ऐसी 41 टीमों का क्या फायदा, जब पलूशन फैलाने वालों पर कार्रवाई ही नहीं करनी, बढ़ते प्रदूषण पर शहर के पर्यावरण प्रेमी और गृहणियां बोलीं

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ऐसी 41 टीमों का क्या फायदा, जब पलूशन फैलाने वालों पर कार्रवाई ही नहीं करनी, बढ़ते प्रदूषण पर शहर के पर्यावरण प्रेमी और गृहणियां बोलीं

ऐसी 41 टीमों का क्या फायदा, जब पलूशन फैलाने वालों पर कार्रवाई ही नहीं करनी, बढ़ते प्रदूषण पर शहर के पर्यावरण प्रेमी और गृहणियां बोलीं

वरिष्ठ संवाददाता, फरीदाबादः शहर की हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। लोगों की आंखों में जलन हो रही है और बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। गृहणियां अपने छोटे बच्चों को स्कूल भेजने से भी घबरा रही हैं। प्रदूषण नियंत्रण को लेकर फिलहाल जिस भी अथॉरिटी को कार्रवाई करनी है उसके अधिकारी लापरवाह रवैया अपना रहे हैं। शहर के पर्यावरण प्रेमी और रेजिडेंट्स ने कहा कि जब नगर निगम की 41 टीमों का गठन हो गया है तो अभी तक इन्होंने प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की। जो अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण को लेकर फील्ड में काम नहीं करते उनकी सैलरी काट लेनी चाहिए।

शहर के पर्यावरण प्रेमी धीरज राणा ने बताया कि इस वक्त शहर की हवा काफी जहरीली हो चुकी है। आंखों में जलन महसूस हो रही है। सुबह-शाम स्मॉग की चादर छाई रहती है। शहर में चारों तरफ धूल उड़ती दिखाई देती है। धूल पर नियंत्रण रखने के लिए नगर निगम को चाहिए कि वह पानी का छिड़काव करे लेकिन मुझे किसी भी सड़क पर पानी का छिड़काव होता नहीं दिखा है। निगम की टीम ने अब तक प्रदूषण फैलाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

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कामचोर अफसरों की सैलरी काट लेनी चाहिए
पर्यावरण प्रेमी विष्णु गोयल ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर कोई काम फील्ड में नहीं किया जा रहा है। निगम ने इतनी महंगी स्मॉग गन मशीन खरीद ली है लेकिन मुझे तो एक बार भी शहर की सड़कों पर नहीं दिखाई दी है। कूड़े में आग लगने की घटनाएं भी हो रही हैं। जगह-जगह सड़क किनारे मिट्टी है। सड़कों को साफ करने वाली ऑटोमैटिक मशीनें भी मुझे नहीं दिख रही हैं। ऐसे में प्रदूषण को कैसे रोका जा सकता है। नगर निगम प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं कर रहा है। सरकार को तो ये चाहिए कि वह निगम अधिकारियों की सैलरी काट ले तब जाकर ये काम करेंगे।

बच्चे हो रहे हैं बीमार
गृहिणी किरण ने बताया कि सुबह-शाम स्मॉग छाया रहता है और इससे बच्चों को दिक्कत हो रही है। मेरी बेटी प्ले स्कूल में पढ़ती है लेकिन कई दिनों से वह बीमार चल रही है। प्रदूषण और उड़ती मिट्टी से बच्चों में दिक्कत हो रही है इसलिए पिछले 3 दिन से बेटी को स्कूल नहीं भेज रही हूं। प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जो भी काम करना चाहिए वह नगर निगम करे, वरना आने वाले समय में शहर की हवा और भी जहरीली हो जाएगी।

निगम की टीमें कहीं नहीं दिख रही
पर्वतीय कॉलोनी में रहने वाले वरुण दीक्षित ने बताया कि हर साल यही होता है कि इस मौसम में प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ जाता है। प्रदूषण के कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में नगर निगम को चाहिए कि वह पहले से ही तैयारी करे ताकि प्रदूषण न बढ़ सके। प्रदूषण रोकने की जिम्मेवारी सभी विभागों की है लेकिन सभी विभाग मिल कर काम नहीं कर रहे हैं। निगम की टीमें तो कहीं दिखाई ही नहीं दे रही हैं।

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