सुहागरात और हनीमून में क्या अंतर है ?

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सुहागरात और हनीमून में क्या अंतर है?

सुहागरात और हनीमून में क्या अंतर है

एक स्त्री जब पति को अपना तन,मन,और आत्म सौंपकर उसकी सहचर बनती है वह रात्रि सुहागरात होती है। इसमें साक्षी केवल कृष्ण(अन्धकार) वायु और जल देवता होते हैं।Honeymoon किसी रमणीय स्थान पर दो शरीरों का शारीरिक मिलन होता है। इसमें भावनाएं कम और वासनाएं अधिक होती है।

सुहागरात मनाने वाली सुहागिन होने को जीवन का परमध्येय बना लेती है। हनीमून के जोड़े में सौन्दर्य का आकर्षण अधिक रहने से समय के संग ऊब हो जाती है। बात शादी की करें तो शादी के बाद हनीमून उतना ही जरूरी हो चुका है जितना दुल्हन का पार्लर जाना।शादी का अर्थ दो लोगों का औपचारिक व कानूनी रुप से मिलन होता है औऱ सुहागरात को विवाहित जिंदगी का पहला पड़ाव कहा जाता है।

honeymoon

आम तौर पर सुहागरात का मतलब नव दंपति का शारीरिक रूप से एक होना माना जाता है। लेकिन जिंदगी की इस खास रात को इतना ही समझ लेना गलत होगा। क्योंकि शादी के बाद सुहागरात ही पति-पत्नी के नए जीवन की वह पहली रात होती है, जिसमें वह दोनों एक साथ होते हैं। सुहागरात को लेकर दुल्हा और दुल्हन दोनों के मन में उत्सुकता के साथ घबराहट भी बनी रहती है। खासकर दुल्हन के मन में सुहागरात को लेकर कई तरह के सवाल घूमते रहते हैं। और वहीं बात की जाए

शादी कैसी भी हो, अमीर की हो या मिडिल क्लास की, लेकिन हनीमून पर सबको जाना है। अमीर स्विट्जरलैंड जाते हैं औऱ सामान्य कपल शिमला मनाली घूम आते हैं। शादी के बाद हनीमून एक आवश्यक कर्म सा बन गया है। कभी शादी के बाद के मधुर लम्हो को सेलिब्रेट करने के लिए हनीमून की अवधारणा बनी थी, जो अब क्रेजीनेस में बदल गई है।हनीमून की शुरूआत ब्रिटेन में हुई।

Couple Looking at Each Other -

इसका मतलब था कि जो लोग शादी में नहीं आए, दूल्हा दुल्हन खुद उनके घर जाकर उनसे मिलकर आते है। इससे रिश्ते प्रगाढ़ होते हैं औऱ दूल्हा दुल्हन का घूमना फिरना भी हो जाता है। मेजबान दूल्हा दुल्हन को शहद चटाकर उनके दांपत्य जीवन में मधुर मिठास की प्रार्थना करते थे। इसलिए इस परंपरा का नाम हनीमून पड़ा। सुहागरात का अर्थ केवल संबंध बनाना ही नहीं होता। यह पति और पत्नी के बीच पहली रात होती है इसलिए अगर आपके और आपके पार्टनर के बीच संबंध न बने तो इसमें बुरा मानने वाली कोई बात नहीं है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. यह खबर इंटरनेट से ली गयी है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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क्योंकि आपको अपनी सारा जीवन अपने पार्टनर के साथ बिताना है।शादी के बाद फर्स्टल नाइट पर ध्यान रहें कि आपकी पार्टनर पूरी तरह से रिलेक्सड हो।हमेशा इस बात का खयाल रखें कि आपके जीवन में यह पल दोबारा लौटकर नहीं आएगा। इस लिए इस समय की अहमियत समझकर इस पल को एंजॉय करें।

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