जाने मुस्लिम समाज में क्यों कराया जाता है खतना ?

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जाने मुस्लिम समाज में क्यों कराया जाता है खतना ?
जाने मुस्लिम समाज में क्यों कराया जाता है खतना ?

देश में बहुत से धर्म होते है और हर धर्म कि अपनी अलग मान्यता होती है. धर्म की खास बात तो ये है कि धर्म में जो रीतिरिवाज और परंपरायें चली आ रही हैं. यह कोई आज से नहीं बल्कि आदि काल से जारी हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही पंरपराओं के बारे में बताने जा रहे है, जोकि मुस्लिम धर्म से संबधित है.

जिसे खतना के नाम से जाना जाता है. जो कि एक दर्द भरी परंपरा के रूप में मशहूर है. मुस्लिम समाज के लोग इसे मनाते आ रहे हैं और खास बात तो यह है कि इस दर्द भरी परंपरा से हर पुरूष को गुजरना पड़ता है. बता दें कि खतना न केवल मुस्लिम में बल्कि काफी सारे दूसरे धर्मों में भी होता है.

ऐसा कहा जाता है कि खतना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. खतना करवाने के बाद लिंग के ऊपर की जो चमड़ी है वो लिंग के आगे के मुंड पर चढ़ी नही रहती है. इसके कार लिंग में इन्‍फेक्‍शन होने का खतरा भी नहीं रहता है. दरअसल में ये जो चमड़ी होती है वह लिंग के आगे के मुंड पर चढ़ी रहती है तो वहां पर सडांध पैदा करती है.

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इसका एक फायदा यह भी होता है कि कई बार संभोग करते समय जब लिंग को अंदर प्रवेश करता है, तो ये चमड़ी पीछे हटते हुए कट जाती है. यदि छेद टाइट होता है तो ऐसा होता है चमड़ी कट जाने के कारण कई दिनों तक संभोग करने में असहनीय दर्द होता है. यदि खतना किया गया है, तो परेशानियां कम हो जाती है.

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इसको लेकर डाक्‍टरों का कहना है कि लिंग की चमड़ी में केंसर होने की संभावना भी कम हो जाती है. इतना ही नहीं आजकल खतना अस्‍पतालों में आपरेशन थियेटर में बाकायदा सर्जन के द्वारा ही कर दी जाती है. इसलिये इसमें पहले की तरह पकने या दूसरी परेशानियां कम पाई जाती है. खतना करवाना की वजह लिंग को सुरक्षित करना है.