किस कारण से सारनाथ विश्व में मशहूर है?

1520

सारनाथ उत्तरप्रदेश में वाराणसी के पास स्थित एक छोटा सा गांव है। यहां डीयर पार्क के लिए काफी मशहूर है। इसी पवित्र स्थान पर गौतम बुद्ध ने प्रथम उपदेश दिया था।पहले बौद्ध संघ की स्थापना भी इसी जगह पर हुई थी और यह भारत के चार प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थलों में एक है।

Advertising

आपको यह भी बताना चाहेंगे की सारनाथ में ही सम्राट अशोक ने कई स्तूप का निर्माण करवाया था। उन्होंने यहां प्रसिद्ध अशोक स्तंभ का भी निर्माण करवाया, जिनमें से अब कुछ हीबचे हुए है। सारनाथ कई बौद्ध ढांचे और स्मारक से लैस है। यह गांव बौद्ध तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण केंद्र है। इसके अलावा यहां इतिहासकार और पुरातत्वविद् भी आते हैं, जो यहां के स्मारकों और ढांचों पर रिसर्च करते है और उसकी बारीकियों को जानने की कोशिश करते है।

Advertising

यह भी पढ़ें : अमरनाथ गुफा के अनसुने रहस्य

मौजूद धमेख स्तूप वो जगह है, जहां पर गौतम बुद्ध ने ‘आर्य अष्टांग मार्ग’ का उपदेश दिया था। सारनाथ में कई स्तूप हैं। इन्हीं में से एक है चौखंडी स्तूप, जहां बुद्ध की हड्डियां रखी गई हैं। पुरातात्विक और खुदाई के क्षेत्र में जमीन से कई ऐसे प्राचीन तत्व मिले है, जिनसे इसकी अद्भुतता का पता चलता है।

Advertising

हर वर्ष हज़रो की तादाद में लोग यहाँ आता है। सारनाथ में अशोक का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चौखन्डी स्तूप, राजकीय संग्राहलय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार आकर्षण का केंद्र है । भारत का राष्ट्रीय चिह्न यहीं के अशोक स्तंभ के मुकुट की द्विविमीय से लिया गया है।

मुहम्मद गोरी ने सारनाथ के पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया था।अब बोध धर्म के सबसे बड़े गुरु दलाई लामा हि माने जाते हैं और तिब्बत सबसे बडा धाम के रूप में मान्यता है।

Advertising