भाजपा मेरी माँ की तरह है, पीड़ादायक है दूर होना ।

540
भाजपा मेरी माँ की तरह है, पीड़ादायक है दूर होना ।
भाजपा मेरी माँ की तरह है, पीड़ादायक है दूर होना ।

नामांकन दाखिल करने के बाद नायडू काफी भावुक हो गए । उन्होंने कहा कि डेढ़ साल कि उम्र में ही उन्होंने अपनी माँ को खो दिया था। इसके बाद पार्टी ही उनकी माँ रही है । अब इससे अलग होना पीड़ादायक है। उन्हें इस बात का मलाल रहेगा कि वे अब पार्टी दफ्तर नहीं जा सकेंगे । उनकी इच्छा थी उनकी राजनीतिक सक्रियता में रहे मोदी 2019 में फिर से देश के प्रधानमंत्री बने। इसके बाद ही उनका सामाजिक जीवन में लौटने का मन था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
उन्होंने कहा कि वे इस पद की उच्च सवैंधानिक मर्यादा बरकरार रखेंगे और अपने पूर्ववर्तियों की गरिमापूर्ण परम्परा को आगे बढ़ायेंगे। नायडू ने इसके पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी व डा मुरली मनोहर जोशी से मुलाक़ात की ।

प्रधानमंत्री ने कहा ‘सभी का साथ देंगे ‘
नायडू के नामांकन से पहले सांसदों व प्रमुख नेताओं को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास दिलाया है कि राज्यसभा में उनकी वीपी को कभी ऊपर नहीं होने देंगे और उनका पूरा सहयोग करेंगे। दोनों सदनों में एनडीए का बहुमत होने से नायडू की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नायडू पहले ऐसे उपराष्ट्रपति होंगे, जिनके पास उच्च सदन के सदस्य रहने का इतना लम्बा अनुभव है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दल इस चुनाव में हमारे साथ नहीं होंगे, लेकिन उनका कहना था कि अगर पहले नाम घोषित कर देते तो उनके लिए आसानी होती।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि नायडू का भाजपा की सक्रिय राजनीति से जाना पार्टी के लिए भारी क्षति है , लेकिन इस बात की बेहद ख़ुशी है कि इस गरिमापद पर इतना योग्य व्यक्ति बैठने जा रहा है।

भव्य बनाया नामांकन
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की तरह उपराष्ट्रपति पद पर वेंकैया नायडू के नामांकन को भी भाजपा ने भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी । संसद भवन पुस्तकालय से संसद भवन में निर्वाचन अधिकारी के कार्ययालय तक जुलूस के रूप में उन्हें ले जाया गया।