हज समिति को भगवा रंगवाने पर योगी आदित्यनाथ दी ने कड़ी प्रतिक्रिया

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हज समिति के सचिव के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए उन्हें पद से निरस्त कर दिया है. दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले दिनों हज समिति के सचिव द्वारा हज हाउस के कार्यालय की बाहरी दीवारों को केसरिया रंग से पोते जाने के मामले पर खफा हैं. इसी वजह से राज्य सरकार ने तात्कालिक प्रभाव से हज समिति के सचिव को पद से हटा दिया है.

नोटिस देकर पूछे गए थे सवाल

इस मामले पर बात करते हुए राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव मोनिका एस. गर्ग ने बताया कि हज समिति के सचिव आर. पी. सिंह को तात्कालिक प्रभाव से पद से हटा दिया गया है. फिलहाल इस पद पर स्थाई तैनाती होने तक समिति का कार्यभार अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक विनीत श्रीवास्तव संभालेंगे. निरस्त किये जाने से पहले आर. पी. सिंह को एक नोटिस देकर उनसे सात बिंदुओं पर सफाई मांगी गई थी. उनसे पूछा गया था कि उन्होंने किस आदेश और नियम के तहत हज समिति कार्यालय की बाहरी दीवार को भगवा रंग से पोता था और फिर एक दिन बाद उस दीवार का रंग क्यों बदल दिया गया? दोबारा पुताई करवाने के लिए कौन जिम्मेदार है और दोबारा हुई पुताई का खर्च या नुकसान कौन उठाएगा?

इस वजह से हुई कार्यवाही

गौरतलब है कि पांच जनवरी को उत्तर प्रदेश राज्य के हज समिति कार्यालय की बाहरी दीवार केसरिया रंग से रंगी पाई गई थी. कार्यालय के गेट के खम्बों को गहरे केसरिया रंग से और बाकी हिस्सों को हल्के भगवा रंग से रंगा गया था. पुताई से पहले यह दीवार सफेद रंग की थी. सचिवालय भवन को भगवा रंग से रंगे जाने के कारण विपक्ष ने योगी सरकार को निशाने पर ले लिया था. छारो तरफ से मिल रही तीखी प्रक्रिया के कारण पुताई के अगले ही दिन हज दफ्तर की दीवार को केसरिया के बजाए हल्के पीले रंग से पोत दिया गया था. राज्य में विभिन्न इमारतों को भगवा रंग में रंगे जाने को लेकर खासी चर्चा हो रही है. इससे पहले इटावा में शौचालयों को भी केसरिया रंग से रंगे जाने पर भी विपक्ष ने सरकार की आलोचना की थी.

Hajj community -

उलेमाओं ने हज सब्सिडी पर दी प्रतिक्रिया

कल ही मोदी सरकार ने मुसलामानों को दी जाने वाली 25 हज़ार की हज सब्सिडी पर रोक लगा दी है. इस पर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने प्रतिक्रिया देते गुए कहा है कि अब तक अनुदान के नाम पर मुसलमानों के साथ धोखा किया जा रहा था और इस निर्णय का कोई मतलब नहीं है. ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने हज सब्सिडी को खत्म किए जाने के बारे में पूछने पर बताया कि सरकार दरअसल, हज यात्रियों को नहीं बल्कि घाटे में चल रही एयर इण्डिया की मदद के लिये सब्सिडी दे रही थी. यह मात्र एक छलावा था. सब्सिडी के नाम पर मुसलमानों के साथ सिर्फ धोखा किया जा रहा था.

रहमानी ने कहा कि हज सब्सिडी बुनियादी तौर पर एयर इण्डिया के लिए हुआ करती थी,  न कि हाजियों के लिये. आम दिनों में सऊदी अरब आने-जाने का टिकट 32 हजार रुपए में मिलता है जबकि एयर इण्डिया हज के वक्त किराए में बेतहाशा बढ़ोत्तरी करते हुए हाजियों से 65 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक वसूलती है. अगर हाजियों से बगैर किसी सब्सिडी के किराया लिया जाए तो वह बहुत कम होगा.