योगी जी दोषियों पर कार्रवाई कब?

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योगी जी दोषियों पर कार्रवाई कब?
योगी जी दोषियों पर कार्रवाई कब?

स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले यूपी के गोरखपुर इलाकें में एक दर्दनाक हादसा हुआ, हादसें के शिकार मासूम बच्चें हुए, क्या कसूर था उन बच्चों का ? किस बात की सजा दी गई उन्हें? अरे क्यों छीन गया मासूमों से उनके जीने का अधिकार? मासूमों से जीने की आजादी छीन गई, वो भी आजादी दिवस का जश्न नजदीक आने पर? सवाल बहुत सारे खड़े होते है, इन सवालों में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आजादी के इतने सालों बाद भी हम अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत क्यों नहीं बना पाएं, आखिर हर साल किसी न किसी प्रदेश में बच्चों को लापरवाही का सामना क्यों करना पड़ता है? यूपी में तो यह मामला हर साल बढ़ता ही जा रहा है।

आपको बता दें कि पिछले तीन-चार दिन से यूपी के गोरखपुर में ऑक्सीजन न मिलने की वजह से मासूमों की मौत का दर्दनाक और शर्मनाक मामला सामने आया है। जनाब मामला इतना दर्दनाक है कि हम इसे बयां करने में असमर्थ हैं। हमारे देश के होनहार नेतागण इस मामलें पर भी अपनी तुच्छ राजनीति करने से बाज नहीं आ रहें है। जी हां, जैसे ही यह मामला सामने आया, वैसे ही मामलें की राजनीतिकरण होने लगा। फिर चाहें बात सरकार पक्ष की जाए या फिर विपक्षीय पार्टियों की जाए सब के सब मामलें में अपनी राजनीति को चमकाने में लगे हुए है। अरे मान्यवर नेतागण! कुछ तो शर्म करो, इतने गंभीर मामलें पर आपको राजनीति करने में शर्म नहीं आ रही है? चलिए बात मुद्दें की करते है कि मामलें का निरीक्षण करने प्रदेश की सीएम समेत स्वास्थ्य मंत्री पहुंचे, चलिए अच्छी बात है, पहुँचना भी चाहिए, लेकिन सवाल तो यह है कि क्या वहाँ पहुंचना ही आपकी जिम्मेदारियों को खत्म, आपको नहीं लगता है कि जल्द से जल्द दोषियों को सजा दिलवानी चाहिए, अब आप अपने बचाव पक्ष में कहेंगे कि हमने कार्रवाई करते हुए वार्ड प्रभारी को पद से हटा दिया। लेकिन सीएम योगी जी, सवाल है आपसे कि क्या पद से निलंबित कर देना ही मासूमों की मौत की कार्रवाई है, नहीं सर, कार्रवाई तो सख्त होनी चाहिए, ताकि फिर से ऐसा मामला भविष्य में सामने न आए। खैर, आपने बतौर सीएम अपनी एक जिम्मेदारी को निभाया, वह यह है कि आपने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का दिलासा तो दिलाया, लेकिन सर कहीं ये दिलासा खोखला तो नहीं साबित होगा न?

प्रदेश और देश की जनता सीएम योगी जी आपसे यही उम्मीद करती है कि आप मामलें पर जल्द से जल्द और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे।
बहरहाल, मामलें पर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि उन मासूमों को थोड़ा तो इंसाफ मिल सके। सीएम योगी जी, लौटा तो नहीं सकते अब जिंदगी मासूमों की, लेकिन एक प्रयास तो कर सकते है कि फिर से कोई मासूम खोखले व्यवस्था की बलि न चढ़े!