दिल्ली का आखिरी हिंदू सम्राट चर्चा में हैं, विश्व हिंदू परिषद करने जा रही कार्यक्रम

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एक तरफ जहां धीरे-धीरे मुगलों के इतिहास को स्कूल की किताबों से कम किया जा रहा है। तो दूसरी तरफ उसकी टक्कर में मुगलों को ही हराने वाले हिंदू शासकों को फिर से इतिहास की किताबों में लाया जा रहा है। इसी कड़ी में अब दिल्ली सल्तनत के आखिरी हिंदू शासक हेमचंद्र विक्रमादित्य उर्फ हेमू का नाम जुड़ गया है।

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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, द अखिल भारतीय इतिहास संकल्न योजना (ABISY) और विश्व हिंदू परिषद इसी हफ्ते के कार्यक्रम का आयोजन करेंगी। इस कार्यक्रम में RSS नेता कृष्ण गोपाल और वीएचपी के ज्वाइंट सेकेट्ररी विनायक देशपांडे शामिल हो सकते हैं।

इनकी मांग है कि इतिहास संकलन योजना स्कूली किताबों में हेमचंद्र को जगह देनी चाहिए। आरएसएस के एक सीनियर पदाधिकारी के मुताबिक, सात अक्टूबर को पुराने किले में आखिरी हिंदू शासक के राज्याभिषेक को याद किया जाएगा। सात अक्टूबर,1556 को ही हेमू का पुराने किले में ही राज्याभिषेक हुआ था। तब से वह हेम चंद्र विक्रमादित्य के नाम से जाने जाते हैं।

आपको बता दें कि हेमू का जन्म रेवाड़ी में हुआ था, उनके पिता पुरोहित थे। उस दौरान रेवाड़ी उत्तर भारत का एक ट्रेडिंग सेंटर था। हेमू जब 17 साल के थे, तो उन्होंने इराक और ईरान से बारूद मंगाकर शेरशाह सूरी की सेना को सप्लाई करना शुरू किया था। हेमू ने 22 लड़ाईयां लड़ीं और सभी जीतीं। सात अक्टूबर 1556 को दिल्ली के पुराने किले में हेमू का राज्याभिषेक हुआ और वह हेमू से सम्राट हेम चंद्र विक्रमादित्य बन गए।