Wrestlers Protest: पहलवानों के संसद मार्च से हंगामा, पुलिस ने जंतर मंतर से उखाड़ दिए टेंट
ओलिंपिक्स मेडलिस्ट बजरंग पूनिया और साक्षी के साथ ही विनेश फोगाट और संगीता फोगाट अन्य पहलवानों और समर्थकों के साथ पूर्व निर्धारित समय के मुताबिक सुबह 11:30 बजे जंतर-मंतर से नए संसद भवन की ओर निकले। पुलिस बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ रहे पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने अन्य जवानों के साथ काफी मशक्कत के बाद काबू किया। इस दौरान इन पहलवानों का पुलिस के साथ झड़प भी हुई। विनेश इस दौरान सबसे ज्यादा उग्र दिखीं और उन्होंने कहा कि आरोपी आजाद घूम रहा है और न्याय मांगने वालों को सजा मिल रही है। दूसरी तरफ बजरंग ने कहा कि आरोपी पॉक्सो अधिनियम को बदलने की बात कर रहा है और आप उसके खिलाफ कुछ नहीं कर रहे। हम खिलाड़ी हाथ जोड़कर न्याय मांग रहे हैं तो हमारे साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है। पहलवानों ने बाद में पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप भी लगाया। पहलवानों को हिरासत में लेने के तुरंत बाद पुलिस ने धरनास्थल से उनका टैंट भी हटा दिए।
बृजभूषण के घर के सामने ठिठके
पहलवानों का मार्च काफी उग्र था। पुलिस की चाकचौबंद व्यवस्था के बीच वह शुरुआती दो बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने में कामयाब हो गए। पुलिस के लिए पहवानों को संभाल पाना मुश्किल हो रहा था। हालांकि बृजभूषण शरण सिंह की घर के पास लगाए गए तीसरे बैरिकेडिंग को पहलवान नहीं लांघ सके। इसके बाद पहलवान वहीं धरने पर बैठ गए। हालांकि पुलिस ने वहीं से उन्हें हिरासत में लेकर बसों में बिठा लिया।
पहलवान मांगते रहे जानकारी
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और समर्थकों की भारी भीड़ के बीच पहलवान एक-दूसरे से बिछड़ गए। विनेश, बजरंग, संगीता तो एक साथ थे लेकिन साक्षी मलिक दिख नहीं रही थीं। NBT ने जब बजरंग से साक्षी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उसे पुलिस उठाकर ले गई है। हालांकि कुछ देर बाद साक्षी अपने पहलवान पति सत्यव्रत कादियान के साथ पुलिस वालों के साथ जूझती दिखीं।
विपक्षी दलों का मिला समर्थन
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद विपक्षी दलों के दिग्गज नेताओं ने सोशल मीडिया पर सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ‘राज्याभिषेक पूरा हुआ, अहंकारी राजा सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज।’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘खिलाड़ियों की छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान हैं। उन मेडलों से खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है। बीजेपी सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाजों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है। यह गलत कदम है। पूरा देश सरकार के अहंकार और इस अन्याय को देख रहा है।’