Water Crisis In Tikamgarh : बुंदेलखंड के इस गांव में पानी की भारी किल्‍लत, जीने के लिए गंदा पानी पीने को मजबूर है यहां के लोग

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Water Crisis In Tikamgarh : बुंदेलखंड के इस गांव में पानी की भारी किल्‍लत, जीने के लिए गंदा पानी पीने को मजबूर है यहां के लोग

टीकमगढ़ : मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के इस गांव से जो तस्‍वीरें सामने आईं है, ये तस्‍वीरें मन को विचलित कर (Villagers forced to drink drain water) सकती है। गर्मी के मौसम में यहां के लोग नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर (Water Crisis In Tikamgarh) है। ये वहीं बुंदेलखंड है जहां के नायकों ने स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे, लेकिन आजादी मिले 75 साल गुजर गए और यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित है।

टीकमगढ़ जिले का दरगाय खुर्द गांव जहां की दलित बस्ती के लोगों के लिए पीने के पानी के लिए गर्मी के मौसम में कोई साधन नहीं है। ऐसे में दलित गंदी पोखर से पानी भरकर लाते है और अपने तन-मन की प्यास बुझा रहे हैं। इन तस्वीरों को देख करके मन कई बार विचलित होता है कि भारत और मध्य प्रदेश सरकार की ऐसी कितनी योजनाएं हैं जो दलितों के हितों के लिए संचालित हैं, लेकिन उनकी हकीकत क्या है इन तस्‍वीरों से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि वातानुकूलित कमरों से बनकर निकली विकास योजनाओं का हस्त्र बुंदेलखंड की सर जमी पर क्या हो रहा है।
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अन्‍य समाज के लोग दलितों को पानी नहीं भरने देते
स्थानीय सुकन बंशकार कहती हैं कि गर्मियों के मौसम आते ही दलितों को इसी तरह नाले का पानी पीना पड़ता है क्योंकि अन्य समाज के लोग उन्हें अपने जल स्रोतों से पानी नहीं भरने देते हैं। ऐसे में उनके पास कोई विकल्‍प नहीं बचता है कि वह कहां से पानी लाए मजबूर होकर के उन्हें गंदे तालाब से अपने घर पर पानी ले आना पड़ता है।
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तहसीदार बोले- अभी चुनाव में व्‍यस्‍त हूं…
वहीं, मामले को लेकर मोहनगढ़ तहसीलदार जन्मेजय मिश्रा ने बताया कि अभी चुनाव चल रहे हैं और चुनाव में व्यस्त हूं जैसे ही चुनाव से फुर्सत हो जाऊंगा तो निश्चित ही दरगाय खुर्द गांव का दौरा करूंगा और वहां पर पानी की समस्या देखूंगा।



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