शरद यादव करेंगे नीतीश को पार्टी से बाहर?

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यूपी का 2017 विधानसभा चुनाव तो याद ही होगा आपको, समाजवादी पार्टी के असली हकदार की लड़ाई (अखिलेश और मुलायम खेमें) बाप, बेटे और चाचा की लड़ाई। कौन होगा सपा का असली हकदार? दरअसल ये बात हम आपको इसलिए याद दिला रहे हैं क्योंकि बिहार में गठबंधन परिवर्तन के बाद यही स्थिति उत्पन्न हो गई है। जेडीयू ने शरद यादव के बागी तेवर को देखते हुए उन्हें राज्यसभा में अपने नेता पद से हटा दिया है। पर शरद तो दो-दो हाथ करने को तैयार हैं।

वरिष्ठ जदयू नेता शरद यादव अपने धड़े को ‘असली ‘ जदयू के रूप में पेश करने की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए यादव चुनाव आयोग का भी रुख करेंगे। शरद खेमे का दावा है कि 14 राज्य इकाइयों का समर्थन उसे प्राप्त है, जबकि पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार को केवल बिहार इकाई का समर्थन हासिल है। इसके अलावा राज्यसभा के दो सांसद भी शरद के साथ हैं। जदयू ने शरद को राज्यसभा में नेता पद से हटा दिया है।

 

यादव के करीबी सहयोगी अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि शरद यादव पार्टी नहीं छोड़ेंगे। जदयू की पहचान बिहार तक सीमित होने के नीतीश कुमार के बयान को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी की हमेशा से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान रही है। जब समता पार्टी का जदयू में विलय हुआ था तो उस समय शरद यादव पार्टी प्रमुख थे। श्रीवास्तव ने कहा, ‘नीतीश कुमार ने खुद कहा है कि पार्टी का अस्तित्व बिहार से बाहर नहीं है। ऐसे में उनको बिहार के लिए नई पार्टी का गठन करना चाहिए। उनको जदयू पर कब्जा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जिसकी