WHO ने 2022 में कोरोना के संभावित खतरे से किया अलर्ट, बताया बुरे से बुरे केस में क्या होगा…

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WHO ने 2022 में कोरोना के संभावित खतरे से किया अलर्ट, बताया बुरे से बुरे केस में क्या होगा…

WHO ने 2022 में कोरोना के संभावित खतरे से किया अलर्ट, बताया बुरे से बुरे केस में क्या होगा…

कोरोना के केस भारत में तो कम हो गए हैं लेकिन चीन सहित कई जगहों पर कोविड चिंता बढ़ा रहा है। इस बीच चौथी लहर को लेकर कई खबरें आ चुकी हैं। डेल्टा और ओमिक्रॉन से मिलकर बने डेल्टाक्रॉन वायरस से भी अलर्ट रहने की बात कही जा रही है। अब सबके मन में सवाल है कि 2022 में कोविड कोरोना से राहत मिलेगी या ये फिर से लोगों को दहलाएगा। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने बुधवार को 3 पॉसिबिलिटीज पर चर्चा की है। कहा है कि सबसे बुरा यह हो सकता है कि इसका और तेजी से फैलने वाला वैरियंट आ जाए।  

हो सकता है खतरा कम

कोरोना को लेकर प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। इस बीच लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं।  कई वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि साल 2022 लोगों को कोविड के मामले में राहत देकर जाएगा। वहीं डब्लूएचओ का भी यही मानना है कि बहुत पॉसिबल है ऐसा हो कि आगे चलकर लोगों में पैदा हुई इम्यूनिटी की वजह से बीमारी की सीवियरटी कम हो जाए। 

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मुकाबले की तैयारी

वहीं UN Health एजेंसी का यह भी कहना है कि ओमिक्रॉन का ज्यादा खतरनाक वैरियंट हमारे बीच ही है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने चीफ टेड्रोस अदनोम ( Tedros Adhanom Ghebreyesus) के साथ कोरोना की तैयारी और इससे कैसे मुकाबला किया जाए इसको लेकर एक अपडेट प्लान रिलीज किया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि ये आखिरी ही होगा।

इम्यूनिटी से घट सकता है खतरा

कोविड के तीसरे साल में 3 क्या संभावनाएं और आशंकाएं हो सकती हैं इस पर बात की गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में टेड्रोस ने कहा, अब तक हमें जो पता है उसमें ज्यादा से ज्यादा यह हो सकता है कि वायरस रूप बदलता रहे लेकिन वैक्सीन और इन्फेक्शन से मिली इम्यूनिटी से बीमारी का खतरा कम हो जाए। 

नई तरह की वैक्सीन की जरूरत

उन्होंने कहा कि इम्यूनिटी कम होने के साथ केस बढ़ सकते हैं और मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है इसके लिए कमजोर लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत पड़ सकती है। सबसे अच्छा ये हो सकता है कि अब इसके कम खतरनाक वैरियंट आएं और बूस्टर या नई तरह की वैक्सीन की जरूरत न पड़े। 

बुरे से बुरा हो सकता है ये

सबसे खराब ये हो सकता है कि एक ज्यादा खतरनाक और तेजी से फैलने वाला वैरियंट आ आ जाए। इस नए वैरियंट से लड़ने के लिए लोगों की वैक्सीन से और बीमारी से मिली इम्यूनिटी घट जाए। टेड्रोस ने कहा कि ऐसे स्थिति में इस समय मौजूद वैक्सीन में बदलाव करने पड़ेंगे और यह सुनिश्चित करना पड़ेगा और जो लोग रिस्क में हैं उन तक पहुंचाई जाएं। 

कम नहीं हुई एनर्जी

WHO की टेकनिकल हेड मारिया वान करखोव ने कहा कि तीसरे साल में भी वायरस के पास काफी ऊर्जा बची है। बीते हफ्ते 10 मिलियन से ज्यादा केस और 45000 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। 

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