आज के तारीख की सच्चाई है | हम आलोचना कर कर के अपनी ही कमियों को छिपाना बहादुररी समझते हैं| हम युवा पीढ़ी सिर्फ और सिर्फ अपना वक़्त फालतू के सवालो में उलझ कर सवालो को गंभीर बनाने में लगे रहते है |
कुछ फालतू लेकिन गंभीर सवाल भारत के युवा के सामने इस प्रकार है :-
1. व्हाट्सप्प में नीली टिक होने के बाद भी उसने रिप्लाई क्यों नहीं किया ?
2. फेसबुक में उसको फ्रेंड-रेक़ुएस्ट भेजूंगा तो क्या वो एक्सेप्ट करेगी/करेगा ?
3. सचिन/शाहरुख़ की बेटी कितनी अच्छी अदाकारा होंगी? (लड़कियों के लिए यही सवाल- टाइगर श्रॉफ, आयुष्मान खुराना से सम्बंधित है.
4. मोदी सरकार बेहतर है या कांग्रेस बेहतर थी? कौन नौकरी ज्यादा दिला सकता है?
5. 2019 में प्रधानमंत्री कौन बनेगा ?
6. मैं अपनी मंजिल हासिल कर पाऊँगा या नहीं ?
7. हमारे देश से आरक्षण कब खत्म होगा ? ( माफ करना पर एेसा आम वार्तालापों में सवाल उठता रहता हैं )
8. मुझे अपने जीवन में क्या करना चाहिए ?
9. मैं कम समय मे ज्यादा पैसा कैसे कमाऊ ?
10. टिक टोक पर लाइक कैसे लिए जाए।
अंत में सबसे फालतू की चिंता पालते हैं आज के युवा :-
11. अरे! मुझे पढ़ना भी है न ? जवाव कहाँ से आएंगे यदि कोई जुगाड़ मिल जाये तो बात बन जाये |
इतनी सारी फालतू लेकिन बेहद ही गंभीर सवाल आज के तारीख में भारत के युवाओ के सामने है |