WFI Election: बृजभूषण शरण सिंह और उनका बेटा कुश्ती संघ के चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे, दामाद का नाम लिस्ट में

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WFI Election: बृजभूषण शरण सिंह और उनका बेटा कुश्ती संघ के चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे, दामाद का नाम लिस्ट में


WFI Election: बृजभूषण शरण सिंह और उनका बेटा कुश्ती संघ के चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे, दामाद का नाम लिस्ट में

नई दिल्ली: बृजभूषणशरण सिंह और उनका बेटा करण भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के आगामी चुनाव में मतदाता सूची का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन यह हैरान करने वाला है कि सूची में ऐसे सदस्यों को शामिल किया गया है जो मौजूदा राज्य इकाइयों से नहीं जुड़े हैं। डब्ल्यूएफआई के संविधान के अनुसार राज्यों की कार्यकारी समिति के सदस्यों को ही चुनाव में मतदाता सूची में शामिल किया जा सकता है। डब्ल्यूएफआई संविधान के अनुसार, ‘मान्यता प्राप्त इकाई केवल अपनी कार्यकारी समिति के सदस्य को चुनाव में प्रतिनिधित्व के लिए नामित कर सकती है।

बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में गवाहों की सूची में शामिल अनीता श्योराण को 12 अगस्त को होने वाले चुनाव में ओडिशा के प्रतिनिधि के रूप में शामिल किया गया है। राष्ट्रमंडल खेल 2010 की स्वर्ण पदक विजेता 38 साल की अनीता हरियाणा की रहने वाली हैं और राज्य पुलिस में नौकरी करती हैं। इस तरह प्रेम चंद लोचब का नाम गुजरात के प्रतिनिधि के रूप में शामिल है जबकि वह असल में रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड (आरएसपीबी) के सचिव हैं। साथ ही तदर्थ पैनल के हैरानी भरे फैसले में असम को सदस्यता देने के बाद राज्य को वोटिंग अधिकार दिया गया है।

डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने कहा, ‘एक तदर्थ पैनल कैसे एक राज्य को सदस्यता दे सकता है। यह फैसला आम परिषद में किया जाता है। यह समझना मुश्किल है कि यह फैसला कैसे किया गया।’ सूत्र ने कहा, ‘यह डब्ल्यूएफआई के संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है कि ऐसे लोगों को मतदाता सूची में नामित किया गया और स्वीकृति दी गई जो राज्य संस्थाओं का हिस्सा नहीं हैं।’

उत्तरप्रदेश संघ के अध्यक्ष बृजभूषण और राज्य संघ का उपाध्यक्ष उनका बेटा करण चुनाव का हिस्सा नहीं है, लेकिन डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष का दामाद विशाल सिंह चुनावों में बिहार का प्रतिनिधित्व करेगा। महाराष्ट्र और त्रिपुरा का कोई प्रतिनिधि चुनाव में नहीं होगा। निर्वाचन अधिकारी ने महाराष्ट्र के दोनों गुटों के दावों को खारिज कर दिया जबकि त्रिपुरा की 2016 से ही मान्यता रद्द है। प्रत्येक राज्य इकाई से दो प्रतिनिधियों को मतदान करने की अनुमति दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से सांसद बृजभूषण यौन उत्पीड़न के कई आरोपों का सामना कर रहे हैं और अभी जमानत पर हैं। वह चुनाव नहीं लड़ सकते क्योंकि उन्होंने पदाधिकारी के रूप में 12 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुसार किसी भी पदाधिकारी का कार्यकाल 12 साल से अधिक नहीं हो सकता। अब उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व प्रेम कुमार मिश्रा और संजय सिंह करेंगे।



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