WFI Elections: 12 अगस्त को नहीं होगा कुश्ती महासंघ के चुनाव, हाई कोर्ट ने इस वजह से लाई रोक

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WFI Elections: 12 अगस्त को नहीं होगा कुश्ती महासंघ के चुनाव, हाई कोर्ट ने इस वजह से लाई रोक


WFI Elections: 12 अगस्त को नहीं होगा कुश्ती महासंघ के चुनाव, हाई कोर्ट ने इस वजह से लाई रोक

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के शनिवार को होने वाले बहुप्रतीक्षित चुनावों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। अदालत ने यह कार्रवाई हरियाणा कुश्ती संघ (HWA) द्वारा दायर की गई याचिका पर की। HWA ने हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ को डब्ल्यूएफआई के चुनाव में मतदान का अधिकार देने के फैसले को चुनौती दी थी। हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष सांसद दीपेंद्र हुड्डा हैं।

हरियाणा कुश्ती संघ का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट रविंदर मलिक ने कहा कि HWA राज्य में एक पंजीकृत सोसायटी है और डब्ल्यूएफआई से मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफआई के नियमों और संविधान के अनुसार कोई भी मान्यता प्राप्त पंजीकृत संस्था डब्ल्यूएफआई चुनाव में वोट डालने के लिए दो प्रतिनिधियों को भेज सकती है। HWA के वकील ने कहा कि एक अन्य संस्था हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ ने दावा किया है कि वह डब्ल्यूएफआई के साथ-साथ हरियाणा ओलंपिक संघ (एचओए) से भी मान्यता प्राप्त है।

हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ ने दावा किया कि HWA चुनाव प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकता क्योंकि वह डब्ल्यूएफआई से मान्यता प्राप्त नहीं है। वकील ने कहा,‘चुनाव अधिकारी ने हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि वह हरियाणा कुश्ती संघ के साथ डब्ल्यूएफआई से मान्यता हासिल करने की शर्तों को पूरा करते हैं। हमने चुनाव अधिकारी के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जिसमें कहा गया है कि हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ डब्ल्यूएफआई से मान्यता प्राप्त हो सकता है, लेकिन यह एचओए से मान्यता प्राप्त नहीं है, जिसका मतलब कि वह चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने का हकदार नहीं हैं।’

HWA के प्रतिनिधि मलिक ने कहा,‘यदि हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ को चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी जाती है, तो इससे पूर्वाग्रह पैदा होगा और साथ ही डब्ल्यूएफआई चुनाव भी अवैध माने जाएंगे।’

अदालत ने इस पर संज्ञान लिया और कहा कि यह किसी के प्रति पूर्वाग्रह पैदा कर सकता है और प्रथम दृष्टया लगता है कि हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ वोट डालने की पात्रता नहीं रखता है। हाई कोर्ट के न्यायाधीश विनोद एस भारद्वाज की अदालत ने डब्ल्यूएफआई के चुनावों पर रोक लगा दी है। भारतीय ओलंपिक संघ ने डब्ल्यूएफआई के संचालन के लिए तदर्थ पैनल नियुक्त किया था जिसने पहले चुनाव की तिथि छह जुलाई तय की थी लेकिन महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की गैर मान्यता प्राप्त राज्य इकाइयों ने सुनवाई के लिए पैनल से संपर्क किया जिसके बाद चुनाव की तिथि 11 जुलाई निर्धारित की गई। इन राज्य इकाइयों ने कहा था कि उनको बाहर करना सही नहीं था।

तदर्थ पैनल ने इन राज्यों के प्रतिनिधियों की बात सुनी लेकिन इसके बावजूद 11 जुलाई को चुनाव नहीं हो सके क्योंकि असम कुश्ती संघ ने चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार मांगने के लिए गुवाहाटी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने इसके बाद चुनाव पर रोक लगा दी। उच्चतम न्यायालय ने इसके बाद गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाकर 12 अगस्त को चुनाव कराने का रास्ता साफ किया था लेकिन शुक्रवार के आदेश के बाद चुनाव प्रक्रिया पर सवालिया निशान लग गया है।

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