जानियें, चीन ने पीएम मोदी को क्या सलाह दी?

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जानियें, चीन ने पीएम मोदी को क्या सलाह दी?
जानियें, चीन ने पीएम मोदी को क्या सलाह दी?

भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद हाल ही में खत्म में हुआ है। विवाद खत्म होने के तुंरत बाद पीएम मोदी के ब्रिक्स सम्मेलन मॆं जाने की घोषणा हुई। यह घोषणा विदेश मंत्रालय द्वारा की गई थी। आपको बता दें कि पीएम मोदी ब्रिक्स सम्मेलन के लिए सिंतबर में चीन जाएंगे। ऐसे में चीन ने पीएम मोदी को इशारों-इशारों में एक सलाह दे डाली है। अब आप सोच रहे होंगे कि चीन ने आखिर पीएम मोदी को क्या सलाह दी होगी तो चलिए आपको बताते है कि आखि चीन ने मोदी को क्या सलाह दी है?

आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों की सालाना बैठक में शामिल होने के लिए चीन जाने से पहले पड़ोसी देश ने इशारों में पाकिस्तान द्वारा आंतकवाद को बढ़ावा देने का मुद्दा न उठाने की सलाह इशारों-इशारों में दी है। जी हाँ, तो चीन ने पीएम मोदी को सलाह दिया है कि बैठक में पाकिस्तान आंतकवाद का मुद्दा न उठाए। खबर के मुतबाकि, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता के तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हमने ध्यान दिया है कि भारत की पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक कार्यक्रम को लेकर कुछ चिंताएं हैं। साथ ही चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि हमें नहीं लगता कि ब्रिक्स बैठक में चर्चा करने के लिए ये उचित विषय है।

ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी लेंगे हिस्सा…

आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी चीन में तीन से पांच सितंबर तक होने वाली ब्रिक्स बैठक में शामिल होने वाले हैं। साथ ही आपको याद दिला दें कि पीएम मोदी ने पिछले साल गोवा में हुई ब्रिक्स बैठक में पाकिस्तान को आतंकवाद का जनक बताया था।

चीन ने दी पीएम को सलाह….

आपको यह भी बता दें कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ये भी संकेत दिया कि ब्रिक्स देशों की बैठक में भारत द्वारा पाकिस्तान का मुद्दा उठाने से सम्मेलन विफल हो सकता है क्योंकि पाकिस्तान पर सवाल उठाए जाने पर उसका दोस्त चीन बचाव में उतर आएगा। इसके साथ ही चीनी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया कि निगाह इस बैठक पर है और इसमें शामिल सभी पक्षों को इसकी सफलता निर्धारित करनी चाहिए। ब्रिक्स सम्मेलन तीन सितंबर को चीन के शियामेन में शुरू होगा।

चीन की सलाह पर बड़ा सवाल…

चीन द्वारा पीएम मोदी को दी गई सलाह पर सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि क्या चीन आंतकवाद का समर्थन करता है, हालांकि चीन-पाकिस्तान के रिश्ते अच्छे है, लेकिन रिश्ते अपनी जगह होने चाहिए और विश्व की समस्या पर विचार-विमर्श अपनी जगह होनी चाहिए।