World MSME Day : मजूबत अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभा रहा है मध्यप्रदेश का एमएसएमई क्षेत्र

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World MSME Day : मजूबत अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभा रहा है मध्यप्रदेश का एमएसएमई क्षेत्र

भोपाल: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग देश की अर्थ-व्यवस्था का महत्वपूर्ण इंजन हैं, जिसमें भारत भर में उद्योगों का जाल फैलाने की अदभुत क्षमता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश की अर्थव्यवस्था को साल 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने में भी एमएसएमई क्षेत्र (World MSME Day)महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

मध्यप्रदेश सरकार भी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य में उद्योगों का विस्तार कर प्रदेश से निर्यात बढ़ाने की संभावनाएं साकार करने के साथ-साथ ‘वोकल फॉर लोकल’ पर भी उद्योग विभाग खास ध्यान दे रहा है। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर भारत के लिए 2024 तक आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का संकल्प लिया है जिसका एक अहम हिस्सा एमएसएमई क्षेत्र का विकास और विस्तार है इसलिए राज्य सरकार का पूरा फोकस एमएमएमई को मजबूत कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की गति कायम रखना है। अपने संकल्प को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नीति निर्माण से लेकर उसके सही क्रियान्वयन तक कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। फिर चाहे वह एमपी स्टार्ट-अप नीति 2022 के शुभारंभ का शुभारंभ कर नए उद्यमियों को अवसर देना हो या फिर हर महीने रोजगार मेलों का आयोजन कर लाखों युवाओं को स्वरोजगार के लिए मदद करना।
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अर्थ-व्यवस्था को स्पीड दे रहे हैं स्टार्ट-अप
प्रदेश के उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। खासतौर पर पिछले दो वर्षों में एमएसएमई उद्योगों का जाल प्रदेश के हर अंचल में जिस तरह से फैला है उसने अर्थव्यवस्था को बहुत मजबूती दी है। प्रदेश में एमएसएमई उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक साथ 1 हजार 800 से अधिक इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं। इसके अलावा प्रदेश में 650 से अधिक नई औद्योगिक ईकाइयां आईं हैं, जिससे 40 हजार करोड़ से अधिक का निवेश और 1 लाख नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही एमपी स्टार्ट-अप नीति 2022 लागू होने से मध्यप्रदेश तेजी से उभरता स्टार्टअप हब बन रहा है। स्टार्टअप से प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को भी स्पीड मिल रही है। वर्तमान में प्रदेश में 1 हजार 800 से अधिक स्टार्ट-अप स्थापित हो चुके हैं। जिनमें से कुछ स्टार्ट-अप तो 4 हजार करोड़ से लेकर 8 हजार करोड़ रुपए तक या उससे भी अधिक वैल्यू के हैं।
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प्रदेश में 17 क्लस्टर किए जा रहे विकसित

प्रदेश में सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नए क्लस्टर बनाने पर सरकार तेजी से कार्य कर रही है। प्रदेश के एमएसएमई विभाग द्वारा 17 क्लस्टर विकसित किये जा रहे हैं जिससे रोजगार के नए अवसर राज्य को युवाओं को मिलेंगे। केन्द्र सरकार ने उज्जैन में मेडीकल डिवाइस पार्क की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा प्रदेश में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किये जा रहे हैं जिससे रोजगार सृजन होगा। साल 2022-23 में 21 हजार 865 करोड़ रुपए की 381 परियोजनाओं में निवेश किया जाना है। इससे राज्य के 60 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
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लाखों युवाओं को मिल रहा अवसरों का खुला आसमान

प्रदेश में उद्योगों का जाल बिछाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही सरकार का लक्ष्य युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना भी है। प्रदेश के युवाओं को रोजगार मुहैया करा कर मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार कोशिशें जारी हैं। प्रदेश में लगातार रोजगार मेले आयोजित कर लाखों युवाओं के सपने को साकार करने का अवसर सरकार दे रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि प्रदेश का युवा रोजगार मांगने वाला नहीं देने वाला बने। इसलिए राज्य सरकार ने उद्यम क्रांति योजना भी लागू की जिसके अंतर्गत युवाओं को स्वरोजगार के लिए कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में 12 जनवरी 2022 से रोजगार मेले की शुरुआत हुई और तीन महीने में 13 लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं से जोड़कर 7 हजार करोड़ से अधिक का लोन उपलब्ध कराया गया।
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क्या है मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना

प्रदेश के युवाओं को रोजगार से लगाकर मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की मंशा के अनुरूप, एमएसएमई विभाग द्वारा प्रदेश के युवाओं के लिए स्वयं का उद्योग,सेवा या व्यवसाय स्थापित करने के लिए मुख्मंत्री उद्यम क्रान्ति योजना शुरु की गई है। योजना में 7 सालों के लिए 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा। युवाओं को व्यवसाय स्थापित करने 50 लाख तक का लोन उपलब्ध कराया जाता है। वित्तीय सहायता के लिए आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष तथा शैक्षणिक योग्यता 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।

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