की सामने आई है। इस अग्निकांड में अपने पति को खोने वाली नई दिल्ली की रेहाना ने बताया कि उन्होंने खुद को बचाने के लिए कई बार स्टाफ को आवाज लगाई। कोई भी मदद के लिए वहा
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मृतकों के परिजनों का आरोप है कि होटल स्टाफ ने अलग-अलग कमरों में ठहरे गेस्ट को अलर्ट तक नहीं किया। उल्टा आग बढ़ती देख अपनी जान बचाकर होटल से भाग गए। मदद नहीं मिलने पर होटल में ठहरे मेहमानों ने पांचवीं मंजिल पर जाकर दूसरे होटल की छत पर कूदकर अपनी जान बचाई। अजमेर नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार फायर ब्रिगेड पहुंची तब वहां होटल संचालक या कोई भी स्टाफ मौजूद नहीं था।
एक मई को हुए इस अग्निकांड में गुजरात के दंपती और उनके बेटे सहित 4 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस मामले में पुलिस अबतक आरोपी होटल संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है।
NEWS4SOCIALटीम ने होटल नाज में हुए इस अग्निकांड के प्रत्यक्षदर्शियों, प्रभावितों से बात की। पढ़िए ये रिपोर्ट…
होटल में लगी आग चौथे मंजिल तक पहुंची तो वहां से एक युवक कुछ इस तरह कूद गया। वह सीधे नीचे गली में आकर गिरा।
आग लगते ही भाग गया था स्टाफ अजमेर दरगाह के पीछे डिग्गी बाजार स्थित होटल नाज में आग लगने की यह घटना 1 मई की सुबह करीब 7.15 बजे के आस-पास हुई थी। अजमेर निगम के अग्निशमन अधिकारी गौरव तंवर ने बताया कि अग्निकांड के दौरान सबसे पहले मौके पर वो अपनी फायर ब्रिगेड टीम के साथ पहुंचे थे। इस दौरान वहां होटल संचालक और कोई भी होटल स्टाफ मौजूद नहीं था। वो पहले ही चले गए थे।
इसी वजह से समय से वहां ठहरे जायरीनों को आग लगने की जानकारी नहीं मिल पाई। देखते ही देखते हालात बिगड़ गए और लोगों की जानें चली गईं। होटल की सीढ़ियों में आग की लपटें पहुंच गई थी और बाहर रखा फर्नीचर व पर्दे जल रहे थे। यही वजह थी कि जायरीनों और गेस्ट को कमरों से बाहर निकल नीचे आने का कोई रास्ता नहीं मिल पाया। कई तो धुएं और आग के चलते कमरों से बाहर ही नहीं निकल पाए। इस होटल में पीछे के कमरों में प्रॉपर वेंटिलेशन भी नहीं था, जिसके चलते अंदर फंसे लोगों का दम भी घुटने लग गया था।
दम घुटने से मौतें
फायर डिपार्टमेंट के प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन में भी सामने आया है कि इस अग्निकांड में एक भी शख्स आग के चलते जलकर नहीं मरा था। गुजरात के अमरेली जिले के लाठी गांव के रहने वाले अल्फाज नूरानी, उनकी पत्नी शबनम नूरानी और उनके बेटे अरमान नूरानी की उनके कमरे में वेंटिलेशन नहीं होने से दम घुटकर मौत हो गई तो वहीं नई दिल्ली के रहने वाले जाहिद ने होटल से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिलने पर चौथे फ्लोर से छलांग लगा दी और इसी वजह से उसके सर में गहरी चोट लगी और मौत हो गई। इतना ही नहीं जाहिद की पत्नी रेहाना ने अपने डेढ़ साल के बेटे इब्राहिम की जान बचाने के मकसद से उसे वहां से नीचे फेंक दिया था।
रेहाना ने बताया था- कोई नहीं आया मदद के लिए
इस अग्निकांड में मारे गए जाहिद की पत्नी रेहाना ने भी बताया था कि वे होटल में चौथे फ्लोर पर अपने कमरे में सो रहे थे। सुबह करीब साढ़े सात बजे हमने कमरे की विंडो से बाहर झांककर देखा तो नीचे चीखने-चिल्लाने की आवाजें देख घबरा गए। भागने के लिए दौड़े लेकिन कमरे का गेट नहीं खुला। इसके बाद मैंने और पति ने जोर लगाकर गेट खोला तो बाहर से कमरे में धुआं ही धुआं आ गया। इसके बाद हमने जोर-जोर से मदद के लिए आवाज लगाई। बचाओ-बचाओ, चिल्लाए।
होटल वालों को भी खूब पुकारा लेकिन किसी ने कोई रिस्पोंस नहीं दिया। हम जैसे-तैसे खिड़की के सहारे बालकनी में आए। वहां खड़े होने के लिए ज्यादा जगह नहीं थी तो मेरे पति जाहिद तार के सहारे बचने की कोशिश कर रहे थे। अचानक उनका बैलेंस बिगड़ गया और वो चौथी मंजिल से नीचे गिर गए। उनकी दर्दनाक मौत हो गई। हमारे कमरे में लैंडलाइन फोन भी तो था, कोई कॉल भी कर देता तो हम बच जाते। होटल में एक आदमी बचकर बाहर निकल रहा था, हमने उसे कहा कि हमारे बच्चे को साथ ले जाए, पर उसने भी हमारी कोई मदद नहीं की।
दूसरे होटल की छत पर कूदकर लोगों ने बचाई जान
NEWS4SOCIALपड़ताल में सामने आया कि अग्निकांड के दौरान होटल में मौजूद 21 लोगों में से अधिकतर ने पांचवे फ्लोर पर मौजूद होटल की छत के रास्ते से खिड़कियों और दरवाजों के कांच तोड़-तोड़ कर इस होटल की बगल में मौजूद एक दूसरी होटल नीलम पैलेस की छत पर कूद कर अपनी जान बचाई थी। जान बचाने के इस संघर्ष में कई लोगों को चोट भी आई। होटल नीलम पैलेस की छत पर कइयों के जूते-चप्पल अभी भी पड़े हुए है।
होटल नीलम पैलेस की छत पर पड़े जूते। लोग जान बचाने के लिए यहां कूदे थे।
मृतकों के परिजन बोले- फायर सेफ्टी की क्लियरेंस तक नहीं थी
इस अग्निकांड में गुजरात के अमरेली जिले के लाठी गांव के अल्फाज नूरानी, उनकी पत्नी और उनके डेढ़ साल के बेटे की भी मौत हुई थी। अल्फाज नूरानी के जीजा आबिद ने बताया कि अल्फाज नूरानी मंगलवार सुबह अपनी पत्नी शबनम नूरानी और उसके बच्चे अरमान नूरानी के साथ यहां अजमेर पहुंचे थे।
वो यहां दरगाह में जियारत करने आए थे। अल्फाज गुजरात में अपने गांव लाठी में उसके भाई के साथ कॉस्मेटिक और चश्मे की दुकान चलाते थे। उसके घर में भाई के अलावा उसके मम्मी-पापा है।
अजमेर में नगर निगम की कोई भी नियम-कायदा फॉलो नहीं हुआ है। पांच-पांच माले की बिल्डिंग खड़ी कर दी और लोग अंदर बंद कमरों में आग की गर्मी में मर गए। मैनेजर-स्टाफ सब भाग गए और हमारे तीनों लोग वहां ऐसे ही मर गए। वहां फायर ब्रिगेड की भी कोई सुविधा नहीं थी। जब वहां सब कुछ खत्म हो गया तो वहां फायर ब्रिगेड पहुंची थी। हमारे तीन लोग मर गए है और कोई भी इसका जवाब देने को नहीं है।
अब जाहिदा की पत्नी रेहाना रिपोर्ट ही पुलिस ने होटल संचालक राजेश माली और होटल मैनेजमेंट के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और इन्वेस्टिगेशन की जा रही है। हालांकि अभी तक पुलिस होटल संचालक राजेश माली की गिरफ्तारी को कन्फर्म तो नहीं कर रही है लेकिन उससे पूछताछ की बात कह रही है। होटल संचालक राजेश माली ने इस होटल को लीज पर ले रखा था और इस होटल के असल मालिक विदेश में रहते हैं।
मामले की जांच कर रहे क्लॉक टावर थाने के पुलिस एएसआई राम बाबू ने बताया कि होटल संचालक राजेश माली ने इस होटल को लीज पर ले रखा था और इस होटल के असल मालिक विदेश में रहते है। फिलहाल इस केस में इन्वेस्टिगेशन चल रही है, वहीं पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई की जा रही है।
अजमेर के होटल में आग लगने के बाद रेस्क्यू टीम ने बच्चे को हॉस्पिटल पहुंचाया।
होटल के पास नहीं थी फायर NOC नहीं
डिग्गी बाजार में होटल नाज में भीषण अग्निकांड के बाद नगर निगम प्रशासन की जांच में सामने आया है कि होटल मालिक के पास कोई फायर एनओसी नहीं है। फायर एनओसी के लिए अग्निशमन विभाग ने होटल को नोटिस जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया गया था।
अग्निशमन विभाग फिर से यहां नोटिस जारी करके कार्रवाई करता इससे पहले पता चला कि ये होटल नगर निगम से स्वीकृत किए गए नक्शों के विपरीत बनी हुई है। ऐसे में इसे फायर एनओसी नहीं दी जा सकती है। निगम कोई कार्रवाई नहीं करे इसे लेकर होटल मालिक ने आग बुझाने के काम आने वाले छोटे गैस सिलेंडर लगा लिए थे।
जिस गली में यह होटल बनी है वहां दूसरी होटल भी कई मंजिला बनी हुई है। होटल नाज के सामने ही एक होटल के लिए निर्माण कार्य भी चल रहा है। यहां गली में इतनी जगह भी नहीं है कि होटल तक फायर ब्रिगेड के वाहन पहुंच पाए। अब अजमेर जिला कलेक्टर लोकबंधु ने इस मामले को लेकर जांच कमेटी बनाई है। कमेटी में शहर एसडीएम पदमा देवी, निगम उपायुक्त अनिता चौधरी , पुलिस सीओ और अग्निशमन अधिकारी सहित अन्य को शामिल किया है।
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