लोकसभा ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय विधेयक 2020 को मंजूरी प्रदान की। इसमें गुजरात के गांधीनगर स्थित रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय को उन्नत करके राष्ट्रीय महत्व की संस्था का दर्जा देने का प्रस्ताव है। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने विधेयक को चर्चा एवं पारित कराने के लिए सदन में रखा। इसे संक्षिप्त चर्चा के बाद सदन ने मंजूरी प्रदान कर दी।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि अब जरूरी है कि पुलिस से जुड़े क्षेत्र और नई तकनीक को लेकर शोध हो सके। यह भी जरूरी है कि हम इस क्षेत्र में निर्यातक बनें। इसमें यह विधेयक मददगार होगा। चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के अब्दुल खालिक ने सवाल किया कि सिर्फ गुजरात के विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय दर्जा क्यों दिया जा रहा है।
रक्षा विश्वविद्यालय विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि प्रस्तावित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय अनुसंधान एवं विभिन्न पक्षकारों के साथ सहयोग के माध्यम से नई जानकारियां सृजित करेगा तथा पुलिस एवं व्यवस्था, दंड न्याय प्रणाली एवं प्रशासन सुधार के संबंध में विशेष ज्ञान के जरूरतों को पूरा करेगा।
इस प्रस्तावित विश्वविद्यालय के संबंध दुनिया के अन्य देशों के विश्वविद्यालयों के साथ होंगे जो समकालीन अनुसंधान के आदान प्रदान, शैक्षणिक सहयोग, पाठ्यक्रम डिजाइन, तकनीकी जानकारी एवं प्रशिक्षण तथा कौशल विकास प्रयोजनों पर आधारित होंगे।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय स्थापित करने का विचार सर्वप्रथम 1967 में सामने आया था. बाद में सन् 2000 में कारगिल समीक्षा समिति और मंत्रियों के समूह ने भी इसे स्थापित करने की सिफारिश की थी. रक्षा विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए हरियाणा के गुड़गांव जिले में भूमि का अधिग्रहण किया था.
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इसके अलावा आंतरिक और बाहरी सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं पर नीति आधारित अनुसंधान को भी यह विश्वविद्यालय बढ़ावा देगा. दूर-दराज क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए मुक्त एवं दूरस्थ पाठ्यक्रम चलाने का भी प्रावधान इस विधेयक में है विश्व के अन्य देशों में मौजूदा रक्षा विश्वविद्यालयों की तरह राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय को खुद के नियमों द्वारा संचालित करने का प्रस्ताव है. प्रस्तावित विश्वविद्यालय मित्र राष्ट्रों सहित अन्य सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करेगा.प्रस्तावित मसौदा विधेयक में कहा गया है कि भारत के राष्ट्रपति इसके कुलाध्यक्ष होंगे.