जिस राज्य में राज्यपाल नियुक्त किया जाता है वह उसी राज्य का क्यों नहीं हो सकता ?

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राज्यपाल
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जिस तरह से देश में राष्ट्रपति का पद बहुत सम्मान और गरिमा का पद होता है, ठीक वैसे ही किसी भी राज्य में राज्यपाल का पद बहुत सम्मानित और गरिमा पूर्ण होता है. लेकिन राज्यपाल को उस राज्य में नियुक्त नहीं किया किया जा सकता जहाँ का वह निवासी है. किसी भी राज्य का राज्यपाल उस राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है, लेकिन राज्यपाल उस राज्य का क्यों नहीं हो सकता जिस राज्य में उसे नियुक्त किया जाता है.

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संविधान

जहाँ का निवासी होता है, उस राज्य में राज्यपाल नियुक्त ना करने का सबसे बड़ा कारण यह होता है कि राज्यपाल केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करता है. उसके पद पर बना रहना पूरी तरह से राष्ट्रपति पर निर्भर करता है. जिस राज्य में हम रहते हैं, वहां पर राजनीति के प्रति या किसी जाति विशेष के प्रति एक धारणा बनने की संभावना रहती है तथा कहीं ना कहीं राज्य में किसी ना किसी राजनीतिक पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होने की संभावना ज्यादा हो जाती है. इन सबसे बचने के लिए ही राज्यपाल को उस राज्य में राज्यपाल नियुक्त नहीं किया जाता, जहाँ का वह स्थायी निवासी होता है.

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सत्यपाल मलिक

अगर किसी दूसरे राज्य में राज्यपाल नियुक्त किया जाता है, तो वहां की राजनीति से वो प्रभावित नहीं होते हैं तथा राज्य में होने वाली किसी भी समस्या के लिए केंद्र सरकार से चर्चा करके निष्पक्ष रूप से समाधान तक पहुँचा जा सकता है. इसी कारण राज्यपाल को उसके गृह राज्य में नियुक्त नहीं किया जाता.

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जिस राज्य में राज्यपाल बनाया जाता है वह उस राज्य में राजनैतिक तौर पर कभी सक्रिय रहा हो तो भी उस राज्य में उनको राज्यपाल नहीं बनाया जाता है. आरंभ में राज्यपाल मुख्यमंत्री के सलाह करके नियुक्त किया जाता था. लेकिन वर्तमान में मुख्यमंत्री से विचार विमर्श नहीं किया जाता.