मुस्लिम धर्मगुरु का फ़तवा महिलाएं ड्राइविंग ना करे

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आज के 21 वी शताब्दी में महिलाएं पुरुषोंसे कंधा मिलाकर नहीं तोह उनके भी आगे चल रही है | महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषोंसे आगे है | किसी देश की कमान संभालनी हो या किसी कंपनी की जिम्मेदारी महिलाएं आसानी से निभाती लेती है | लेकीन शायद कुछ लोगो को महिलाओं के आगे बढ़ने की ये बातें रास नहीं आ रही है | इसलिए सऊदी अरब के एक मुस्लिम धर्मगुरु ने फतवा जारी कर कहा है कि महिलाएं ड्राइविंग ना करे | इन साहब का कहना है कि महिलाओं के पास पुरुषों के मुकाबले एक तिहाई दिमाग होता है | सऊदी अरब के इन कथित महापुरुष का नाम साद अल हिजरी है | इस बयान के बाद सऊदी सरकार ने इस धर्मगुरु को अपने पद से हटा दिया है और कोई भी धार्मिक गतिविधि करने से रोक लगायी है |

अगर हम उदाहरण के तौर पर भारत का ही नाम ले तोह सुनीता विल्यम्स, राष्ट्रपति प्रतिभा ताई पाटिल, गानसाम्राज्ञी लता मंगेशकर, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसी कई महिलाओं ने देश का नाम पुरे विश्व में रोशन किया | मगर कुछ लोगो की मानसिकता इस विषय में काम पड़ जाती है | सऊदी के कथित मुस्लिम धर्मगुरु के बयान से यह बात स्पष्ट होती है | उनके इस बयान के बाद सोशल मिडिया में बवाल मच गया था लोगो ने इस फतवे की आलोचना की |

साद अल हिजरी ने एक विडिओ जारी कर कहा था कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं के पास वैसे भी आधा दिमाग होता है | लेकीन बाजार में खरीददारी करने के बाद उनके पास एक तिहाई ही दिमाग बचता है | ऐसे में उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस नहीं देना चाहिए | इसके बाद दक्षिण की असिर सरकार ने कहा की ऐसे महत्वपूर्ण पद से ऐसे बयान को कभी मंजूरी नहीं दे सकते | जबकि इस्लाम में महिला और पुरुषों को बराबरी का स्थान मिला है | अगर भविष्य में ऐसी घटना होती है तोह उनके साथ भी यही होगा | इस बारे में जब हिजरी से पूछा गया तब उन्होंने कहा कि वे गलती से ये बोल गए | सऊदी में अब भी महिलाओं के लिए सख्त कानून है | वहा महिलाएं ड्राइविंग नहीं कर सकती | पुरुषों के मामले महिलाओं को काफी सख्ती से पेश किया जाता है | लेकीन वर्तमान सरकार ने कई बदलाव किए है | महिलाओं को काफी अधिकार दिए जा रहे है |

अगर यही बात भारत में कोई कर दे तो? क्या खुदको “सेक्युलर” के टैग लगा के घूमने वाले लोग इस बात का विरोध करते? जो लोग #notinmyname के हैशटैग डालकर प्रोटेस्ट करते है उन्हें ये बातें कुछ नहीं लगती? जो लोग भारत माता की जय, वंदे मातरम या तिरंगे के अपमान पर सिर्फ वोट बैंक के लिए चुप रह सकते है उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है | कहने का तात्पर्य यही है की जो सऊदी अरब की सरकार ने कथित मुस्लिम धर्मगुरु के साथ किया वो भारत में लोकशाही हो कर भी नहीं हो सकता था |