विचित्र भविष्य !

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विचित्र भविष्य !

आज हम एक ऐसी दुनिया में है जहां भविष्य की कल्पनाएं तो कम है मगर आंशकाएं ज्यादा. हम सिर्फ अंधविश्वास कहकर इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते क्योंकि अंधविश्वास से दूर रहने वाला और दावे करने वाला हमारा विज्ञान भविष्य के बारे में सोचता है तो वह भी कोई अच्छी कल्पना नहीं करता । ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण परिवर्तन से दुनिया तबाह, खत्म होने को अक्सर सुनने को मिलता है । ऐसी आंशकाएं कितनी जताई जा चुकी है की किसी विशालकाय उल्कापिंड से टकरा कर हमारी पृथ्वी खत्म हो सकती है । वैज्ञानिको की नींद हराम है इससे बचने के उपाय ढूंढ़ने में, और इस परिकल्पना ने न जाने कितनी कहानियों, कथाओ और फिल्मो को जन्म दिया है। इस बार संसार के सबसे प्रतिभाशाली दिमाग वाले व्यक्ति, प्रसिद्ध खगोलशास्त्रीय और भूगोलशाष्त्रीय स्टीफन हॉंकिंग ने कहा है कि हमारे पास अब बस सौ साल बचे है। बीबीसी की शुरू होने जा रही एक नई सीरीज में उन्होंने कहा है कि मौसम में हो रहे बदलावों, ऐस्टरॉइड्स के टकराने और बढ़ती जनसंख्या के खतरे के चलते इंसानों को अगले सौ सालों में एक नए ग्रह पर बसने की जरूरत होगी।

‘एक्सपिडिशन न्यू अर्थ’ (नई पृथ्वी की खोजयात्रा) नाम की इस डॉक्युमेंट्री में प्रफेसर हॉकिंग और उनके पुराने स्टूडेंट क्रिस्टॉफे गैलफॉर्ड दुनिया की सैर कर पता लगाएंगे कि इंसान अंतरिक्ष में कैसे खुद को जिंदा रख सकता है। इसी सीरीज में प्रफेसर ने दावा किया कि धरती और इस पर रह रहे इंसानों का समय पूरा हो रहा है। उन्हें जिंदा रहने के लिए इसे छोड़ना होगा। टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस शो का मकसद लोगों से उनके जीवन के सबसे प्रभावशाली चीज के लिए वोट करने की मांग कर ब्रिटेन के सबसे बड़े आविष्कार की खोज करना है।