Vipakshi Ekta ki Baithak: बिहार में विपक्षी दलों की बैठक पर निजी महत्वाकांक्षा भारी!

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Vipakshi Ekta ki Baithak: बिहार में विपक्षी दलों की बैठक पर निजी महत्वाकांक्षा भारी!

Vipakshi Ekta ki Baithak: बिहार में विपक्षी दलों की बैठक पर निजी महत्वाकांक्षा भारी!

पटना: बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है। इस बैठक में करीब 17 दलों के नेताओं के भाग लेने की संभावना है।इसी बीच कई नेताओं के बयानों और आम आदमी पार्टी के पटना में लगाए गए एक पोस्टर के बाद कहा जाने लगा है कि भले ही विपक्ष की एकजुटता को लेकर यह बैठक आहूत की गई है। लेकिन, इस पर नेताओं और पार्टियों की निजी महत्वाकांक्षा भारी पड़ती दिख रही है।

पोस्टर पर संग्राम

पटना की सड़कों पर विकास कुमार ज्योति, जो खुद के आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता और पूर्व में पार्टी का प्रवक्ता होने का दावा करते हैं, का लगाया गया पोस्टर चर्चा में है। इस पोस्टर में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जहां भावी प्रधानमंत्री बताया गया है। वहीं, बिहार के सीएम नीतीश कुमार से सावधान भी किया गया है। ज्योति बताते हैं कि ऊपर से ऐसा पोस्टर लगाने का कोई आदेश नहीं है। लेकिन, खुद वे अपने नेता को आगाह करना दायित्व समझते हैं।

पोस्टर में लिखा गया है कि न आशा है न विश्वास है, संभल कर रहना देश के लोगों, ये नीतीश कुमार है, मोदी जी का खासम खास है। इस पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के हाथ से हाथ मिलाए एक तस्वीर भी है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल विपक्षी दलों की बैठक के पूर्व गुरुवार को ही पटना पहुंच गए हैं। बताया जाता है कि विपक्षी दलों की बैठक के पूर्व ही केजरीवाल ने सबसे पहले सेवा अधिकार से जुड़े अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस से अपना रुख साफ करने की मांग कर दी है। इधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस को वोट काटने से बचने की सलाह दी है।

विपक्षी एकता बरसाती मेढ़कों को तौलने के समान

भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी कहते भी हैं कि विपक्षी एकता बरसाती मेढ़कों को तौलने के समान है। एकता के नाम पर हर दल शर्तें थोप रहा है। मायावती, कुमारस्वामी, केसीआर, नवीन पटनायक, वाईएसआर ने तो पहले ही किनारा कर लिया। अरविंद केजरीवाल तो बैठक के प्रारंभ में ही संविधान की कक्षा लगाएंगे। सुशील मोदी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की शर्त है कि एकता के पहले अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस समर्थन की घोषणा करे। केजरीवाल ने इस मुद्दे पर सभी को पत्र तक लिख डाला है।

सुशील मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों में एजेंडा को हाईजैक करने की होड़ लगी है। अरविंद केजरीवाल की शर्तों के अलावा शरद पवार न्यूनतम साझा कार्यक्रम, नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ एक उम्मीदवार की रणनीति, तो कांग्रेस पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में हिंसा रोकने के एजेंडे पर पहले बात करना चाहती है।

निजी महत्वाकांक्षा छोड़ना होगा

इधर, जदयू के नेता केसी त्यागी भी कह चुके हैं कि भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए अगर किसी पार्टी को थोड़ी बहुत कुबार्नी देनी पड़े तो मन छोटा नहीं करना होगा। विपक्ष के सभी नेता एकमत हैं, तभी यह गठबंधन बन रहा है। जदयू नेता ने कहा कि विपक्षी एकजुटता में शामिल सभी पार्टियों को बड़ा दिल दिखाना होगा, तभी सफलता मिलेगी। ऐसी स्थिति में देखना होगा कौन दल अपनी निजी महत्वाकांक्षा छोड़कर बड़ा दिल दिखाती है।

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