योगी के मंत्रीमंडल से आखिर किसकी जाएगी कुर्सी?

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रदेश सरकार के पांच मंत्रियों को 19 सितंबर तक विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य बनना अनिवार्य है। विधान परिषद के चुनाव में जीत के बाद सिर्फ चार ही सदस्य विधानमंडल में पहुंचेंगे। बड़ा सवाल यह है कि आखिर मंत्रिमंडल से किसकी छुट्टी होगी। चर्चा तेज है कि या तो स्वतंत्र देव को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है या फिर शिकायतों के चलते मोहसिन रजा की मंत्रिमंडल से छुट्टी की जा सकती है।

मंत्रिमंडल के पांच लोगों को सरकार में बने रहने के लिए 19 सितंबर के पहले विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य होना जरूरी है। भारत निर्वाचन आयोग ने विधान परिषद की चार रिक्त सीटों पर उपचुनाव के लिए जो अधिसूचना जारी की है उसकी आखिरी तारीख 18 सितंबर है। यह महज संयोग हो सकता है लेकिन सरकार के लिए यह सबसे बड़ी जरूरत थी। चार रिक्त सीटों पर उपचुनाव होना है, जबकि दावेदार पांच हैं। ऐसे में किसी एक का किनारे होना तय है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर मंत्रिमंडल से किसकी छुट्टी होगी।

325 विधायकों वाली प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भाजपा ने 19 मार्च को जब सरकार बनाई तो शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह और राज्यमंत्री मोहसिन रजा विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं थे। अब इन सबको सरकार में रहने के लिए सदन का सदस्य होना जरूरी है।