अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन योजना: 11 फर्जी आवेदन, 10 मामलों में एफआइआर | inter-caste marriage : 11 fake applications, FIR in 10 cases | Patrika News

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अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन योजना: 11 फर्जी आवेदन, 10 मामलों में एफआइआर | inter-caste marriage : 11 fake applications, FIR in 10 cases | Patrika News

अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन योजना: 11 फर्जी आवेदन, 10 मामलों में एफआइआर | inter-caste marriage : 11 fake applications, FIR in 10 cases | Patrika News


भोपालPublished: Feb 15, 2023 08:10:24 pm

अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए MP GOVT एक जोड़े को दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि देती है। Bhopal में इस राशि को लेने के लिए कुछ शादी-शुदा जोड़ों ने राशि हड़प ली। शादी के पांच और सात साल बाद, जब उनके बच्चे हो गए तब आवेदन किया। जबकि, शादी के बाद एक साल के अंदर आवेदन करना होता है। कुछ ने एडीएम के यहां हिंदू मैरिज एक्ट में रजिस्ट्रेशन के लिए फर्जी रजिस्ट्रेशन के साथ फर्जी प्रमाण पत्र भी लगाए। ऐसे दस जोड़ों पर विभाग ने एफआइआर कराई है। पिछले पांच साल में 106 जोड़ों को अंतरजातीय विवाह करने पर 2.12 करोड़ का भुगतान किया गया। 11 मामलों में अभी राशि नहीं मिली है।

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भोपाल. अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार एक जोड़े को दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि देती है। वर्ष 2022 में इस राशि को लेने के लिए कुछ शादी-शुदा जोड़ों ने राशि हड़प ली। शादी के पांच और सात साल बाद, जब उनके बच्चे हो गए तब आवेदन किया। जबकि, शादी के बाद एक साल के अंदर आवेदन करना होता है। कुछ ने एडीएम के यहां हिंदू मैरिज एक्ट में रजिस्ट्रेशन के लिए फर्जी रजिस्ट्रेशन के साथ फर्जी प्रमाण पत्र भी लगाए। ऐसे दस जोड़ों पर विभाग ने एफआइआर कराई है। पिछले पांच साल में 106 जोड़ों को अंतरजातीय विवाह करने पर 2.12 करोड़ का भुगतान किया गया। 11 मामलों में अभी राशि नहीं मिली है।
अंतरजातीय विवाह के लिए मिलने वाली राशि दंपत्ति के ज्वाइंट अकाउंट में जाती है। इसलिए एडीएम के यहां हिंदू मैरिज एक्ट में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। प्रमाण पत्र की कॉपी लगनी होती है। ऐसे में कई लोग दलालों की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा करते हैं।
ये कहता है नियम
-विवाह के एक साल के अंदर आवेदन करें। विवाह संबंधी प्रमाण पत्र भी दें
-सजातीय प्रकरणों में राशि नहीं मिलती
-दंपत्ति में से एक अनुसूचित जाति का और दूसरा सवर्ण हो
ये प्रक्रिया होती है
प्रोत्साहन राशि के लिए प्रमाण पत्र के साथ कलेक्टर कार्यालय स्थित विवाह पंजीयन अधिकारी के यहां पंजीयन कराना होता है। न्यायालय में निर्धारित प्रारूप में आवेदन शपथ-पत्र एवं अन्य प्रमाण प्रस्तुत करने होते हैैं। दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत जाति प्रमाण-पत्र का सत्यापन संबंधित एसडीएम करता है। थाना प्रभारी से विवाह पंजीयन के संबंध में बिन्दुवार प्रतिवेदन लिया जाता है। फिर आवेदन की जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी करते हैं।
इन पर एफआइआर
जनपद पंचायत बैरसिया में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने पर भीकम सिंह अहिरवार उसकी पत्नी माया राजपूत, जितेन्द्र अहिरवार व आरती ठाकुर, विजय मेहतर व प्रीति बाई, हेमराज जाटव व सवित्री बाई, आजाद सिंह व संजू अहिरवार, लखन अहिरवार व सपना अहिरवार, पूरन सिंह व सावित्री बाई, प्रेमनारायण अहिरवार व बिंदो बाई, जितेन्द्र अहिवार व रजनी तथा सुनील अहिरवार एवं उसकी पत्नी सोनम पर कोहेफिजा थाने में एफआइआर दर्ज है। इनके विवाह वर्ष 2008 से वर्ष 2018 के बीच हुए। सभी बच्चे भी हो गए। फिर भी आवेदन किया।
यहां करें ऑनलाइन आवेदन
अंतरजातीय विवाह पर प्रोत्साहन राशि के लिए अनुसूचित जाति विकास पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन की राशि
वर्ष—–आवेदन आए—-स्वीकृत हुए—निरस्त किए
2018–19—40—–37——3
2019–20—35—–34——1
2020–21—09—-07——2
2021–22—12—12—–0
2022–23—16—5
पात्र लोगों के आवेदन को समिति अनुमोदित करती है। हिंदू मैरिज एक्ट में पंजीयन होता है। इसे एक साल के अंदर कराना जरूरी है। वरना आवेदन निरस्त हो जाता है।
अवनीश चतुर्वेदी, असिस्टेंट कमिश्नर, ट्राइबल विभाग

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