जेल का खाना खाकर मोटे हो रहे हैं कैदी, मगर बाहर परिवार…

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जेल का खाना खाने से हर कोई तौबा करता है। जहां एक तरफ कैद में रहते हुए सजायाफ्ता कैदी उदास रहता हैं, वहीं, जेल के बाहर उसके परिजन भी परेशान रहते हैं। मगर इस बीच कुछ कैदियों को जेल में मिलने वाला खाना इतना अच्छा लग रहा है कि उनका वजन 20 से 30 किलो तक बढ़ गया है। दरअसल, पूरा मामला सरकारी जेलों का है।

राजस्थान की संभाग की जेलों में बंद 2300 कैदियों में से करीब 200 के आंकड़े खंगाले गए तो सामने आया कि 80 फीसदी कैदियों का वजन पहले से 30 किलो तक बढ़ गया है। इसके पीछे जेल में मिलने वाले तय कैलोरी के नियमित खाने के अलावा परिश्रम और व्यायाम नहीं कराना भी बड़ा कारण है। दरअसल, एक केस हवाला देकर आपको यह समझाने की कोशिश करते हैं कि जेल में सजा काट रहे कैदियों का वजन कैसे बढ़ रहा है।

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1- केस अफराजुल हत्याकांड का आरोपी शंभु 55 से हुआ 85 किलो।


राजनगर रेगर मोहल्ला निवासी शंभुनाथ रेगर ने पश्चिम बंगाल के भवन निर्माण श्रमिक ठेकेदार अफराजुल पर 6 दिसंबर 2017 में गंडासे से ताबड़तोड़ वार किए फिर पेट्रोल डाल जिंदा जला दिया। हत्याकांड का लाइव वीडियो बनाकर उसे वायरल भी किया। मामले ने धार्मिक रंग भी लिया। 7 दिसंबर 2017 को पुलिस ने शंभु को गिरफ्तार किया तो उस वक्त उसका वजन 55 किलो था। अब जोधपुर सेंट्रल जेल में शंभुनाथ का वजन 85 किलो है।

वहीं राजसमंद जेलर जसवंत सिंह का कहना है कि बंदियों को जेल डाइट के अनुसार ही खाना देते हैं। जेल छोटी होने से बंदी न तो घूम सकते हैं और न शारीरिक श्रम कर सकते हैं। ऐसे में वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा नरेन्द्र कुमार जो की जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एडीजे सचिव हैं, उनका कहना है कि जेलों में जगह के अभाव में बंदियों का शारीरिक श्रम नहीं हो पाता है, यह इनके वजन बढ़ने का कारण हो सकता है। राजसमंद जेल में क्षमता से तीन गुना ज्यादा बंदी रहते हैं।

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