पोर्न वीडियो देखने के नुकसान और इससे छुटकारा पाने के उपाय?

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पोर्न वीडियो देखने के नुकसान और इससे छुटकारा पाने के उपाय?

पोर्न फिल्मों या सेक्स क्लिप्स को बार-बार देखने की लत पोर्न एडिक्शन है। पॉर्नोग्राफिक कंटेंट जैसे वीडियो, फोटो और सेक्सुअल एक्टिविटी के बारे में पढ़ना पोर्न एडिक्शन है। पोर्न एक्टिविटीज़ को देखते हुए पॉर्नोग्राफिक मटीरियल का इस्तेमाल करना भी इसी लत में शामिल है।

अलग-अलग लोगों में पॉर्न एडिक्शन के लक्षण भी अलग हो सकते हैं लेकिन इसके बावजूद कुछ बेहद ही कॉमन लक्षण भी दिखते हैं। कई बार ये लक्षण बाहर के लोगों को भी नज़र आने लगते हैं, जैसे :

  • बार-बार पॉर्न देखने से खुद को रोक नहीं पाना।
  • पॉर्न देखने के लिए पैसा और वक्त, दोनों हद से ज्यादा खर्च करना।
  • दिमाग में बार-बार पॉर्न देखने का ख्याल आना या फिर वे काम करना, जिससे पॉर्न आसानी से देखा जा सके।
  • पॉर्न के नेगेटिव इफेक्ट्स के बावजूद खुद को पॉर्न देखने से न रोक पाना।
  • परिवार, ऑफिस, बच्चे या फिर सभी जरूरी कामों को छोड़ पॉर्न देखना।
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किसी चीज़ की लत तभी लगती है, जब आप अपनी रेगुलर लाइफ से खुश या संतुष्ट होना बंद कर देते हैं। अब चाहे वह सोशल लाइफ हो या पर्सनल लाइफ, ह्यूमन बॉडी या मन, दोनों शांति और अच्छा महसूस करना चाहते हैं। लेकिन कई बार यह अच्छा महसूस करने की इच्छा और संतुष्टि, शख्स को गलत चीज़ों की तरफ बढ़ा देती है। ठीक इसी तरह पोर्न एडिक्शन भी है। दिमाग में गुस्सा, अनसैटिस्फाइड होना, स्ट्रेस, थकान, डिप्रेशन, लोगों का रिजेक्शन जैसी तमाम चीज़ों की वजह से लोग ड्रग्स, शराब या फिर पोर्न के आदि हो जाते हैं।

पोर्न एडिक्टेड लोगों के साथ भी ऐसा ही है। लाइफ से असंतुष्टि और लोगों द्वारा रिजेक्शन पोर्न देखने की इच्छा को बढ़ाता है और दिमाग में इस इच्छा को बढ़ाने का काम करते हैं न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन, ऑक्सीटॉनिक, एड्रेनालाइन, सेरोटॉनिक और एंडोर्फिन्स जैसे बायोकेमिकल्स। पोर्न देखने की इच्छा को यही केमिकल तेज़ करते हैं।

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पॉर्न एडिक्शन (Porn Addiction) के कई तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कुछ इफेक्ट्स तो लंबे समय तक परेशान करते हैं। कई रिसर्च बताती हैं कि पॉर्न एडिक्शन से शराब और ड्रग्स की लत लग जाती है तो कई बार जुए की भी आदत हो जाती है और इनसे आसानी से पीछा छुड़ाना मुश्किल है। इतना ही नहीं, पॉर्न एडिक्शन दिमाग पर भी बहुत बुरा प्रभाव डालता है। एक बार पॉर्न एडिक्शन लग जाए तो शख्स का लोगों से मिलना-जुलना बंद हो जाता है। शख्स दिन भर मोबाइल पर ही एक्टिव रहता है। ज्यादा वक्त मोबाइल पर बिताने और सामाजिक तौर पर लोगों से दूर होने पर वह डिप्रेशन का शिकार होने लगता है। यह नकारात्मक प्रभाव सिर्फ पॉर्न एडिक्टेड (addicted to porn) शख्स को ही नहीं, उसके आस-पास मौजूद लोगों पर भी बुरा प्रभाव डालता है।

पॉर्न एडिक्शन सिर्फ मेंटली और सोशली ही नहीं बल्कि इससे एक कदम आगे पैसों की तंगी, भी ला देता है। इस आदत में शख्स जरूरी चीज़ों पर पैसे खर्च न कर, पॉर्न को देखने के लिए पैसे उड़ाता है। इससे धीरे-धीरे उसका बिहेवियर गुस्सैल और चिड़चिड़ा हो जाता है।

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साभार-hindi.popxo.com