Year Ender 2022: जयपुर का विकास, मिली सौगातें | Year Ender 2022: Development of Jaipur in the year 2022 | Patrika News

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Year Ender 2022: जयपुर का विकास, मिली सौगातें | Year Ender 2022: Development of Jaipur in the year 2022 | News 4 Social


जयपुर में लंदन के जैसे पार्क की मिली सौगात
राजधानी जयपुर को इस साल 21 अक्टूबर को मानसरोवर में सिटी पार्क की सौगात मिली। लंदन के हाइड पार्क और न्यूयार्क के सेंट्रल पार्क की थीम पर बने इस पार्क में मॉर्निंग वॉक के लिए 3.5 किलोमीटर मीटर का जॉगिंग ट्रेक बनाया है, जिसके किनारे म्यूजिक सिस्टम इंस्टॉल किए गए है। घूमते वक्त मंद आवाज में लोगों को म्यूजिक कानों को सुनाई दे रहा है। पार्क में 17 स्कल्पचर के साथ चिल्ड्रन प्ले एरिया बनाया है। राजस्थान आवासन मंडल ने सेन्ट्रल पार्क से बडा सिटी पार्क विकसित किया, जो करीब 52 एकड़ जमीन पर बनाया गया। पार्क में होर्टिकल्चर वर्क, सिविल वर्क, जॉगिंग ट्रेक आदि का निर्माण कराया गया है। यहां 65 मीटर ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया गया है। दो फेज में बनने वाले पार्क के निर्माण पर करीब 110 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
3_1.jpg6 साल के इंतजार के बाद भारत जोड़ों मार्ग पर वाहनों की सरपट दौड़
राजधानी में 6 साल के लंबे इंतजार के बाद 6 अक्टूबर को भारत जोड़ो मार्ग (सोडाला एलीवेटेड रोड) शहरवासियों को सौगात मिली। करीब 2.8 किमी एलीवेटेड को अजमेर रोड एलीवेटेड में हवा से हवा में जोड़ा गया। इससे अजमेर रोड, झोटवाड़ा, वैशाली नजर, न्यू सांगानेर रोड, मानसरोवर क्षेत्र की हजारों की आबादी को फायदा मिला। अम्बेडकर सर्किल से सोढाला तिराहे तक बनाई रोड से गुजरने वाले वाहन चालकों को 22 गोदाम सर्किल, हवा सड़क के ट्रैफिक जाम से निजात मिल रही है। एलीवेटेड रोड की अम्बेडकर सर्किल से सोडाला तिराहे तक 2.8 किलोमीटर लम्बाई है, वहीं हवासड़क चम्बल पावर हाउस से अम्बेडकर सर्किल तक दूसरी लेन की 1.8 किलोमीटर लंबाई है। जयपुर शहर के बीचो-बीच बने इस एलिवेटेड रोड पर लाइटिंग का खूबसूरत नजारा भी लोगों को देखने को मिल रहा है।
4_2.jpgजयपुर मेट्रो को मिली नई ऊंचाई, विस्तार के साथ बढ़ा यात्रीभार
जयपुर मेट्रो को नई ऊंचाइयां मिलने की राह सुगम हुई। सरकार ने मेट्रो के फेज 1सी और फेज 1डी को मंजूरी देने के साथ ही वित्तिय स्वीकृति जारी कर दी हैं। सरकार ने फेज-1सी में बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर तक के निर्माण के लिए 993.51 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी है। इससे पहले फेज-1डी मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से अजमेर रोड तक की स्वीकृति दी जा चुकी है। इन दोनों चरणों में 1198.32 करोड़ रुपए खर्च होंगे। हालांकि, अब तक राज्य सरकार ने फेज-2 पर कोई निर्णय नहीं किया है। फेज 1सी की कुल लंबाई 2.85 किलोमीटर की होगी। इसमें 2.26 किलोमीटर तक मेट्रो का सफर अंडरग्राउंड होगा। वहीं, 0.59 किलोमीटर मेट्रो एलिवेटेड पर दौड़ेगी। वहीं, फेज 1डी में कुल 2 किलोमीटर लंबाई तक मेट्रो का विस्तार होगा। यह पूरा ट्रेक एलिवेटेड होगा और इस पर 204.81 करोड़ रूपए का खर्च होगा। दूसरी ओर कोरोना काल के बाद मेट्रो का यात्री भार बढ़ा। मेट्रो में वर्तमान वर्ष में रोजाना औसतन करीब 38 हजार यात्री सफर कर रहे है। रेवेन्यू बढ़कर अब औसतन साढ़े पांच लाख रूपए प्रतिदिन तक हो चुका हैं। मेट्रो के स्मार्ट कार्ड यूजर्स की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
7_3.jpgजवाहर सर्किल पर बन रहे तीन सब—वे तैयार
जवाहर सर्किल पर जेडीए ने सौन्दर्यन का काम शुरू कर दिया है। यहां पदयात्रियों और साईकिल सवार लोगों के लिए 3 सब-वे बनाए जा रहे है। एक सब—वे करीब—करीब तैयार है, दूसरे सब वे के काम से जल्द शुरू होगा। वहीं 100 फीट उंचा एक मॉन्यूमेंट भी तैयार किया जा रहा है, जिसमें प्रथम तल काम पूरा हो चुका है, दूसरे फ्लोर काम जल्द शुरू होगा। इन कामों पर जेडीए 44.19 करोड रुपए खर्च कर रहा है। सब वे बनने के बाद पैदल चलने वालों के साथ साइकिल सवार लोगों को राहत मिलेगी। जवाहर सर्किल की बाहरी परिधि पर साईकिल ट्रैक, वॉक—वे, जॉगिंग ट्रेक, पार्किंग एवं सौन्दर्यीकरण के साथ विद्युतीकरण के काम हो रहे है।
8_2.jpgट्रैफिक सिग्नल फ्री चौराहों का काम धरातल पर उतरा
राजधानी की व्यस्तम सड़क टोंक रोड पर आने वाले सालों में वाहन सरपट दौड़ लगाएंगे। इसके लिए टोंक रोड के बी-टू बाईपास जंक्शन और लक्ष्मी मंदिर तिराहे को ट्रैफिक सिग्नल फ्री के रूप से डवलप करने का काम शुरू हो चुका है। बी-2 बाईपास जंक्शन टोंक रोड पर जवाहर सर्किल से मानसरोवर की तरफ अण्डरपास बन रहा है, वहीं टोंक रोड पर बजरी मंडी व रामदास अग्रवाल तिराहे पर क्लोवर लीफ का निर्माण किया जा रहा है, यहां सब-वे भी बनाया जाएगा। वहीं लक्ष्मी मंदिर तिराहे पर सब्जी मण्डी सड़क से टोंक रोड पर लगभग 400 मीटर लम्बाई में दो-लेन अण्डरपास बनाए जा रहे है। तिराहे पर दो पैदल यात्री के लिए सब-वे भी बनाए जा रहे है। इसके साथ ही लक्ष्मी मन्दिर तिराहे पर जयपुर की पारम्परिक स्थापत्य कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए स्वतन्त्रता सेनानियों की मूर्तियां भी लगाई जाएगी।
2_2.jpgमुख्यमंत्री ने खाया इंदिरा रसोई में भोजन, बढ़ गई संख्या
कोई भूखा न सोये के उद्देश्य के साथ शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना का दायरा बढ़ा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद इंदिरा रसोई पहुंच पत्नी के साथ भोजन किया। इसके बाद इंदिरा रसोई के प्रति लोगों का रुझान बढा। प्रदेश में 967 इंदिरा रसोई में लोगों को 8 रुपए में भरपेट खाना मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने बजट में रसोई की संख्या बढ़कर एक हजार करने की घोषणा की थी। अब तक रसोई में 8 करोड़ 70 लाख से ज्यादा लोग भोजन कर चुके हैं। स्वायत्त शासन विभाग ने अब इंदिरा रसोई को हाईटेक करने की तैयारी शुरू कर दी है। आने वाले समय में एक क्लिक पर लोगों को अपने घर के आसपास बनी रसोई की लोकेशन मिल सकेगी। इसके लिए विभाग गूगल पर रसोई की लोकेशन एड कराएगा। रसोई में भोजन सुबह 8.30 बजे तैयार हो जाता है, जहां दोपहर 2 बजे तक भोजन परोसा जाता है। वहीं शाम का भोजन 5 बजे शुरू हो जाता है जो 8 बजे तक उपलब्ध रहता है।
5_4.jpgगांवों के जैसे शहरों में भी मिलने लगा रोजगार
मनरेगा की तर्ज पर अब शहरों में भी बेरोजगारों को हर साल 100 दिन का रोजगार मिलने लगा है। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना ढाई महीने पहले 9 सितंबर को शुरू हुई, अब तक इस योजना में 4 लाख 89 हजार 196 श्रमिक चिह्नित है। हालांकि केवल 90 हजार ने रोजगार मांगा है। जबकि जॉब कार्ड करीब 3.82 लाख बने हैं। योजना के तहत 259 रुपए की न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है। योजना के तहत प्रदेशभर में 8946 स्वीकृत कार्यों में से 2175 काम चल रहे हैं। सरकार ने इसके लिए 800 करोड़ रुपए का बजट रखा है। स्वीकृत कार्यों में स्वच्छता संबंधी कार्यों को प्राथमिकता देने के साथ ही पर्यावरण जल संरक्षण, ठोस कचरा प्रबंधन, अतिक्रमण अवैध बोर्ड/होर्डिंग्स हटाने, हैरिटेज संरक्षण जैसे कार्य किए जा रहे हैं। योजना में लाभार्थी परिवार को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है।
6_3.jpgजयपुर की विरासत को जीवंत रखने के लिए हेरिटेज अथॉरिटी का खाका तैयार
जयपुर की विरासत को जीवंत रखने के लिए चारदीवारी क्षेत्र के 6.9 वर्ग किलोमीटर को संरक्षित रखने कवायद मूर्त रूप लेने लगी है। 6.9 वर्ग किलोमीटर को संरक्षित रखने के कड़े नियम कायदे तैयार हो गए है। इसके लिए हेरिटेज अथॉरिटी (प्राधिकरण) का खाका (प्रारूप) तैयार कर लिया गया है। इसके अनुसार नया निर्माण करने और पुराने निर्माण को तोड़ने से पहले अनुमति जरूरी होगी। अथॉरिटी के प्रारूप पर सरकार की मुहर लगते ही इसे आगामी विधानसभा सत्र में रखा जाएगा। वहां से यह पास होते ही विश्व विरासत सूची में शामिल एरिया के लिए अलग से प्राधिकरण होगा। यह हेरिटेज को संरक्षित रखने और जयपुर के अतीत और वर्तमान को जीवंत रखने का सबसे बड़ा काम होगा।

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