ऋषभ पंत को किसने बचाया? एयरबैग्स या किस्मत? यहां जानिए पूरी वजह
कारों की सेफ्टी पर बढ़ा फोकस
पिछले कुछ सालों में भारतीय कार बाजार में सेफ्टी पर फोकस बढ़ा है। लोग अब कार खरीदते वक्त सेफ्टी रेटिंग और फीचर्स पर काफी ध्यान देने लगे हैं। सरकार की ओर से भी कड़े नियम बनाए जा रहे हैं और कार कंपनियां भी अपनी गाड़ियों में ज्यादा सेफ्टी फीचर्स को प्रमोट कर रही हैं। सबसे ज्यादा फोकस एयरबैग्स पर ही है। दो एयरबैग्स तो अब सभी गाड़ियों में आ ही रहे हैं। कई कंपनियां 4 और 6 एयरबैग्स तक अब मास सेगमेंट की गाड़ियों में देने लगी हैं। पहले इतने एयरबैग्स सिर्फ लग्जरी गाड़ियों में आते थे। फ्रंट में दो एयरबैग्स के अलावा दो साइड एयरबैग्स कंपनियां दे रही हैं। इसके अलावा कर्टेन एयरबैग्स आते हैं, जो एक्सीडेंट की स्थिति में फ्रंट से लेकर पीछे तक के पैसेंजर को सेफ रखते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऋषभ की कार में भी एयरबैग्स ने उन्हें एक प्रोटेक्टिव लेयर में समेट लिया होगा, जिससे उन्हें जानलेवा चोटें नहीं आईं।
सीट बेल्ट भी काम का
एयरबैग्स से भी ज्यादा जान बचाने वाला फीचर है सीट बेल्ट। अगर आपने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी है, तो कोई एयरबैग आपको बचा नहीं सकता। सबसे जरूरी है कि कार में बैठे सभी लोग सीट बेल्ट लगाएं। फ्रंट में बेल्ट न लगाने पर अलार्म बजता है, चालान का भी डर होता है इसलिए लोग बेल्ट लगा लेते हैं, लेकिन पीछे बैठे पैसेंजर्स के लिए भी सीट बेल्ट बेहद जरूरी है। बल्कि उनके लिए ज्यादा जरूरी है सेफ्टी के लिहाज से।
डिस्क ब्रेक्स जरूरी
अच्छी ब्रेकिंग के लिए डिस्क ब्रेक्स जरूरी हैं। ABS (एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम) अचानक ब्रेक लगाने पर पहियों को जाम होने से रोकता है। ऐसे कई सेफ्टी फीचर्स गाड़ियों में आने लगे हैं, जो एक्सीडेंट होने से बचाने में मदद करते हैं। लेकिन इन सबके साथ जरूरी है कार की स्ट्रक्चरल सेफ्टी। यानी गाड़ी का बुनियादी ढांचा मजबूत होना चाहिए। इन्हीं सब पैमानों के आधार पर ग्लोबल NCAP नाम की संस्था गाड़ियों को सेफ्टी रेटिंग देती है। 5 स्टार रेटिंग वाली गाड़ियां सबसे सेफ मानी जाती हैं।
ओवरस्पीडिंग की तो सब सेफ्टी फीचर्स बेकार…
इतना सब कुछ होने के बाद भी कई सड़क हादसों में सवारी की जान नहीं बच पाती। इसका एक बड़ा कारण को ओवरस्पीडिंग को ही माना जा सकता है। खराब सड़कों और सभी साइनेज ना होने को भी दोष दिया जाना चाहिए। कुछ मिलाकर सभी पहलुओं पर काम होना चाहिए लेकिन तब तक कार चलाने वालों को भी खुद पर थोड़ा कंट्रोल रखना होगा